प्रिलिम्स फैक्ट्स (13 Apr, 2023)



ट्रेडमार्क

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किये जाने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने खादी डिज़ाइनिंग काउंसिल ऑफ इंडिया तथा मिस इंडिया खादी फाउंडेशन द्वारा 'खादी' ट्रेडमार्क के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है।

  • न्यायालय का मानना था कि प्रतिवादियों ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया था और धोखाधड़ी से इसका इस्तेमाल किया।
  • एक ट्रेडमार्क धारक की सहमति के बिना अन्य द्वारा किसी उत्पाद के लिये ट्रेडमार्क का उपयोग करना जो कि उपभोक्ताओं को भ्रमित करता हो अथवा ट्रेडमार्क के मूल्य में कमी आने की स्थिति में ट्रेडमार्क धारक इसके उल्लंघन का मामला दायर कर सकता है। 

ट्रेडमार्क:

  • ट्रेडमार्क एक प्रकार का प्रतीक, शब्द, वाक्यांश, डिज़ाइन अथवा इन सभी का संयोजन है जिसका उपयोग किसी कंपनी की वस्तुओं या सेवाओं को दूसरे से अलग पहचान प्रदान करने के लिये किया जाता है।
  • ट्रेडमार्क बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights- IPR) के तहत संरक्षित है।
  • दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिये ट्रेडमार्क को सरकारी एजेंसियों के साथ पंजीकृत किया जा सकता है।
  • भारत में ट्रेडमार्क गतिविधियों का संचालन व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 (Trademark Act, 1999) द्वारा होता है।
    • अधिनियम, ट्रेडमार्क उल्लंघन के लिये दंड का प्रावधान करता है और ट्रेडमार्क के पंजीकरण की अनुमति देता है।
  • पंजीकृत व्यक्ति की अनुमति के बिना उसके ट्रेडमार्क के समान या भ्रामक रूप से समान चिह्न का उपयोग यदि कोई व्यक्ति करता है, तो इसे ट्रेडमार्क उल्लंघन माना जाता है। इस उल्लंघन के परिणामस्वरूप कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें नुकसान, निषेधाज्ञा और आपराधिक प्रतिबंध शामिल हैं।
  • किसी ट्रेडमार्क की कानूनी सुरक्षा बनाए रखने हेतु पंजीकृत व्यक्ति को उन वस्तुओं या सेवाओं के संबंध में नियमित रूप से ट्रेडमार्क का उपयोग करना चाहिये जिसके लिये यह पंजीकृत है। एक समयावधि तक ट्रेडमार्क का उपयोग ने करने के परिणामस्वरूप ट्रेडमार्क रद्द या अमान्य हो सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. TRIPS समझौते का अनुपालन करने के लिये भारत ने वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 अधिनियमित किया। "ट्रेड मार्क" और भौगोलिक संकेत के बीच क्या अंतर है/हैं? (2010)

