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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 08 Nov, 2023
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

देवास- इसरो की एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन डील

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में नीदरलैंड के हेग स्थित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने देवास मल्टीमीडिया (मल्टीमीडिया कंपनी) के विदेशी निवेशकों को दिये जाने वाले 111 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुआवज़े के निर्णय को रद्द करने के भारत के अनुरोध को खारिज़ कर दिया।

क्या है देवास-एंट्रिक्स डील का मामला?

  • देवास-इसरो सैटेलाइट डील (2005):

नोट:

  • S-बैंड, विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के माइक्रोवेव बैंड के एक भाग के लिये एक पदनाम है।
  • S-बैंड का उपयोग सैटेलाइट संचार, रडार, महत्त्वपूर्ण वास्तविक समय डेटा को पहुँचाने तथा वर्षा व अन्य पर्यावरणीय हस्तक्षेपों के कारण दृश्यता में उत्पन्न अवरोधों को कम करने के लिये किया जाता है।
  • S-बैंड का उपयोग शिपिंग, विमानन एवं अंतरिक्ष उद्योगों द्वारा किया जाता है। S-बैंड स्पेक्ट्रम मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिये भी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
  • GSAT-6 तथा GSAT-6A उच्च-शक्ति वाले S-बैंड संचार उपग्रह हैं।
  • सैटेलाइट डील रद्द :
    • वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के संदर्भ में इस सौदे को अचानक रद्द कर दिया गया।
      • यह फैसला 2G घोटाले और देवास डील में करीब दो लाख करोड़ रुपए के मूल्य के संचार स्पेक्ट्रम को मामूली कीमत पर सौंपने के आरोपों के बीच लिपरिसमापन या गया।
  •  कानूनी लड़ाई और मुआवज़ा:
    • देवास मल्टीमीडिया के विदेशी निवेशकों ने अंतर्राष्ट्रीय अधिकरणों के माध्यम से मुआवज़े की मांग की।
      • वर्ष 2015 में, इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (International Chamber of Commerce- ICC) आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने देवास मल्टीमीडिया को 1.2 अरब डॉलर का मुआवज़ा दिया था।
        • डॉयचे टेलीकॉम को जिनेवा में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय से 101 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए।
        • वर्ष 2020 में मॉरीशस स्थित तीन निवेशकों को UNCITRAL द्वारा 111 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किये गए।
    • भारत सरकार द्वारा मुआवज़ा नहीं देने के कारण देवास द्वारा ज़ुर्माने की वसूली के लिये इस भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) की संपत्ति को नष्ट करने के कारण अमेरिका और यूरोपीय संघ में अपील दायर की।
  • भारत सरकार की चुनौती:
  • हेग डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अस्वीकृति:
    • भारत ने मुआवज़े के भुगतान को रद्द करने के लिये एक याचिका दायर की, किंतु हेग डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इसे खारिज़ कर दिया।
    • डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला सुनाया कि प्रवंचना, धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार के आरोपों को पहले ही कानूनी कार्यवाही के दौरान खारिज़ कर दिया गया था।
    • भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का कोई स्वतंत्र महत्त्व नहीं माना गया।

इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC):

  • ICC विश्व का सबसे बड़ा व्यापारिक संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं ज़िम्मेदार व्यावसायिक आचरण को बढ़ावा देने के लिये कार्य कर रहा है।
  • यह वर्ष 1923 से व्यापार तथा निवेश का समर्थन करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक व व्यावसायिक विवादों में कठिनाइयों को हल करने में मदद कर रहा है।
  • ICC का मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में स्थित है।

प्रारंभिक परीक्षा

FIDE ग्रैंड स्विस ओपन, 2023

स्रोत: पी.आई.बी

विदित संतोष गुजराती (FIDE पुरुष ग्रैंड स्विस) तथा वैशाली रमेश बाबू (FIDE महिला ग्रैंड स्विस) ने FIDE ग्रैंड स्विस ओपन में जीत प्राप्त की, साथ ही विश्व शतरंज चैंपियन को चुनौती देने के अवसर के रूप में वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिये प्रतिष्ठित स्थान अर्जित किया, जिसका जश्न पूरा देश मना रहा है।

  • विश्व शतरंज चैम्पियनशिप- 2024, अप्रैल 2024 में टोरंटो, कनाडा में आयोजित होने वाली है।

FIDE ग्रैंड स्विस ओपन क्या है?

