प्रारंभिक परीक्षा
गाज़ा पट्टी
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
इज़राइल और हमास आतंकवादियों के बीच हाल ही में बढ़े संघर्ष के कारण गाज़ा पट्टी वैश्विक सुर्खियों में आ गया है।
- इस उथल-पुथल के बीच इज़राइल के रक्षा मंत्री ने क्षेत्र के आवश्यक संसाधनों को बंद करते हुए, गाज़ा पट्टी की "पूर्ण घेराबंदी" की घोषणा की। इस कदम ने वर्ष 2007 से जारी गाज़ा नाकाबंदी के लंबे समय से चले आ रहे विवादास्पद मुद्दे को उजागर किया है।
गाज़ा पट्टी के संबंध में महत्त्वपूर्ण पहलू?
- परिचय: गाज़ा पट्टी पूर्वी भू-मध्यसागरीय बेसिन में स्थित है, जो दक्षिण पश्चिम में मिस्र और उत्तर व पूर्व में इज़राइल के साथ सीमा साझा करती है। पश्चिम में यह भूमध्य सागर से घिरा हुआ है।
- यह विश्व स्तर पर सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है, जहाँ एक छोटे से क्षेत्र में 2 मिलियन से अधिक निवासी रहते हैं।
- गाज़ा की स्थितियों को दर्शाने के लिये शिक्षाविदों, कार्यकर्त्ताओं और पत्रकारों द्वारा "ओपन एयर प्रिज़न" शब्द का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है।
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- वर्ष 1967 के छह-दिवसीय युद्ध के परिणामस्वरूप इज़राइल ने गाज़ा पर अधिकार कर लिया और क्षेत्र पर अपना सैन्य कब्ज़ा शुरू कर दिया।
- वर्ष 2007 में हमास के गाज़ा में सत्ता संभालने के बाद, इज़राइल और मिस्र ने इसे सुरक्षा हेतु आवश्यक बताते हुए स्थायी नाकाबंदी लागू कर दी।
- मानवीय मामलों के समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs- UN-OCHA) ने बताया कि नाकाबंदी ने गाज़ा की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में उच्च बेरोज़गारी, खाद्य असुरक्षा और सहायता निर्भरता बढ़ गई है।
- संबंधित सीमा क्षेत्र:
- गाज़ा तीनों ओर से स्थल से घिरा हुआ क्षेत्र है, हालाँकि जमीन के सिर्फ दो तरफ इज़राइल है लेकिन पश्चिम की दिशा में भूमध्यसागर में इसकी जलीय सीमा इज़राइल द्वारा नियन्त्रित होती है। जिससे समुद्र के रास्ते प्रवेश पर रोक लग जाती है।
- इसमें तीन कार्यात्मक सीमा क्रॉसिंग मौजूद हैं- करीम अबू सलेम क्रॉसिंग एवं इज़राइल द्वारा नियंत्रित इरेज़ क्रॉसिंग और मिस्र द्वारा नियंत्रित राफा क्रॉसिंग ।
- वर्तमान शत्रुता के प्रतिउत्तर में इन क्रॉसिंगों को सील कर दिया गया है।
- गाज़ा तीनों ओर से स्थल से घिरा हुआ क्षेत्र है, हालाँकि जमीन के सिर्फ दो तरफ इज़राइल है लेकिन पश्चिम की दिशा में भूमध्यसागर में इसकी जलीय सीमा इज़राइल द्वारा नियन्त्रित होती है। जिससे समुद्र के रास्ते प्रवेश पर रोक लग जाती है।
- सुर्खियों में संबद्ध स्थान:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. योम किप्पुर युद्ध किन पक्षों/देशों के बीच लड़ा गया था? (2008) (a) तुर्किये और ग्रीस उत्तर: (c) प्रश्न . भूमध्य सागर निम्नलिखित में से किस देश की सीमा है? (2017)
निम्नलिखित कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (C)
प्रश्न. दक्षिण-पश्चिम एशिया का निम्नलिखित में से कौन-सा एक देश भूमध्यसागर तक फैला नहीं है? (2015) (a) सीरिया उत्तर: (b) प्रश्न. 'गोलन हाइट्स' के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र निम्नलिखित में से किससे संबंधित घटनाओं के संदर्भ में यदा-कदा समाचारों में आता है? (2015) (a) मध्य-एशिया उत्तर: (b) प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित पद "टू-स्टेट सोल्यूशन" किसकी गतिविधियों के संदर्भ में आता है? (2018) (a) चीन उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
सेतु बंधन योजना: CRIF
