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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम के संदर्भ में आजीविका संवर्द्धन और औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु विश्व बैंक द्वारा समर्थित योजना ‘संकल्प’ और ‘स्ट्राइव’ की समीक्षा कीजिये।

    24 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • ‘संकल्प’ और ‘स्ट्राइव’ योजना का परिचय दें।
    • पूर्व के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उदाहरण देते हुए इन दोनों कार्यक्रमों की तुलना करें।

    भारत सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से ‘संकल्प’ (SANKALP- Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion) तथा ‘स्ट्राइव’ (STRIVE -Skill Strengthening for Industrial Value Enhancement) नामक दो नई योजनाओं को मंज़ूरी दी है। यद्यपि भारत में प्रारंभ से ही कई प्रकार की योजनाएँ चलाई जा रही हैं जो कौशल विकास के माध्यम से औद्योगिक संवर्द्धन और दक्षता संवर्द्धन को प्रोत्साहित करने में संलग्न हैं। इसके बावज़ूद भी यहाँ व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में प्रभावी प्रशासन को सुनिश्चित करने, कौशल प्रशिक्षण और उद्योग के प्रयासों को उत्प्रेरित करने वाले विनियमों को सुसंगति प्रदान करने हेतु एक राष्ट्रीय निकाय की ज़रूरत महसूस की जाती रही है। 

    इन दोनों योजनाओं के द्वारा मान्यता और प्रमाणन के लिये राष्ट्रीय निकाय की स्थापना के माध्यम से उपर्युक्त समस्याओं के लिये समाधान प्रस्तुत किया गया है। यह प्रयास भारत में व्यावसायिक शिक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ है जब विभिन्न केंद्रीय, राज्य और निजी क्षेत्र के संस्थानों के प्रयासों को एकजुट करने के लिये एक राष्ट्रीय स्तर की निकाय की स्थापना की गई हो, ताकि व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में एकरूपता स्थापित हो और गतिविधियों के दोहराव से बचा जा सके, जिससे परिणाम बेहतर हो सकें।

    अन्य योजनाओं से अलग इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा के संदर्भ में संस्थागत और गुणवत्ता सुधार तथा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों की बाज़ार प्रासंगिकता को साधना है। इससे पूर्व के कार्यक्रमों जैसे- व्यावसायिक प्रशिक्षण सुधार परियोजना (VTIP) के माध्यम से आईटीआई के मज़बूती पर बल दिया गया था, किंतु ‘स्ट्राइव’ के माध्यम से आईटीआई की पूरी कार्यप्रणाली में सुधार की अपेक्षा की गई है। इसके अंतर्गत लघु एवं सूक्ष्म उपक्रमों, व्यावसायिक संघों और औद्योगिक समूहों को शामिल करके अप्रैंटिसशिप को भी सम्मिलित किया गया है।

    ‘संकल्प’ का उद्देश्य महिलाओं सहित हाशिये पर आधारित समुदायों का विकास करना है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और विकलांग व्यक्तियों को भी कौशल प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करने की बात शामिल है।

    इस तरह ये योजनाएँ कौशलयुक्त पारिस्थतिकी तंत्र का विकास करेंगी, जो उद्योगों को कुशल श्रमिकों की निर्बाध आपूर्ति से देश में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को बढ़ावा देगा। साथ ही ये बेहतर उद्योग-जुड़ाव और गुणवत्तापूर्ण आश्वासन के ज़रिये कौशल की बाज़ार मूल्य को बढ़ाकर कौशल विकास कार्यक्रमों की महत्वाकांक्षी मूल्य को बढ़ाने के लिये भी काम करेंगी।

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