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ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023

  • 19 Feb 2024
  • 5 min read

स्रोत:द हिंदू

ज्ञानपीठ चयन समिति ने घोषणा की कि वर्ष 2023 के लिये 58वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार दो लेखकों, संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य तथा उर्दू कवि और गीतकार गुलज़ार को दिया जाएगा।

  • यह पुरस्कार दूसरी बार संस्कृत के लिये तथा पाँचवीं बार उर्दू के लिये दिया जा रहा है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार क्या है?

  • परिचय:
    • ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सबसे पुराना और सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह किसी लेखक को उनके "साहित्य के प्रति उत्कृष्ट योगदान" के लिये प्रतिवर्ष दिया जाता है। यह पुरस्कार वर्ष 1961 में स्थापित एवं पहली बार वर्ष 1965 में प्रदान किया गया था।
    • यह पुरस्कार अंग्रेज़ी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लिये प्रदान किया जाता करता है। हालाँकि अर्हता भारतीय नागरिकों तक ही सीमित है। यह मरणोपरांत नहीं दिया जाता है।
    • यह भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिये दिया जाता है।
      • साहू शांति प्रसाद जैन एवं उनकी पत्नी रमा जैन द्वारा वर्ष 1944 में स्थापित भारतीय ज्ञानपीठ एक प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं अनुसंधान संगठन है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है।
      • यह साहित्य एवं संस्कृति के लिये प्रसिद्ध है, यह कई दशकों से पुरस्कार, प्रकाशन, फेलोशिप तथा अनुसंधान जैसे साहित्यिक प्रयासों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है।
  • नकद पुरस्कार एवं सम्मान:
    • पुरस्कार विजेताओं को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों का सम्मान करते हुए 11 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, वाग्देवी की एक मूर्ति और एक प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।

गुलज़ार तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य का योगदान क्या है?

  • गुलज़ार:
    • गुलज़ार (संपूर्ण सिंह कालरा) का जन्म 18 अगस्त 1934 को अविभाजित भारत के झेलम ज़िले के दीना गाँव में हुआ था।
      • वह न केवल सिनेमा में बल्कि साहित्यिक क्षेत्र में भी सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं। उन्हें अपने दौर के सबसे बेहतरीन उर्दू शायरों में से एक माना जाता है।
    • गुलज़ार को उनके कार्य हेतु उर्दू के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार (2002), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (2013), पद्म भूषण (2004) तथा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुए।
    • कविता में उन्होंने एक नई शैली 'त्रिवेणी' का आविष्कार किया जो तीन पंक्तियों की एक गैर-मुकफ़ा कविता है।
    • उनके कुछ बेहतरीन कार्यों में फिल्म "स्लमडॉग मिलियनेयर" का गीत "जय हो" शामिल है, जिसे वर्ष 2009 में ऑस्कर पुरस्कार एवं वर्ष 2010 में ग्रैमी पुरस्कार मिला।

  • जगद्गुरु रामभद्राचार्य:
    • जगद्गुरु रामानंदाचार्य, एक बहुभाषाविद्, हिंदू आध्यात्मिक गुरु, शिक्षक, कवि तथा लेखक हैं। उनका जन्म वर्ष 1950 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था और वह 22 भाषाएँ बोलते हैं।
      • रामभद्राचार्य संस्कृत, हिंदी, अवधी तथा मैथिली सहित कई भारतीय भाषाओं के कवि एवं लेखक हैं। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में 240 से अधिक पुस्तकें और ग्रंथ लिखे हैं तथा वर्ष 2015 में उन्हें पद्म विभूषण प्राप्त हुआ था।
      • अरुंधति, अष्टावक्र, अवध की अजोरिया तथा दशावतार रामभद्राचार्य द्वारा रचित कुछ साहित्यिक कृतियाँ हैं।
    • वह मध्य प्रदेश के चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख हैं।
      • तुलसी पीठ हिंदू धार्मिक साहित्य के अग्रणी प्रकाशकों में से एक है।
    • रामभद्राचार्य रामानंद संप्रदाय (सम्प्रदाय) के चार जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं और वर्ष 1982 से इस पद पर हैं।
      • रामानंदी संप्रदाय आज भारत में गंगा के मैदान के आसपास तथा नेपाल में सबसे बड़े एवं सर्वाधिक समतावादी हिंदू संप्रदायों में से एक है। यह मुख्य रूप से राम की पूजा के साथ-साथ सीधे विष्णु एवं उनकेअन्य अवतारों पर ज़ोर देता है।

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