प्रिलिम्स फैक्ट्स (08 Feb, 2025)



क्षुद्रग्रह 2024 YR4

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) ने पृथ्वी के निकट स्थित एक क्षुद्रग्रह 2024 YR4 की पहचान की है, जिसके वर्ष 2032 में पृथ्वी से टकराने की संभावना 1% से थोड़ी अधिक है।

क्षुद्रग्रह 2024 YR4 के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: दिसंबर 2024 में खोजा गया क्षुद्रग्रह, पृथ्वी से 800,000 किमी (चंद्रमा की दूरी से दोगुनी) से गुजरा और अप्रैल 2025 तक अवलोकनीय रहेगा, और इसके वर्ष 2028 में पुनः दिखाई देने की उम्मीद है।
  • संभावित जोखिम: NASA ने इसे टोरिनो स्केल पर स्तर 3 के रूप में वर्गीकृत किया है, जो दर्शाता है कि यदि यह पृथ्वी से टकराता है तो स्थानीय विनाश (Localized Destruction) की संभावना है।
    • वर्ष 1999 में IAU (अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ) द्वारा अपनाए गए टोरिनो स्केल में क्षुद्रग्रहों के प्रभाव के जोखिमों को संभावना और गंभीरता के आधार पर 0 से 10 के पैमाने पर वर्गीकृत किया जाता है।
    • यह टकराने पर 8-10 मेगाटन ऊर्जा उत्सर्जित कर सकता है, जो 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क के उल्कापिंड (जिसमें 500 किलोटन ऊर्जा उत्सर्जित हुई- हिरोशिमा परमाणु बम से लगभग 30 गुना अधिक) से अधिक है।

क्षुद्रग्रह क्या हैं?

  • परिचय: क्षुद्रग्रह सौरमंडल के निर्माण (4.6 अरब वर्ष पूर्व) से उत्पन्न शैलमय, अवात अवशेष हैं। 
    • वे मुख्य रूप से क्षुद्रग्रह बेल्ट में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, हालाँकि कुछ पृथ्वी को पार करने वाले पथ का अनुसरण करते हैं
    • इनका आकार कुछ मीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक होता है।
  • वर्गीकरण:
    • मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट: मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित इस क्षेत्र में अधिकांश ज्ञात क्षुद्रग्रह विद्यमान हैं
    • ट्रोजन: ये क्षुद्रग्रह एक बृहत्तर ग्रह के साथ एक कक्षा साझा करते हैं और लैग्रेंजियन बिंदुओं (L4 और L5) के समीप अवस्थित होते हैं, जहाँ सूर्य और ग्रह के गुरूत्वीय बल संतुलित होते हैं, जिससे टकराव को रोका जा सकता है।
    • पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रह (NEA): इन क्षुद्रग्रहों की कक्षाएँ इन्हें पृथ्वी के निकट लाती हैं। जो क्षुद्रग्रह पृथ्वी की कक्षा से हो कर संचलन करते हैं उन्हें विशेष रूप से पृथ्वी-क्रॉसर कहा जाता है।
  • क्षुद्रग्रह संघट्टन आवृत्ति: छोटे क्षुद्रग्रह प्रायः वायुमंडल में दग्ध होकर नष्ट हो जाते हैं। 
    • बड़े क्षुद्रग्रह यदा-कदा सतह तक पहुँचते हैं लेकिन इनसे नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहती है। वैश्विक स्तरीय प्रभाव, जैसे मेक्सिको में चिक्सुलब घटना जिसके कारण डायनासोर और पृथ्वी की 75% प्रजातियाँ विलुप्त हो गईं, लगभग हर 260 मिलियन वर्ष में एक बार होता है।
  • क्षुद्रग्रहों के विरुद्ध ग्रहीय रक्षा: नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियाँ ​​क्षुद्रग्रहों के टकराव को रोकने के लिये ग्रहीय रक्षा तंत्र विकसित कर रही हैं।
    • नासा के DART मिशन (2022) ने क्षुद्रग्रह डिमॉर्फस (Dimorphous) के प्रक्षेप पथ को सफलतापूर्वक परिवर्तित कर दिया, जिससे यह प्रदर्शित हुआ कि भविष्य में खतरों को कम करने के लिये विक्षेपण रणनीति का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