  • FIDE ग्रैंड स्विस ओपन एक शतरंज टूर्नामेंट है जो विश्व चैम्पियनशिप चक्र के लिये योग्यता प्राप्त करने के एक भाग के रूप में जानी जाती है।
  • FIDE ग्रैंड स्विस और FIDE महिला ग्रैंड स्विस- 2023 विला मरीना, डगलस, आइल ऑफ मैन (एक ब्रिटिश द्वीप) में आयोजित किया गया था।
  • ओपन इवेंट में शीर्ष दो खिलाड़ी 2024 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिये योग्यता प्राप्त करेंगे, जो विश्व चैंपियन के लिये दावेदारी का निर्धारण करेगा।
    • कुल पुरस्कार राशि 600,000 अमेरिकी डॉलर है, जिसमें पुरुष ग्रैंड स्विस के लिये 460,000 अमेरिकी डॉलर और महिला ग्रैंड स्विस के लिये 140,000 अमेरिकी डॉलर निर्धारित हैं।
  • पहला ग्रैंड स्विस वर्ष 2019 में आइल ऑफ मैन में आयोजित किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE):

  • अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) शतरंज के खेल का शासी निकाय है और यह सभी अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं को नियंत्रित करता है। 
    • यह एक गैर-सरकारी संस्थान के रूप में गठित है। यह विश्व शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन करता है। 
  • इसे वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वैश्विक खेल संगठन के रूप में मान्यता दी गई थी। 
  • वर्तमान में FIDE का मुख्यालय लॉज़ेन (स्विट्जरलैंड) में है, लेकिन इसकी शुरुआत वर्ष 1924 में पेरिस में "जेन्स ऊना समस" ("वी आर वन फैमिली" लैटिन में) के आदर्श वाक्य के साथ की गई थी। 
  • यह फुटबॉल, क्रिकेट, तैराकी एवं ऑटो रेसिंग खेल के शासी निकायों के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय खेल संघों में से एक था। राष्ट्रीय शतरंज संघों के रूप में इसमें 199 सदस्य देश शामिल हैं जो वर्तमान में इसे सबसे बड़े संघों में से एक बनाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. 44वें शतरंज ओलंपियाड, 2022 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2023)

  1. यह पहली बार था, जब शतरंज ओलंपियाड भारत में आयोजित किया गया।
  2. इसके अधिकृत शुभंकर को ‘तंबि’ नाम दिया गया था।
  3. ओपेन सेक्शन में जीतने वाली टीम के लिये ट्रॉफी, वेरा मेंचिक कप होती है।
  4. महिला विभाग (सेक्शन) में जीतने वाली टीम के लिये ट्रॉफी हैमिल्टन-रसेल कप होती है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

उत्तर: b

व्याख्या: 

  • वर्ष 1927 में वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल, लंदन में आयोजित पहला आधिकारिक ओलंपियाड 'टूर्नामेंट ऑफ नेशंस' के रूप में जाना जाता है। शतरंज ओलंपियाड का आयोजन पहली बार शतरंज की जन्मस्थली अर्थात् भारत में किया जा रहा है। यह 3 दशकों के बाद पहली बार एशिया में आयोजित हो रहा है। पूर्व के आयोजनों की अपेक्षा इस बार भाग लेने वाले देशों एवं टीमों की संख्या सबसे अधिक है, साथ ही इसमें महिला वर्ग में प्रविष्टियों की संख्या भी सबसे अधिक है। अतः कथन 1 सही है।
  • 44वें शतरंज ओलंपियाड का आधिकारिक शुभंकर ‘तंबि (Thambi)' है। तमिल भाषा में ‘तंबि’ शब्द का अर्थ है - छोटा भाई। अतः कथन 2 सही है।
  • ओपन सेक्शन में विजेता टीम को हैमिल्टन-रसेल कप प्रदान किया जाता है, जिसे इंग्लिश मैग्नेट फ्रेडरिक हैमिल्टन-रसेल ने प्रथम ओलंपियाड (लंदन 1927) के लिये पुरस्कार के रूप में पेश किया था। अतः कथन 3 सही नहीं है।
  • विजेता महिला टीम की ट्रॉफी को पहली महिला विश्व शतरंज चैंपियन के सम्मान में वेरा मेनचिक कप के रूप में जाना जाता है। अतः कथन 4 सही नहीं है।

