राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के लोगो (प्रतीक चिह्न) को लेकर विरोध
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission- NMC) ने अपने लोगो (प्रतीक चिह्न) में बदलाव किया है, जिसे लेकर चिकित्सा जगत में विवाद शुरू हो गया है।
- नए लोगो में भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि (जिन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में आयुर्वेद का देवता माना जाता है) की रंगीन छवि अंकित है।
- नए लोगो में 'इंडिया' शब्द के स्थान पर 'भारत' शब्द का प्रयोग किया गया है और इसमें राष्ट्रीय प्रतीक शामिल नहीं है।
NMC लोगो को लेकर डॉक्टरों के बीच विरोध क्यों है?
- NMC अधिकारियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत के प्रतिनिधित्व के रूप में लोगो में धन्वंतरि की छवि अंकित करने को उचित ठहराया है।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का तर्क है कि संशोधित लोगो से एक विशिष्ट धर्म और विचारधारा को बढ़ावा दिये जाने की संभावना है, ऐसे में IMA ने चिकित्सा संस्थान के संबंध में धार्मिक प्रतीकवाद को लेकर आपत्ति व्यक्त की है।
- IMA ने तर्क दिया है कि किसी भी राष्ट्रीय संस्थान का लोगो देश के सभी नागरिकों की आकांक्षाओं को समान तरीके से तथा सभी मामलों में तटस्थ प्रदर्शित होना चाहिये, जिससे समाज के किसी भी हिस्से अथवा वर्ग के के बीच किसी भी बात को लेकर कोई नाराज़गी उत्पन्न होने की बिल्कुल भी संभावना न हो।
- कई आलोचकों ने लोगो में परिवर्तन को संविधान के अपमान के रूप में व्यक्त किया है, क्योंकि यह देश के धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक मूल्यों को कमज़ोर करता है।
- चूँकि यह आयुर्वेद की एक पौराणिक और अप्रमाणित प्रणाली को बढ़ावा देता है, इसलिये लोगो में परिवर्तन को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की वैज्ञानिक एवं साक्ष्य-आधारित प्रकृति के विरोधाभास के रूप में भी देखा जा रहा है।
धन्वंतरि:
- धन्वंतरि हिंदू धर्म में चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली आयुर्वेद से जुड़े देवता के रूप में पूजनीय हैं।
- वे उपचार, कल्याण और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं।
- चित्रों में उन्हें आमतौर पर औषधीय जड़ी-बूटियाँ और पवित्र पात्र लिये चार हाथों वाले के साथ प्रदर्शित किया जाता है और हिंदू संस्कृति में स्वास्थ्य व चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व माना जाता है।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) क्या है?
- यह भारत में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के लिये सर्वोच्च नियामक संस्था है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2020 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के स्थान पर की गई थी।
- इसमें चार स्वायत्त बोर्ड शामिल हैं: अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एज़ुकेशन बोर्ड, पोस्ट-ग्रेज़ुएट मेडिकल एज़ुकेशन बोर्ड, मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड और एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड।
- इसमें एक चिकित्सा सलाहकार परिषद भी होती है जो चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास से संबंधित मामलों पर आयोग को सलाह देती है।
- यह NEET-UG, NEET-PG और FMGE जैसे प्रमुख स्क्रीनिंग परीक्षणों का संचालन एवं अनुवीक्षण करता है।
- NMC चिकित्सा पेशेवरों के पंजीकरण और नैतिक आचरण, चिकित्सा सुविधाओं के मूल्यांकन और वर्गीकरण, एवं चिकित्सा शिक्षा तथा प्रशिक्षण संस्थानों के मानकों और क्षमता का भी आकलन करता है।
- इसे प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एज़ुकेशन (WFME) से मान्यता प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि NMC द्वारा प्रदान की जाने वाली मेडिकल डिग्री विश्व स्तर पर मान्य है।
- विश्व चिकित्सा संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं अन्य संगठनों ने वर्ष 1972 में WFME की स्थापना की थी।
91वीं इंटरपोल महासभा
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वियना, ऑस्ट्रिया में आयोजित 91वीं इंटरपोल महासभा में सदस्य देशों से अपराध, अपराधियों और अपराध की आय को सुरक्षित पनाह देने से इनकार करने का आग्रह किया।
- भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित अपराधियों और भगोड़ों को इंटरपोल चैनलों के बढ़ते लाभ एवं अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर संबंधों के माध्यम से सफलतापूर्वक वापस लाया गया है।
91वीं इंटरपोल महासभा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- 91वीं इंटरपोल महासभा के दौरान वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार को रोकने, ऑनलाइन बाल यौन शोषण से निपटने तथा इंटरपोल के भीतर विविधता को बढ़ावा देने के लिये सहयोगात्मक प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने हेतु प्रस्ताव पारित किये गए।
- प्रतिनिधिमंडल ने संगठित अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग/धन शोधन, कट्टरपंथी विचारधारा के ऑनलाइन प्रसार और साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों के निपटान के लिये समन्वित रणनीतियों पर विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की।
- उन्होंने इन अपराधों की यथाशीघ्र रोकथाम की भी वकालत की।
- प्रतिनिधिमंडल ने इंटरपोल के विज़न 2030 को अपनाने और इंटरपोल फ्यूचर काउंसिल की स्थापना का समर्थन किया।
CBI क्या है?