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (Central Road and Infrastructure Fund- CRIF) के तहत सेतु बंधन योजना के अंतर्गत अरुणाचल प्रदेश में सात प्रमुख पुल परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
- 118.50 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली ये परियोजनाएँ वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कार्यान्वयन के लिये निर्धारित हैं।
केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (CRIF):
- परिचय:
- केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (जिसे पहले सेंट्रल रोड फंड के नाम से जाना जाता था) की स्थापना वर्ष 2000 में केंद्रीय सड़क कोष अधिनियम, 2000 के तहत की गई थी।
- इस फंड में पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क के साथ लगाया गया उपकर शामिल है।
- CRIF वित्त मंत्रालय के नियंत्रण के अधीन है।
- पहले यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन था।
- केंद्रीय सड़क कोष अधिनियम (संशोधन), 2018:
- इस संशोधन के बाद केंद्रीय सड़क कोष का नाम बदलकर केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (Central Road and Infrastructure Fund- CRIF) कर दिया गया है।
- इस संशोधन के बाद जलमार्ग, रेलवे बुनियादी ढाँचे के कुछ हिस्से और शैक्षणिक संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों आदि सहित सामाजिक बुनियादी ढाँचे व अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिये CRIF के तहत सड़क उपकर की आय का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई।
- सेतु बंधन योजना:
- "सेतु बंधन योजना" सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राज्य की सड़कों पर रेल ओवर ब्रिज (ROBs), रेल अंडर ब्रिज (RUBs) और अन्य पुलों के निर्माण कार्य को सुविधाजनक बनाना है।
- यह कार्यक्रम मौजूदा क्राॅसिंग/समपारों के स्थान पर पुलों का निर्माण कर सड़क सुरक्षा में वृद्धि करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिससे अंततः इन स्थानों पर दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
प्रारंभिक परीक्षा
क्वांटम-प्रौद्योगिकी समर्थित हरित हाइड्रोजन उत्पादन
स्रोत: पी.आई.बी.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बी.एच.यू द्वारा हाल ही में एक नई उच्च प्रवाह क्षमता क्वांटम समर्थित हरित हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकी विकसित की गई है जो बड़ी मात्रा में हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है। यह राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
विकसित प्रौद्योगिकी
- परिचय:
- इस प्रौद्योगिकी ने पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा विकल्पों के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग का प्रदर्शन किया। उन्होंने अगली पीढ़ी के क्वांटम-संचालित फोटो-उत्प्रेरक को उच्च प्रोटॉन उपलब्धता और गतिशीलता वाले चार्ज ट्रांसफर सिस्टम के साथ प्रस्तुत किया तथा ऊर्जा उत्पादन के लिये क्वांटम उत्प्रेरक अनुप्रयोग भी प्रदान किये।
- विशेषताएँ:
- अत्याधुनिक फोटोकैमिकल-रिएक्टर डिज़ाइन में सौर ऊर्जा को अधिकतम करने के लिये अंतर्निहित इलुमिनेशन असेंबली तथा बाहरी अवतल परावर्तक पैनल की सुविधा मौजूद है।
- इस टीम ने एक सतत् इलेक्ट्रॉन युक्त प्रोटॉन आपूर्ति प्रणाली का निर्माण किया है, जो औद्योगिक धातु-अपशिष्ट का उपयोग करके एक इलेक्ट्रॉन इंजेक्टर तंत्र से प्रेरित है, जिसके द्वारा प्रयोगशाला पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की अधिकतम दर अर्जित की जा सकती है।
- महत्त्व:
- उत्पादित हाइड्रोजन गैस की उच्च शुद्धता के कारण ईंधन का उपयोग अतिरिक्त शुद्धिकरण के बिना किया जा सकता है, जिससे प्रौद्योगिकी की लागत-प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