प्रारंभिक परीक्षा

लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना भारत में निर्माणाधीन सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है, भूस्खलन के कारण इस परियोजना की एकमात्र कार्यात्मक डायवर्ज़न सुरंग अवरुद्ध हो गई तथा बाँध के निचले हिस्से की ओर जल प्रवाह बाधित हो गया। इसका सुबनसिरी नदी, जो कि ब्रह्मपुत्र की एक प्रमुख सहायक नदी है, पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

  • इसके परिणामस्वरूप नदी तल सूख गया एवं जलीय जीवन खतरे में पड़ गया। इस घटना ने परियोजना की सुरक्षा व व्यवहार्यता पर भी सवाल उठाए, जिसे वर्ष 2005 में अपनी स्थापना के बाद से कई बार देरी और विरोध का सामना करना पड़ा है।

लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना क्या है?

  • लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना, एक रन-ऑफ-रिवर योजना है जिसका लक्ष्य अरुणाचल प्रदेश तथा असम की सीमा पर बहने वाली सुबनसिरी नदी की क्षमता का दोहन करके 2,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है।
    • रन-ऑफ-रिवर बाँध वह होता है जिसमें बाँध के नीचे की ओर नदी में जल का प्रवाह बाँध के ऊपर की ओर जल के प्रवाह के समान होता है।
  • इस परियोजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (NHPC) द्वारा किया जा रहा है।
  • इस परियोजना में 116 मीटर ऊँचा कंक्रीट ग्रेविटी (गुरुत्त्व) बाँध, 34.5 किलोमीटर लंबा जलाशय, पाँच डायवर्ज़न सुरंगें, आठ स्पिलवे एवं आठ 250 मेगावाट इकाइयों वाला एक बिजलीघर का निर्माण शामिल है।
    • ग्रेविटी बाँध का निर्माण कंक्रीट या सीमेंट से किया जाता है, इसे मुख्य रूप से सामग्री के वज़न का उपयोग करके जल को रोकने के लिये डिज़ाइन किया गया है ताकि जल के क्षैतिज दबाव का रोका जा सके।
  • 90% विश्वसनीयता के साथ एक वर्ष में इस परियोजना से लगभग 7,500 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न होने की अपेक्षा है।
  • इस परियोजना से निचले इलाकों में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और पीने के पानी का लाभ मिलने की भी उम्मीद है।

सुबनसिरी नदी:

  • सुबनसिरी, या "स्वर्ण नदी" ऊपरी ब्रह्मपुत्र नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
  • तिब्बती हिमालय से निकलकर यह नदी अरुणाचल प्रदेश की मिरी पहाड़ियों से होकर भारत में प्रवाहित होती है तथा इसकी स्थलाकृतिक विशेषता क्षेत्र में जलविद्युत क्षमता के दोहन का अवसर प्रदान करती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित नदियों पर विचार कीजिये: (2014)

  1. बराक
  2. लोहित
  3. सुबनसिरी

उपर्युक्त में से कौन-सी नदी अरुणाचल प्रदेश से होकर प्रवाहित होती है?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 8 नवंबर, 2023

IREDA ने CSR पोर्टल लॉन्च किया 

भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (Indian Renewable Energy Development Agency- IREDA) ने CSR पहलों में पारदर्शिता में सुधार हेतु एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) पोर्टल लॉन्च किया।

  • इस पोर्टल को दिल्ली में कंपनी के पंजीकृत कार्यालय में आयोजित "सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2023 (30 अक्तूबर से 5 नवंबर)" के समापन समारोह के दौरान लॉन्च किया गया था।
    • इस सप्ताह का विषय “भ्रष्टाचार को ना कहें, राष्ट्र के लिये प्रतिबद्ध रहें” (Say no to corruption; commit to the Nation ) था, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त कार्य वातावरण को बढ़ावा देना था।
  • इस पोर्टल का उद्देश्य विभिन्न संगठनों एवं संस्थानों के माध्यम से CSR अनुरोधों की प्राप्ति और निपटान में पारदर्शिता की सुविधा प्रदान करना है।
  • IREDA नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार का एक मिनी रत्न (श्रेणी- I) उद्यम है।

