लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

कृषि

कृषि मशीनीकरण योजना पर उप-मिशन

  • 14 Jun 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कृषि वानिकी योजना पर उप-मिशन, सतत् कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, एकीकृत बागवानी विकास हेतु मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना

मेन्स के लिये

कृषि मशीनीकरण योजना पर उप-मिशन का भारतीय कृषि हेतु महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (SMAM) योजना के तहत कृषि मशीनीकरण की विभिन्न गतिविधियों के लिये धनराशि जारी की है।

प्रमुख बिंदु:

  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में SMAM को लॉन्च किया।
    • इसके तहत NER (पूर्वोत्तर क्षेत्र) राज्यों के अलावा अन्य राज्यों हेतु 40-50% की सीमा तक विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरण और मशीनरी की खरीद हेतु सब्सिडी प्रदान की जाती है और NER राज्यों के लिये यह प्रति लाभार्थी 1.25 लाख रुपए तक 100% सीमित  है। 
    • कृषि मंत्रालय ने एक बहुभाषी मोबाइल एप, 'सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर)- फार्म मशीनरी' भी विकसित किया है जो किसानों को उनके क्षेत्र में स्थित कस्टम हायरिंग सर्विस सेंटर से जोड़ता है।

लक्ष्य:

  • लघु और सीमांत किसानों तथा उन दुर्गम क्षेत्रों में जहाँ कृषि हेतु विद्युत की उपलब्धता कम है, कृषि मशीनीकरण की पहुँच बढ़ाना।

उद्देश्य:

  • लघु और खंडित भूमि जोत तथा व्यक्तिगत स्वामित्व की उच्च लागत के कारण उत्पन्न होने वाली प्रतिकूल अर्थव्यवस्थाओं को दूर करने के लिये 'कस्टम हायरिंग सेंटर' और 'हाई-वैल्यू मशीनों के हाई-टेक हब' को बढ़ावा देना।
  • प्रदर्शन और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना।
  • पूरे देश में स्थित नामित परीक्षण केंद्रों पर कृषि मशीनों का प्रदर्शन, परीक्षण और प्रमाणन सुनिश्चित करना।

अन्य संबंधित पहलें:

कृषि/कृषि मशीनीकरण:

  • मशीनीकृत कृषि, कृषि कार्य को यंत्रीकृत करने के लिये कृषि मशीनरी का उपयोग करने की प्रक्रिया है।
    • कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिये उन्नत कृषि उपकरण और मशीनरी आवश्यक इनपुट हैं।

कृषि मशीनीकरण का स्तर:

  • भारत में लगभग 40-45% के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में मशीनीकरण का स्तर बहुत अधिक है, लेकिन उत्तर-पूर्वी राज्यों में मशीनीकरण नगण्य है।
  • कृषि यंत्रीकरण का यह स्तर अभी भी अमेरिका (95%), ब्राज़ील (75%) और चीन (57%) जैसे देशों की तुलना में कम है।

महत्त्व:

  • यह उपलब्ध कृषि योग्य क्षेत्र की उत्पादकता को अधिकतम करने और ग्रामीण युवाओं के लिये कृषि को अधिक लाभदायक एवं आकर्षक पेशा बनाने हेतु भूमि, जल ऊर्जा संसाधनों, जनशक्ति तथा अन्य इनपुट जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि के उपयोग को अनुकूलित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह कृषि क्षेत्र के सतत् विकास हेतु प्रमुख चालकों में से एक है।

नकारात्मक प्रभाव:

  • कार्यबल कम होने के कारण कृषि रोज़गार कम हो जाता है।
  • मशीनरी के प्रयोग से प्रदूषण बढ़ता है।

स्रोत-पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2