- यह परिवर्तनकारी नवाचार ऊर्जा उत्पादन से लेकर परिवहन और कृषि में अनुप्रयोगों तक विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग संभावनाएँ प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:
क्वांटम प्रौद्योगिकी:
- क्वांटम प्रौद्योगिकी क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है जिसे परमाणुओं और प्राथमिक कणों के पैमाने पर प्रकृति का वर्णन करने के लिये 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में विकसित किया गया था।
- इस क्रांतिकारी तकनीक के पहले चरण ने प्रकाश और पदार्थ की अंतःक्रिया सहित भौतिकी जगत के प्रति गहन समझ प्रदान की है और लेज़र व सेमीकंडक्टर ट्रांज़िस्टर जैसे सर्वव्यापी आविष्कारों को जन्म दिया है।
- क्वांटम यांत्रिकी के गुणों को कंप्यूटिंग के दायरे में लाने के लक्ष्य के साथ वर्तमान में दूसरी क्रांति जारी है।
- क्वांटम कंप्यूटिंग के गुण:
- सुपरपोज़िशन: क्वांटम कंप्यूटिंग के मूलभूत गुणों में से एक सुपरपोज़िशन है। शास्त्रीय कंप्यूटिंग में एक बिट दो अवस्थाओं में से एक में हो सकता है- 0 या 1। क्वांटम कंप्यूटिंग में एक क्यूबिट(Qubits) इन अवस्थाओं के सुपरपोज़िशन में मौजूद हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह एक साथ 0 और 1 दोनों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। यह गुण क्वांटम कंप्यूटरों को बड़ी मात्रा में सूचना को समानांतर रूप में संसाधित करने की अनुमति देता है, जिससे वे कुछ प्रकार की गणनाओं के लिये अत्यधिक कुशल बन जाते हैं।
- एंटैंगलमेंट: क्वांटम एंटैंगलमेंट एक ऐसी घटना है जहाँ दो या दो से अधिक क्यूबिट की क्वांटम अवस्थाएँ इस तरह से सह-संबद्ध हो जाती हैं कि एक क्यूबिट की स्थिति तुरंत दूसरे की स्थिति को प्रभावित करती है, भले ही वे अत्यधिक दूरियों के कारण अलग हो जाते हैं। एंटैंगलमेंट क्वांटम गेट्स और एल्गोरिदम के निर्माण की अनुमति देता है जो जटिल संचालन तथा गणना करने के लिये इस विशिष्ट कनेक्शन का उपयोग करते हैं।
- क्वांटम इंटरफेरेंस: क्वांटम इंटरफेरेंस एक गुण है जो क्यूबिट(Qubits) के सुपरपोज़िशन से उत्पन्न होता है। यह क्वांटम कंप्यूटरों की गलत परिणामों की संभावना को कम करते हुए किसी समस्या का सही उत्तर प्राप्त करने की संभावना को बढ़ाने हेतु विभिन्न राज्यों से जुड़े संभाव्यता आयामों को संयोजित तथा हेर-फेर करने की अनुमति देता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010) (a) NH3 उत्तर: C प्रश्न. निम्नलिखित भारी उद्योगों पर विचार कीजिये: (2023)
उपर्युक्त में से कितने उद्योगों के विकार्बनन में हरित हाइड्रोजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने की अपेक्षा है? (a) केवल एक उत्तर: (C) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अक्तूबर, 2023
तमिल लेखक शिवशंकरी को सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया
- तमिल लेखिका शिवशंकरी को उनके संस्मरण (जीवनी) "सूर्य वामसम" के लिये सरस्वती सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया।
- "सूर्य वामसम" दो खंडों वाला एक संस्मरण है जो लेखिका की सात दशकों की साहित्यिक यात्रा तथा सामाजिक परिवर्तनों को उल्लिखित करता है।
- यह पुरस्कार भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के भारतीय लेखकों द्वारा विगत 10 वर्षों में प्रकाशित साहित्यिक कृतियों के लिये प्रतिवर्ष दिया जाता है।
- यह पुरस्कार के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसमें 15 लाख रुपए की धनराशि समेत एक पट्टिका तथा प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
