न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 04 Jun, 2024
  • 25 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कन्याकुमारी की विवेकानंद रॉक

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव अभियान के समापन के अवसर पर तमिलनाडु के कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर जाकर ध्यान करने की अपनी योजना की घोषणा की।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • स्वामी विवेकानंद का आध्यात्मिक अनुभव:
    • ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 1892 में स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी के तट पर ध्यान हेतु इस रॉक पर तैरकर पहुँचने का फैसला किया। उन्होंने वहाँ तीन दिन और तीन रातें बिताईं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई।
    • स्वामी विवेकानंद द्वारा वर्ष 1894 में स्वामी रामकृष्णानंद को लिखे पत्र से पता चलता है कि उनका मूल दर्शन इस रॉक पर स्थित ध्यान मंडपम (Dhyan Mandapam) में ध्यान करने के बाद ही विकसित हुआ था।
  • स्थान:
    • यह स्मारक तमिलनाडु के वावथुराई की मुख्य भूमि से लगभग 500 मीटर दूर स्थित दो चट्टानों में से एक पर स्थित है।
    • विवेकानंद रॉक एक छोटा चट्टानी टापू है, जो लक्षद्वीप सागर से घिरा हुआ है, जहाँ बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर का संगम होता है, जो एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
    • स्मारक में दो मुख्य संरचनाएँ हैं, विवेकानंद मंडपम और श्रीपाद मंडपम।
  • स्मारक के रूप में महत्त्व:
    • इस मेमोरियल का निर्माण प्रमुख भारतीय आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद के सम्मान में किया गया था।
    • इसका औपचारिक उद्घाटन वर्ष 1970 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि द्वारा किया गया था।

Kanyakumari’s_Vivekananda_Rock

स्वामी विवेकानंद के बारे में प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • जन्म और प्रारंभिक जीवन:
    • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ तथा उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था और  वे कलकत्ता के एक पारंपरिक बंगाली परिवार से थे।
    • ज्ञान के प्रति उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें दर्शन, साहित्य, भारतीय धर्मग्रंथों के साथ-साथ पश्चिमी दर्शन सहित विभिन्न विषयों का अध्ययन करने के लिये प्रेरित किया।
  • अध्यात्मवाद की ओर:
    • वर्ष 1881 में वह 19वीं सदी के रहस्यवादी रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य बन गए।
    • प्रारंभ में रामकृष्ण की शिक्षाओं पर संदेह करने वाले विवेकानंद ने अंततः अपने गुरु के दर्शन को अपना लिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने मठवासी जीवन की दीक्षा ली।
    • वर्ष 1893 में खेतड़ी स्टेट के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर उन्होंने अपना नाम ‘विवेकानंद’ रख लिया।
  • संबद्ध संगठन:
    • रामकृष्ण आंदोलन (विवेकानंद द्वारा शुरू किया गया) के दो लक्ष्य थे:
      • वेदांत की शिक्षाओं के प्रसार के लिये त्याग और व्यावहारिक आध्यात्मिकता के जीवन हेतु समर्पित भिक्षुओं को प्रशिक्षित करना और
      • धर्मोपदेश, परोपकारी और धर्मार्थ कार्यों को जारी रखने के लिये शिष्यों का मार्गदर्शन करना।
    • उन्होंने रामकृष्ण आंदोलन के दूसरे उद्देश्य को पूरा करने के लिये वर्ष 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जबकि परमहंस ने स्वयं रामकृष्ण मठ के माध्यम से पहला उद्देश्य पूरा किया।
  • योगदान: 
    • उन्होंने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित कराया।
      • उन्होंने ‘नव-वेदांत’ का प्रचार किया, जो हिंदू धर्म की पश्चिमी दृष्टिकोण से व्याख्या थी, तथा वे आध्यात्मिकता को भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने में विश्वास करते थे।
    • वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में उनके प्रभावशाली भाषण ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और हिंदू धर्म को वैश्विक मंच पर स्थापित कर दिया।
    • उनकी शिक्षाओं ने आध्यात्मिक मुक्ति (मोक्ष) के विभिन्न मार्ग भी प्रस्तुत किये तथा चार योगों की रूपरेखा प्रस्तुत की: राज-योग (मन का योग), कर्म-योग (क्रिया का योग), ज्ञान-योग (ज्ञान का योग) और भक्ति-योग (भक्ति का योग)।
    • उनका प्रसिद्ध कथन, "मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है" (Service of man is the service of God), आज भी प्रासंगिक है।
    • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विवेकानंद को “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा था।
    • हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स 