और पढ़ें…  2020 में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन लागत: IRENA

फ्लोरोसेंट लैंप का कलर स्पेक्ट्रम

फ्लोरोसेंट लैंप को आमतौर पर 6500K जैसे मानों के साथ चिह्नित किया जाता है, जो सहसंबद्ध रंग तापमान (correlated colour temperature) का प्रतिनिधित्व करता है, यह लैंप द्वारा उत्सर्जित प्रकाश की वर्णक्रमीय विशेषताओं को दर्शाता है।

  • सहसंबद्ध रंग तापमान प्रकाश के वर्णक्रमीय वितरण को दर्शाता है, जो संकेतित तापमान पर एक काले पिंड के समान है।
    • जब किसी काले पिंड को गर्म किया जाता है, तो यह अलग-अलग तापमान पर अलग-अलग रंग उत्सर्जित करता है। उदाहरण के लिये 6500K पर, यह ऐसी रोशनी उत्सर्जित करता है जो शीत दिन की रोशनी जैसी प्रतीत होती है।
  • फ्लोरोसेंट ट्यूबों को उनके रंग के आधार पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: डेलाइट व्हाइट (5,000K से ऊपर), न्यूट्रल व्हाइट (4,000K), तथा वार्म व्हाइट (3,300K से नीचे)।
  • प्रकाश का रंग ट्यूब के अंदर फ्लोरोसेंट कोटिंग पर निर्भर करता है।
    • आमतौर पर तीन प्रकार की कोटिंग होती हैं: ट्राई-फॉस्फोर (सूरज की रोशनी के समान पीली रोशनी उत्सर्जित करना), स्टैंडर्ड  फॉस्फोर (साधारण ट्यूब लाइट), और मल्टी-फॉस्फोर।

और पढ़ें… उजाला कार्यक्रम 

कानूनी साक्षरता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम (LLLAP)

हाल के आँकड़ों के अनुसार, कानूनी साक्षरता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम (LLLAP) को न्याय तक समग्र पहुँच के लिये अभिनव समाधान तैयार करना (दिशा) योजना के तहत 14 कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से 6 लाख से अधिक लोगों तक पहुँचाया गया।

  • LLLAP भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग की एक पहल है जिसका उद्देश्य जनता के बीच कानूनी साक्षरता एवं जागरूकता बढ़ाना है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों, कर्त्तव्यों और अधिकारों के साथ-साथ शिकायतों के निवारण के लिये उपलब्ध विभिन्न कानूनी तंत्रों के बारे में शिक्षित करना है।
  • न्याय तक पहुँच के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिये दिशा को पाँच वर्ष यानी 2021-2026 की अवधि के लिये लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य कानूनी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित पहुँच के लिये विभिन्न पहलों को डिज़ाइन तथा समेकित करना है।
  • दिशा के तहत अखिल भारतीय स्तर पर कार्यान्वित किये जा रहे कार्यक्रम हैं- टेली-लॉ: रीचिंग द अनरीच्ड, न्याय बंधु (प्रो बोनो लीगल सर्विसेज़) और कानूनी साक्षरता तथा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम।

और पढ़ें.. आभासी न्यायालय, AI-आधारित पोर्टल: SUPACE 

रूस व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि से बाहर

हाल ही में रूस व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) से बाहर हो गया है।

  • CTBT सभी प्रकार के सैन्य तथा नागरिक दोनों उद्देश्यों के लिये सभी परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाती है। 
    • इस संधि पर वर्ष 1994 में जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में चर्चा की गई, साथ ही इसको संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया।
  • CTBT पर रूस तथा संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 187 राज्यों द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे, परंतु यह लागू नहीं हुई क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित आठ देशों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
    • भारत द्वारा अभी तक इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये गए हैं

और पढ़ें… व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT)


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