Asteroid

पृथ्वी के निकट स्थित वस्तुओं की निगरानी से संबंधित पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. क्षुदग्रहों तथा धूमकेतु के बीच क्या अंतर होता है? (2011) 

  1. क्षुदग्रह लघु चट्टानी ग्रहिकाएँ (प्लेनेटॉयड) हैं, जबकि धूमकेतु हिमशीतित गैसों से निर्मित होते हैं जिन्हें चट्टानी और खनिज पदार्थ आपस में बाँधे रखता है। 
  2. क्षुद्रग्रह अधिकांशतः वृहस्पति और मंगल के परिक्रमा-पथों के बीच पाए जाते हैं, जबकि धूमकेतु अधिकांशतः शुक्र और बुध के बीच पाए जाते हैं। 
  3. धूमकेतु गोचर दीप्तिमान पुच्छ दर्शाते हैं, जबकि क्षुदग्रह यह नहीं दर्शाते। 

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b)


कैंसर उपचार पर PM-JAY का प्रभाव

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में भारत भर में कैंसर के उपचार की शुरुआत में होने वाली देरी में पर्याप्त कमी पर प्रकाश डाला गया है, तथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के लाभार्थियों में उल्लेखनीय 90% वृद्धि हुई है।

कैंसर पर अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?

  • समय पर उपचार शुरू करने में सुधार: समय पर कैंसर उपचार शुरु करने में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, तथा वर्ष 2018 के बाद AB PM-JAY लाभार्थियों में 90% की वृद्धि दर्ज की गई है।
    • उपचार में होने वाली देरी में काफी कमी आई, विशेष रूप से प्रजनन, जननांग, स्तन और रक्त कैंसर के मामलों में।
  • जनसांख्यिकीय अंतर्दृष्टि: युवा रोगियों (<30 वर्ष: 77%) और उच्च शिक्षा वाले (70.2%) को समय पर उपचार तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित हुई है।
    • बीमा कवरेज (69%) से पहुँच में सुधार हुआ, जबकि उच्च आय वर्ग को कम देरी का सामना करना पड़ा।
  • चुनौतियाँ:
    • विलंबित निदान और उपचार: अध्ययन से पता चला है कि उपचार में देरी, विशेष रूप से रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी में, जीवित रहने की दर को कम करती है। 
    • सीमित स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना: भारत में केवल 779 रेडियोथेरेपी मशीनें हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित 1,350-5,000 से बहुत कम है। ऑन्कोलॉजिस्ट और डायग्नोस्टिक सेंटर की नही कमी है।
    • उच्च वित्तीय बोझ: चूँकि निदान और अनुवर्ती उपचार AB-PMJAY द्वारा कवर नहीं किये जाते हैं, इसलिये उच्च आउट-ऑफ-पॉकेट (OOP) लागतें बनी रहती हैं। जब सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय सकल घरेलू उत्पाद के 2% से कम हो जाता है, तो वहनीयता और भी बढ़ जाती है।

कैंसर:

  • कैंसर: कैंसर रोगों के एक समूह को संदर्भित करता है, जिसमें शरीर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और विस्तार होता है, जो स्वस्थ ऊतकों और अंगों में घुसपैठ कर उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है।
  • भारत में कैंसर की स्थिति: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, देश में कैंसर के मामले वर्ष 2022 में 14.6 लाख से बढ़कर वर्ष 2025 में 15.7 लाख हो जाने का अनुमान है।
    • स्तन कैंसर सबसे अधिक प्रचलित है, जो सभी मामलों का 13.6% तथा महिलाओं में यह   26% से अधिक देखा गया है।
  •  वैश्विक स्तर पर, वर्ष 2022 में, अनुमानतः 20 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आए हैं और 9.7 मिलियन मृत्यु हुई है।

और पढ़ें: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY)

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
(b) देश भर में स्मार्ट शहरों का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी सदृश ग्रहों के संदर्भ में भारत की खोज़
(d) नई शिक्षा नीति

उत्तर: A


प्रश्न. कैंसरग्रस्त ट्यूमर के उपचार के संदर्भ में, साइबरनाइफ नामक एक उपकरण चर्चा में रहा है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? (2010)