प्रश्न. एनी बेसेंट थीं : (2013)

  1. होम रूल आंदोलन प्रारंभ करने के लिये उत्तरदायी।
  2. थियोसॉफिकल सोसाइटी की संस्थापिका।
  3. इंडियन नेशनल  कॉन्ग्रेस की एक बार अध्यक्षा।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही कथन/कथनों को चुनिये।

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2011)

  1. शाह अब्दुल अजीज और सैयद अहमद खान ने भारत में वहाबी आंदोलन के विचारों को लोकप्रिय बनाया।
  2. वहाबी आंदोलन एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन था जिसने सभी गैर-इस्लामी प्रथाओं को समाप्त करके इस्लाम के शुद्धिकरण का प्रयास किया। 
  3. वहाबी आंदोलन ने वर्ष 1857 के विद्रोह में ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 2


मेन्स 

प्रश्न. अनेक विदेशियों ने भारत में बसकर, विभिन्न आंदोलनों में भाग लिया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम में उनकी भूमिका का विश्लेषण कीजिये। (2013)


रैपिड फायर

स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिये नेल्सन मंडेला पुरस्कार

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (National Institute of Mental Health and Neuro Sciences- NIMHANS), बंगलूरू को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization- WHO) द्वारा वर्ष 2024 के लिये स्वास्थ्य संवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये प्रतिष्ठित नेल्सन मंडेला पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

  • यह मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने और सभी के लिये सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • भारत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से लगभग सभी ज़िलों में टेली-मानस  (Tele MANAS) हेल्पलाइन और मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना के साथ मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। 

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS):

  • यह एक बहु-विषयक संस्थान है जो नैदानिक ​​देखभाल, शिक्षा (स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी कार्यक्रम) और अनुसंधान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य तथा तंत्रिका विज्ञान दोनों पर केंद्रित है। 
  • इसकी स्थापना वर्ष 1974 में की गई।
  • वर्ष 1994 में इसे डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया।
  • यह संसद के NIMHANS अधिनियम, 2012 द्वारा शासित है।
  • वर्ष 2012 में इसे राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया।

 WHO द्वारा स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिये नेल्सन मंडेला पुरस्कार:

  • स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 2019 में अफ्रीकी क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों की पहल पर की गई।
  • पुरस्कार: यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति, संस्थान या गैर-सरकारी संगठन, जो स्वास्थ्य संवर्द्धन में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं, को दिया जाता है।

और पढ़ें:  नेल्सन मंडेला - दक्षिण अफ्रीका में समानता के अग्रदूत, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति पर नेल्सन मंडेला का प्रभाव


प्रारंभिक परीक्षा

कोयला गैसीकरण

स्रोत: लाइव मिंट

कोयला मंत्रालय ने 8,500 करोड़ रुपए की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के हिस्से के रूप में कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिये सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के प्रतिभागियों से प्रस्तावों का अनुरोध किया।

  • वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) एक वित्तीय व्यवस्था है जिसका उपयोग उन परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये किया जाता है जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन यह वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं हैं।

कोयला गैसीकरण क्या है?