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की प्रमुख पुलिस जाँच एजेंसी है।
- यह केंद्रीय सतर्कता आयोग और लोकपाल को सहायता प्रदान करती है।
- यह भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के कार्मिक विभाग के अधीक्षण के तहत कार्य करती है।
- यह भारत में नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल सदस्य राष्ट्रों की ओर से अन्वेषण का समन्वय करती है।
छह एक्सोप्लैनेट कर रहे HD 110067 की परिक्रमा
स्रोत: द हिंदू
नेचर में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कोमा बेरेनाइसीस (Coma Berenices) तारामंडल में स्थित चमकीले तारे HD 110067 की परिक्रमा करने वाले छह एक्सोप्लैनेट की खोज का खुलासा किया गया है।
- इन ग्रहों को 'उप-नेपच्यून' कहा जाता है तथा दो अंतरिक्ष दूरबीनों, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) एवं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की कैरक्टराइज़िंग एक्सोप्लैनेट सैटेलाइट (CHaracterising ExOPlanet Satellite- CHEOPS) से डेटा का उपयोग करके इनकी अवस्थिति और विशेषता का पता लगाया गया।
नोट:
CHEOPS, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का पहला अंतरिक्ष मिशन है जो एक्सोप्लैनेट को आश्रय देने वाले चमकीले, नज़दीकी तारों का अध्ययन करने के लिये समर्पित है, ताकि जब ग्रह अपने मेज़बान तारे के सामने से गुज़रे तो इसके आकार का उच्च-सटीक अवलोकन किया जा सके।
उप-नेपच्यून के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- HD 110067 प्रणाली में छह एक्सोप्लैनेट को 'उप-नेप्च्यून' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- पृथ्वी और नेपच्यून के बीच की त्रिज्या वाले ग्रहों को 'उप-नेपच्यून' कहा जाता है।
- उनके द्रव्यमान और घनत्व की गणना अपेक्षाकृत कम घनत्व वाले वायुमंडल की उपस्थिति का संकेत देती है, जो संभावित रूप से हाइड्रोजन से समृद्ध है।
- सभी छह ग्रह अनुनादी कक्षाओं में हैं, जिसमें परिक्रमा करते समय ग्रह एक-दूसरे पर नियमित बल लगाते हैं।
- यह विशेषता बताती है कि यह प्रणाली कम-से-कम चार अरब वर्ष पूर्व अपनी उत्पत्ति के बाद से व्यावहारिक रूप से अपरिवर्तित बनी हुई है।
- तारे से बढ़ती दूरी के क्रम में ग्रहों को HD 110067 b, c, d, e, f और g नाम दिया गया है।
HD 110067:
- HD 110067 तारा पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश वर्ष दूर कोमा बेरेनाइसीस तारामंडल में स्थित है।
- इसे उत्तरी गोलार्द्ध से देखा जा सकता है और यह चार से अधिक पारगमन एक्सोप्लैनेट की मेज़बानी करने वाला अब तक का सबसे चमकीला तारा है।
- कोमा बेरेनाइसीस तारामंडल, जिसे बेरेनाइसीस हेयर के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी आकाशीय गोलार्द्ध में मध्यम आकार का एक तारामंडल है। यह दोनों गोलार्द्धों से दिखाई देता है, किंतु वसंत और ग्रीष्मकाल के दौरान इसे उत्तरी गोलार्द्ध में आसानी से देखा जा सकता है।
एक्सोप्लैनेट क्या है?
- अन्य तारों की परिक्रमा करने वाले और हमारे सौरमंडल से कहीं दूर स्थित ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है।
- 1992 में पहली बार एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई थी।
- नासा के अनुसार, आज तक 5,000 से अधिक एक्सोप्लैनेट की खोज की जा चुकी है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'गोल्डीलॉक्स ज़ोन (Goldilocks Zone)' शब्द निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में अक्सर समाचारों में देखा जाता है? (2015) (a) भू-पृष्ठ के ऊपर वास योग्य मंडल की सीमाएँ उत्तर: (c) व्याख्या:
|
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 दिसंबर, 2023
कीवी पक्षी
हाल ही में कीवी के दो बच्चे वेलिंग्टन से तीन मील पश्चिम में मकरारा (न्यूज़ीलैंड) के एक उपनगर में पाए गए, जहाँ शहरी खतरों के कारण कीवी एक सदी से भी अधिक समय से गायब थे।
- न्यूज़ीलैंड की कैपिटल कीवी प्रोजेक्ट एक समुदाय-आधारित पहल है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर जंगली कीवी जनसंख्या को बहाल करना है।
- परिचय:
- कीवी न्यूज़ीलैंड का उड़ने में असमर्थ एक पक्षी है।
- इसे अपने विलक्षण गुणों के लिये जाना जाता है जैसे कि रात्रिचर, उड़ने में असमर्थ, इसके शरीर के कुछ अंग चूहे तथा डायनासोर से मिलते हैं।
- विशेषताएँ:
- कीवी के अंडे दुनिया के किसी भी पक्षी वर्ग के शरीर के आकार (मादा के वजन का 20% तक) के अनुपात में सबसे बड़े अंडों में से एक हैं।
- कीवी के अनूठे अनुकूलन, जैसे- छोटे और मज़बूत पैर और शिकार से पहले उसका पता लगाने के लिये अपनी लंबी चोंच के अंत में स्थित नासिका का उपयोग करना।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) स्थिति: सुभेद्य
- विस्तार क्षेत्र: कीवी विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप में पाया जाता है।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर की पुण्यतिथि
राष्ट्र के प्रति डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अनुकरणीय सेवा की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- परिनिर्वाण जिसे बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक माना जाता है, एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद मोक्ष या मुक्ति।
- बौद्ध ग्रंथ महापरिनिर्वाण सुत्त के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध की मृत्यु को वास्तविक महापरिनिर्वाण माना जाता है।
और पढ़ें… 65वाँ महापरिनिर्वाण दिवस