(a) यह एक रोबोटिक इमेज गाइडेड सिस्टम है।
(b) यह विकिरण की अत्यंत सटीक डोज़ प्रदान करता है।
(c) इसमें सब-मिलीमीटर सटीकता प्राप्त करने की क्षमता है।
(d) यह शरीर में ट्यूमर के प्रसार को मैप कर सकता है। 

उत्तर: (d)


प्रश्न. 'RNA अंतर्क्षेप [RNA इंटरफे्रेंस (RNAi)]' प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्यों? (2019) 

  1. यह जीन अनभिव्यक्तीकरण (जीन साइलेंसिंग) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होता है। 
  2.  इसे कैंसर की चिकित्सा में रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है। 
  3.  इसे हॉर्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है। 
  4.  इसे ऐसी फसल पादपों को उगाने के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है, जो विषाणु रोगजनकों के लिये प्रतिरोधी हो।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 4
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) केवल 1 और 4

उत्तर: (a)


अमेरिका की बेगर-दाय-नेबर नीति

स्रोत: द हिंदू 

अमेरिका ने बेगर-दाय-नेबर (Beggar-thy-Neighbour) नीति के तहत चीन, कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर प्रशुल्क लगाया।

  • 'बेगर-दाय-नेबर' नीति: यह एक संरक्षणवादी रणनीति है जिसमें अन्य देशों को प्रभावित करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु व्यापार अवरोधों, मुद्रा अवमूल्यन और सब्सिडी जैसे उपाय करना शामिल है।
  • उत्पत्ति: यह पद सर्वप्रथम एडम स्मिथ द्वारा द वेल्थ ऑफ नेशंस (1776) पुस्तक में सृष्ट किया गया था। इस रचना में स्मिथ ने ऐसे वाणिज्यवाद की आलोचना की जिससे अन्य वर्ग निर्धन हो जाता है और सभी देशों के लाभ के लिये मुक्त व्यापार किये जाने पर ज़ोर दिया।
  • समर्थकों के तर्क: इसके समर्थकों के अनुसार यह नीति महत्त्वपूर्ण उद्योगों और नौकरियों की रक्षा कर घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायक है।
    • मुद्रा अवमूल्यन से निर्यात लागत कम हो सकती है और आयात कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप संभवतः व्यापार अधिशेष हो सकता है।
  • आलोचकों के तर्क: ऐसी नीतियाँ लागू करने वाले देशों को अक्सर रीटैल्यटॉरी टैरिफ का सामना करना पड़ता है, जिससे वैश्विक व्यापार और निवेश में गिरावट आती है। उदाहरण के लिये, महामंदी (1929-39)
    • इससे घरेलू उत्पादकों को लाभ होगा, लेकिन विदेशी प्रतिस्पर्द्धा कम होने से कीमतें बढ़ने के कारण उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।
  • वैकल्पिक दृष्टिकोण: देशों को जवाबी कार्रवाई से बचना चाहिये तथा इसकी जगह एकतरफा मुक्त व्यापार अपनाना चाहिये। 

और पढ़ें: व्यापार युद्ध


साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024

स्रोत: पी.आई.बी

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 के लिये 22 विजेताओं की घोषणा की गई है, बंगाली और उर्दू पुरस्कारों की घोषणा जल्द ही की जाएगी, जिससे कुल विजेताओं की संख्या 24 हो गई है।

  • परिचय: साहित्य अकादमी पुरस्कार उपन्यास, कविता, निबंध और नाटक जैसी श्रेणियों में असाधारण साहित्यिक योगदान को सम्मानित करते है।
    • यह ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1954 में संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी।
  • पात्रता: पुरस्कार श्रेणियों में आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेज़ी और राजस्थानी (कुल: 24 भाषाएँ) तथा भारतीय साहित्यिक कृतियों के अनुवाद शामिल हैं।
    •  लेखक भारतीय नागरिक होना चाहिये।
  • अन्य साहित्य अकादमी पुरस्कार: बाल साहित्य पुरस्कार (बच्चों के साहित्य के लिये) और युवा पुरस्कार ( 35 वर्ष से कम आयु के लेखकों की कृतियों के लिये )।
  • अन्य पहल: अकादमी ग्रामलोक (दूरस्थ लेखकों के लिये) और दलित चेतना (दलित लेखकों के लिये) जैसे कार्यक्रम भी चलाती है।