- सरस्वती सम्मान भारतीय साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। सरस्वती सम्मान के अतिरिक्त, व्यास सम्मान और बिहारी पुरस्कार बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित अन्य साहित्यिक पुरस्कार हैं।
और पढ़ें: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची
नासा ने क्षुद्रग्रह बेन्नू पर कार्बन और जल होने की पुष्टि की
- राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) ने क्षुद्रग्रह बेन्नु (पूर्व में 1999 RQ36) से एकत्र किये गए नमूनों में उच्च कार्बन सामग्री और जल धारण करने वाले मिट्टी के खनिजों की उपस्थिति की पुष्टि की है।
- बेन्नू 4.5 अरब वर्ष पुराना एक छोटा-पृथ्वी क्षुद्रग्रह है जो प्रत्येक छह वर्ष में पृथ्वी के करीब से गुजरता है। क्षुद्रग्रह की खोज वर्ष 1999 में नासा द्वारा वित्तपोषित लिंकन नियर-अर्थ क्षुद्रग्रह अनुसंधान की एक टीम द्वारा की गई थी।
- बेन्नू से एकत्रित सामग्री हमारे सौर मंडल के शुरुआती दिनों के टाइम कैप्सूल के रूप में कार्य करती है और जीवन की उत्पत्ति तथा क्षुद्रग्रहों की प्रकृति के विषय में सवालों के जवाब देने में सहायता कर सकती है।
- नासा का ‘ओसीरिस-रेक्स’ अंतरिक्ष यान, क्षुद्रग्रह नमूना प्राप्त करने का पहला अमेरिकी प्रयास, वर्ष 2016 में बेन्नू की यात्रा के लिये लॉन्च किया गया था।
- मिशन की सफलता क्षुद्रग्रहों के विषय में हमारी समझ को बढ़ाती है, उन क्षुद्रग्रहों के विषय में भी जो पृथ्वी के लिये खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।
- हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति के विषय में जानकारी हासिल करने के लिये वैज्ञानिक अगले दो वर्षों में नमूनों का और अधिक विश्लेषण करेंगे।
और पढ़ें… NASA का OSIRIS-REx अभियान
पासपोर्ट टू अर्निंग (P2E) पहल
यूनिसेफ के वैश्विक स्तर के सीखने-से-कमाई संबंधी पहल पासपोर्ट टू अर्निंग (P2E) ने भारत में दस लाख से अधिक युवाओं को वित्तीय साक्षरता और डिजिटल उत्पादकता के क्षेत्रों में कुशल बनाया एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 के अनुरूप P2E पहल डिजिटल उत्पादकता, वित्तीय साक्षरता, रोज़गार हेतु योग्यता संबंधी कौशल एवं नौकरी के लिये प्रशिक्षित कौशल से संबंधित प्रमाणन (सर्टिफिकेट) पाठ्यक्रमों तक निशुल्क पहुँच प्रदान करती है।
- भारत में विशेष रूप से P2E पाठ्यक्रमों के लाभार्थियों में से 62% किशोर लड़कियाँ और युवा महिलाएँ हैं।
- इस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म का लक्ष्य वर्ष 2024 तक भारत में 14-29 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं को दीर्घकालिक टिकाऊ कौशल प्रदान करना और फिर उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने हेतु नौकरी, स्वरोज़गार एवं उद्यमिता के अवसरों से जोड़ना है। P2E देश के शैक्षिक तथा आर्थिक परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण योगदान है।
और पढ़ें… राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
INS सागरध्वनि
DRDO के तहत नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला (Naval Physical & Oceanographic Laboratory- NPOL), कोच्चि का समुद्र विज्ञान अनुसंधान पोत, INS सागरध्वनि, दक्षिणी नौसेना कमान (Southern Naval Command- SNC), कोच्चि के दक्षिण जेट्टी से सागर मैत्री (SM) मिशन- 4 पर रवाना हुआ।
- INS सागरध्वनि के मिशन में उत्तरी अरब सागर में वैज्ञानिक तैनाती और ओमान में सुल्तान कबूस विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम शामिल हैं, जो भारतीय एवं IOR महासागर शोधकर्त्ताओं के बीच मज़बूत कामकाज़ी संबंधों को बढ़ावा देंगे।
- INS सागरध्वनि एक समुद्री ध्वनिक अनुसंधान जहाज़ है जिसका निर्माण स्वदेश में किया गया है और इसे जुलाई 1994 में लॉन्च किया गया था।