  1. ट्रेडमार्क एक व्यक्ति या कंपनी का अधिकार है, जबकि भौगोलिक संकेत एक समुदाय का अधिकार है। 
  2. एक ट्रेडमार्क को लाइसेंस दिया जा सकता है, जबकि एक भौगोलिक संकेतक को लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है। 
  3. एक ट्रेडमार्क विनिर्मित वस्तुओं को दिया जाता है, जबकि भौगोलिक संकेत केवल कृषि वस्तुओं/उत्पादों और हस्तशिल्प को दिया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • ट्रेडमार्क एक संकेत है जिसका उपयोग कोई व्यवसाय/व्यक्ति अपने प्रतिस्पर्द्धियों से अपने स्वयं की वस्तुओं या सेवाओं को अलग करने के लिये करता है तथा भौगोलिक संकेत एक संकेतक है जो बताता है कि कुछ उत्पादों का एक क्षेत्रीय मूल है, जो उस पूरे क्षेत्र में ऐसे सभी उत्पादों हेतु आम है एवं उस क्षेत्र में उत्पादकों (समुदाय) को भौगोलिक संकेत का उपयोग करने की अनुमति है। अतः कथन 1 सही है। 
  • केवल एक उपक्रम लाइसेंस प्राप्त करके अपने नाम और पते पर पंजीकृत ट्रेडमार्क का उपयोग कर सकता है, जबकि उसी क्षेत्र में प्रत्येक उपक्रम को एक ही भौगोलिक संकेत का उपयोग करने की अनुमति है। अतः कथन 2 सही है।
  • ट्रेडमार्क द्वारा वस्तुओं और सेवाओं दोनों को निर्दिष्ट किया जा सकता है, जबकि एक भौगोलिक संकेत को कृषि वस्तुओं, प्राकृतिक वस्तुओं या निर्मित वस्तुओं को देश के क्षेत्र में या उस क्षेत्र के भीतर एक क्षेत्र या इलाके में उत्पन्न या निर्मित के रूप में निर्दिष्ट किया जा सकता है, जहाँ ऐसे सामानों की गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या अन्य विशेषता अनिवार्य रूप से इसके भौगोलिक मूल के कारण होती है।

अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का जूस मिशन

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बृहस्पति और उसके बर्फीले चंद्रमाओं अर्थात् गेनीमेड, कैलिस्टो तथा  यूरोपा की जानकारी प्राप्त करने के लिये ज्यूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (जूस) मिशन की शुरुआत की है।

जूस मिशन:

  • परिचय:  
    • इसे एरियन 5 लॉन्चर के ज़रिये फ्रेंच गुएना से लॉन्च किया गया, यह मिशन वर्ष 2031 में बृहस्पति तक पहुँचने के लिये तैयार है।
    • अंतरिक्षयान का निर्माण एयरबस समूह के एक प्रभाग एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा किया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • मिशन का मुख्य उद्देश्य:
      • चंद्रमाओं की सतहों का विस्तृत मानचित्रण एवं सतह के नीचे जल निकायों का विश्लेषण करके संभावित रहने योग्य वातावरण का पता लगाना।
      • बृहस्पति की उत्पत्ति, इतिहास एवं विकास को समझने का प्रयास कर इसकी एक व्यापक तस्वीर बनाना। 
    • इसका फोकस गैनिमीड पर होगा (सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा, जो अपना चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है)।
      • यह माना जाता है कि तीनों चंद्रमा- गैनिमीड, कैलिस्टो और यूरोपा में भारी मात्रा में जल उपलब्ध है, जो संभावित रूप से उन्हें रहने योग्य बनाता है।
    • ‘जूस’ जीवन का पता लगाने के लिये सुसज्जित नहीं है, लेकिन यह पता लगाया जा सकता है कि क्या बृहस्पति के आस-पास, बर्फीले चंद्रमाओं के अंदर ऐसे स्थान हो सकते हैं, जहाँ जीवन को बनाए रखने के लिये जल, आवश्यक जैविक तत्त्व, ऊर्जा और स्थिरता जैसी आवश्यक स्थितियाँ मौजूद हों।

बृहस्पति:

  • सूर्य से पाँचवीं लाइन में स्थित बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जो संयुक्त रूप से अन्य सभी ग्रहों के दोगुने से भी अधिक बड़ा है।
    • बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण को जोवियन या गैस विशालकाय ग्रह कहा जाता है। इनका वातावरण घना होता है जिसमें ज़्यादातर हीलियम और हाइड्रोजन होती है। 
  • बृहस्पति का प्रतिष्ठित ग्रेट रेड स्पॉट (Great Red Spot) पृथ्वी से भी बड़ा एक विशाल तूफान है जो सैकड़ों वर्षों से व्याप्त है। 
  • बृहस्पति लगभग हर 10 घंटे (एक जोवियन दिन) में एक बार घूर्णन करता है, परंतु सूर्य की एक परिक्रमा (एक जोवियन वर्ष) को पूरा करने में लगभग 12 पृथ्वी वर्ष लगते हैं।
  • बृहस्पति के 75 से अधिक चंद्रमा हैं। 
    • बृहस्पति ग्रह के चार सबसे बड़े चंद्रमाओं को इतालवी खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली के नाम पर गैलीलियन उपग्रह कहा जाता है, जिन्होंने पहली बार उन्हें वर्ष 1610 में देखा था।
    • इनके नाम आयो, यूरोपा, गैनिमीड और कैलिस्टो हैं जिसमें प्रत्येक बड़े चंद्रमा की अद्वितीय दुनिया है।
  • वर्ष 1979 में वायेजर मिशन ने बृहस्पति के धुँधले वलय तंत्र की खोज की। 
  • बृहस्पति ग्रह पर नौ अंतरिक्षयान दौरा कर चुके हैं। इनमें से सात ने उड़ान भरी और दो ने गैस जायंट की परिक्रमा की।
    • गैलीलियो प्रोब (NASA) को अध्ययन के लिये भेजा गया था  जिसने वर्ष 1995 और 2003 के बीच ग्रह की परिक्रमा की। 
    • जूनो (NASA) वर्ष 2016 से ग्रह की परिक्रमा कर रहा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014)

      अंतरिक्षयान                       उद्देश्य

  1. कैसिनी- ह्युजेन्स            शुक्र की परिक्रमा करना और डेटा को पृथ्वी पर प्रेषित करना 
  2. मैसेंजर                       बुध का मानचित्रण और जाँच 
  3. वॉयजर 1 और 2            बाहरी सौरमंडल की खोज

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • कैसिनी-ह्युजेन्स को शनि और उसके चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये भेजा गया था। यह नासा एवं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक संयुक्त सहयोग था। इसे वर्ष 1997 में लॉन्च किया गया था तथा वर्ष 2004 में इसने शनि की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2017 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
  • मैसेंजर, नासा का एक अंतरिक्षयान है जिसे बुध ग्रह के मानचित्रण तथा अन्वेषण हेतु भेजा गया था। इसे वर्ष 2004 में लॉन्च किया गया था और वर्ष 2011 में इसने बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। यह मिशन वर्ष 2015 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है।
  • वॉयजर-1 और 2 को नासा ने वर्ष 1977 में बाह्य सौरमंडल का पता लगाने के लिये लॉन्च किया था। दोनों अंतरिक्षयान अभी भी कार्यरत हैं। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।
  • अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 अप्रैल, 2023

मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग को GI टैग  

मध्य प्रदेश की पारंपरिक गोंड पेंटिंग को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication- GI) टैग प्रदान किया गया है, यह कला के रूप और इसे बनाने वाले कलाकारों के संरक्षण में मदद करेगी। गोंड जनजाति द्वारा बनाई गई ये पेंटिंग्स प्रकृति, जानवरों एवं धार्मिक विषयों के साथ-साथ उनके जीवन के तरीके को दर्शाती हैं। डिंडोरी ज़िला गोंड चित्रकला का मुख्य केंद्र है, हालाँकि इसका विस्तार अन्य क्षेत्रों तक देखा जा सकता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission- NRLM) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (National Urban Livelihood Mission- NULM) द्वारा गोंड पेंटिंग को ग्रीटिंग कार्ड, मोबाइल कवर तथा बैग कवर के माध्यम से कला को व्यापक स्तर पर दर्शकों तक पहुँचाया जाएगा।