और पढ़ें: साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023


पोलर बियर सीबम फॉरएवर केमिकल्स का स्थायी विकल्प

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

साइंस एडवांसेज़ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि ध्रुवीय भालू (पोलर बियर) के फर में सीबम नामक एक तैलीय पदार्थ होता है, जिसमें एंटी-आइसिंग (बर्फ को जमने से रोकना) के गुण होते हैं, जो ‘पर- एंड पॉलीफ्लोरोएल्काइल’ सबस्टेंस (PFAS) और अन्य यौगिकों जैसे हानिकारक 'फॉरएवर केमिकल्स (Forever Chemicals)’ का प्राकृतिक विकल्प हो सकता है।

  • अध्ययन का फोकस: जब ध्रुवीय भालू के फर और मानव बाल की बर्फ प्रतिरोधिता का परीक्षण किया गया, तो शोधकर्त्ताओं ने पाया कि फर के सीबम में विशेष गुण होते हैं, जिसमें मानव सीबम में पाए जाने वाले स्क्वैलीन (कार्बनिक यौगिक) की कमी होती है।
  • सीबम का गुण: ध्रुवीय भालू के फर का सीबम उन्हें सूखा रखने, बर्फ पर फिसलने और पानी में गोता लगाने में सक्षम बनाता है, जो हानिकारक PFAs ​​​​के बिना बर्फ प्रतिरोध के लिये उपयोग किये जाने वाले फ्लोरिनेटेड स्की खाल के समान होता है
  • PFAs: स्थायी रसायनों का समूह जो जल, तेल, ग्रीस और ऊष्मा के प्रति प्रतिरोधी होते हैं।
  • स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ: PFAs का व्यापक रूप से खाना पकाने के बर्तन, खाद्य पैकेजिंग और खाद्य प्रसंस्करण में उपयोग किया जाता है, लेकिन पर्यावरण में इनका विघटन नहीं होता है तथा ये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करते हैं।
  • संभावित अनुप्रयोग: अध्ययन से पता चलता है कि सीबम के गुणों का उपयोग प्राकृतिक रूप से प्राप्त कोटिंग्स बनाने के लिये किया जा सकता है, जिससे PFAs ​​पर निर्भरता कम हो जाएगी तथा अधिक पर्यावरण अनुकूल समाधान उपलब्ध होगा ।

और पढ़ें: फॉरएवर केमिकल्स


SARAT संस्करण 2

स्रोत: पी.आई.बी

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने हिंद महासागर में खोज एवं बचाव दक्षता बढ़ाने के लिये SARAT (खोज एवं बचाव सहायता उपकरण) संस्करण 2 लॉन्च किया।

  • प्रमुख संवर्द्धन: अधिक सटीक खोज क्षेत्र, निर्यात योग्य खोज डेटा और उन्नत विज़ुअलाइज़ेशन, और भविष्य के उन्नयन (जैसे, सतही धारा और वायु पूर्वानुमान की सटीकता)।
  • SARAT: यह एक उपग्रह-आधारित चेतावनी प्रणाली है जो समुद्र में दूरस्थ या उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जहाज़ों, विमानों और व्यक्तियों की सहायता करती है।
    • इसे मेक इन इंडिया पहल के एक भाग के रूप में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अंतर्गत ESSO-INCOIS द्वारा विकसित किया गया है।

प्रमुख विशेषताऐं:

  • अनुकूलन योग्य ट्रैकिंग: 60 प्रकार की वस्तुओं को ट्रैक करता है, जिनमें लोग, राफ्ट, नाव और विमान शामिल हैं।
  • सटीक पूर्वानुमान: वायु, धाराओं और उच्च-आवृत्ति (HF) रडार माप का उपयोग करके 10 दिनों तक के खोज क्षेत्रों का पूर्वानुमान।
  • उपयोगकर्त्ता-अनुकूल इंटरफेस: इंटरैक्टिव मानचित्र, SMS/ईमेल अलर्ट और मछुआरों के लिये स्थानीय भाषा समर्थन।
  • यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त शीर्ष सुनामी सेवा प्रदाता INCOIS , समुद्री आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी में विशेषज्ञता रखता है।
  • INCOIS को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिये सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2025 (संस्थागत श्रेणी) से सम्मानित किया गया है।

और पढ़ें: INCOIS को SC बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2025