सेलुलर कृषि 

सेलुलर कृषि अपेक्षाकृत एक नई अवधारणा है जो पारंपरिक पशु कृषि का स्थायी और नैतिक विकल्प है। इसमें सीधे तौर पर पशुओं की सहायता के बजाय सेल/कोशिकीय पद्धति की सहायता से पशु-आधारित उत्पाद जैसे कि मांस, दुग्ध और सी-फूड प्राप्त करना शामिल है। इस तकनीक में दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, अर्थात् कोशिकीय कृषि और सटीक किण्वन। कोशिकीय कृषि पद्धति में कष्टरहित प्रक्रिया के माध्यम से पशुओं का स्टेम सेल प्राप्त किया जाता है और फिर उन्हें बड़े कंटेनरों में पोषित किया जाता है, जहाँ वे विकसित होते हैं। दूसरी ओर सटीक-किण्वन विधि में दुग्ध और अंडे के सफेद भाग वाले प्रोटीन जैसे उत्पादों का उत्पादन करने के लिये खमीर/यीस्ट जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है। इनका उत्पादन एक समान किण्वन प्रक्रिया से सीधे सूक्ष्मजीवों की सहायता से किया जा सकता है जिसका उपयोग खाद्य उद्योग में कई वर्षों से एंज़ाइम एवं अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिये किया जाता रहा है। सेलुलर कृषि काफी लाभदायक है, इसमें पारंपरिक पशु कृषि से जुड़े पर्यावरणीय और नैतिक मुद्दों को हल करने की इसकी क्षमता है। इसके लिये कम संसाधनों की आवश्यकता होती है जैसे कि भूमि, जल तथा इससे ग्रीनहाउस गैस का कम उत्सर्जन होता है और साथ ही कम अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इससे पशु कल्याण में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

अमेरिका-फिलीपींस संयुक्त सैन्य अभ्यास 

हाल ही में अमेरिका और फिलीपींस ने अपने वार्षिक "बालिकातन" सैन्य अभ्यास शुरू किये हैं और इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खतरों का संयुक्त रूप से जवाब देने हेतु संबंधित सेनाओं की क्षमता में सुधार करना है। यह अभ्यास पहली बार वर्ष 1991 में आयोजित किया गया था। बालिकातन का अर्थ है "कंधे से कंधा" मिलाना। फिलीपींस की विदेश नीति अमेरिका की ओर झुक रही है जो उसके पिछले चीन-अनुकूल रुख से दूर है। 

कुल मिलाकर संयुक्त सैन्य अभ्यास फिलीपींस की अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने एवं क्षेत्र में चीन की मुखरता के खिलाफ रक्षा करने के प्रयासों को दर्शाता है।  

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प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (MEE) 2022  

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के वर्ष 2022 के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (MEE) के पाँचवें चक्र के अनुसार, पेरियार टाइगर रिज़र्व (PTR) प्रथम स्थान पर, सतपुड़ा और बांदीपुर द्वितीय स्थान पर रहे तथा नागरहोल MEE चक्र में तृतीय (92.42%) स्थान पर रहा। तमिलनाडु में सभी पाँचों रिज़र्व अच्छी तरह से प्रबंधित हैं, देश के 51 टाइगर रिज़र्व में से अन्नामलाई टाइगर रिज़र्व (ATR) और मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (MTR) क्रमशः पाँचवें एवं आठवें स्थान पर हैं, इन रिज़र्व्स ने अपनी रैंकिंग में "बहुत अच्छा" सुधार किया है। इन दो टाइगर रिज़र्व को 12 टाइगर रिज़र्व में "उत्कृष्ट" के रूप में वर्गीकृत किया है। सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व (STR) तथा कलक्कड़ एवं मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व (KMTR) ने "बहुत अच्छा" स्थान के रूप में स्वयं को बरकरार रखा है। हालाँकि नव घोषित टाइगर रिज़र्व, श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई को "अच्छा" स्थान प्राप्त हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की कार्यप्रणाली ने MEE मूल्यांकन की नींव के रूप में कार्य किया, जो छह मूल्यांकन घटकों- संदर्भ, योजना, इनपुट, प्रक्रिया, आउटपुट और परिणाम पर केंद्रित थी।

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