  • कोयला गैसीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो कोयले को सिंथेटिक गैस (सिनगैस) में परिवर्तित कर देती है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोजन (H2), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4) और जल वाष्प (H2O) जैसी गैसों का मिश्रण होता है। .
    • कोयले को उच्च तापमान (आमतौर पर 1,000-1,400 डिग्री सेल्सियस) पर नियंत्रित मात्रा में ऑक्सीजन और भाप के साथ प्रतिक्रिया की जाती है।
  • सिनगैस का उपयोग उर्वरक, ईंधन, सॉल्वैंट्स और सिंथेटिक सामग्री की एक विस्तृत शृंखला का उत्पादन करने के लिये किया जा सकता है।
  • प्रक्रिया इस प्रकार है:
    • निर्माण: कोयले को उसके सतह क्षेत्र को बढ़ाने और प्रक्रिया के दौरान रासायनिक अभिक्रियाओं को बढ़ाने के लिये बारीक पाउडर में परिवर्तित किया जाता है।
    • गैसीकरण रिएक्टर: बारीक पाउडर के रूप में  कोयले को सीमित ऑक्सीजन या वायु एवं भाप के साथ उच्च तापमान तथा उच्च दाब वाले रिएक्टर में डाला जाता है।
    • रासायनिक अभिक्रियाएँ: पूर्ण दहन के लिये पर्याप्त ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, कोयला जटिल रासायनिक अभिक्रियाओं की एक शृंखला से गुजरता है।
      • ये अभिक्रियाएँ कोयले के अणुओं को सिंथेटिक गैस के घटकों में परिवर्तित कर देती हैं
    • गैस की सफाई: रिएक्टर से उत्पादित कच्चे सिंथेटिक गैस में टार, सल्फर और धूल जैसी अशुद्धियाँ होती हैं। सिंथेटिक गैस का आगे उपयोग करने से पहले इन अशुद्धियों को गैस सफाई प्रक्रिया के माध्यम से हटाने की आवश्यकता होती है
  • कोयला गैसीकरण के लाभ:
    • कोयला दहन का स्वच्छ विकल्प: कोयला गैसीकरण विद्युत के लिये कोयले की तुलना में अधिक स्वच्छ तरीके से दहन होता है। यह विद्युत उत्पादन के लिये गैस का उपयोग करने से पहले प्रदूषकों को कैप्चर कर लेता है।
    • सिंथेटिक गैस उपयोग: उत्पादित सिंथेटिक गैस का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जिसमें विद्युत उत्पादन, हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ईंधन का उत्पादन एवं अमोनिया तथा मेथनॉल जैसे रसायनों का उत्पादन शामिल है

Coal_Gasification_processes

नोट 

  • विद्युत और अन्य क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के बाद भविष्य में घरेलू कोयले के अपेक्षित अधिशेष के कारण सरकार कोयले से रसायन एवं गैसीकरण प्रक्रियाओं को बढ़ावा दे रही है
    • भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ 100 मिलियन टन (MT) कोयला गैसीकरण करना है।
  • VGF  के अतिरिक्त, सरकार 2 तरीकों से कोयला उद्योग का समर्थन कर रही है:
    • दीर्घकालिक लिंकेज विंडो: इससे कोयला उत्पादकों के लिये एक स्थिर बाज़ार बनता है।
    • गैसीकरण के लिये कोयले का उपयोग: कोयला खदान मालिक अपने कोयले का उपयोग गैसीकरण परियोजनाओं के लिये कर सकते हैं और राजस्व साझाकरण पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
  • वित्त वर्ष 2024 में कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन 1 बिलियन टन तक पहुँच गया, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 1.08 बिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।
  • भारत में विश्व का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है, जिसका भंडार 361.41 बिलियन टन है।
    • शीर्ष 3 कोयला भंडार: अमेरिका, रूस तथा ऑस्ट्रेलिया।
    • शीर्ष 3 कोयला उत्पादन: चीन, भारत तथा अमेरिका।

Coal_reserve_in_India

और पढ़ें…कोयला गैसीकरण, कोयला रसद योजना एवं नीति

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. भारत सरकार द्वारा कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी के कार्यकाल में किया गया था।
  2. वर्तमान में कोयला ब्लॉक का आवंटन लॉटरी के आधार पर किया जाता है।
  3. भारत हाल के समय तक घरेलू आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिये कोयले का आयात करता था, किंतु अब भारत कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय कोयले का/के अभिलक्षण है/हैं? (2013)

  1. उच्च भस्म अंश
  2. निम्न सल्फर अंश 
  3. निम्न भस्म संगलन तापमान

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

OPEC+ तेल उत्पादन में भारी कटौती जारी रखेगा

स्रोत: टी.टी.

OPEC+  ने मांग में कमी, उच्च ब्याज दरों और बढ़ते अमेरिकी उत्पादन के बीच कीमतों को समर्थन प्रदान करने के लिये बाज़ार की अपेक्षा के अनुरूप वर्ष 2025 तक तेल उत्पादन में महत्त्वपूर्ण कटौती जारी रखने का निर्णय लिया।

  • इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वर्ष 1960 के बगदाद सम्मेलन में स्थापित पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (Organization of the Petroleum Exporting Countries- OPEC) 12 सदस्य देशों वाला एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है।
    • इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में है।
    • ओपेक के सदस्य देश विश्व के लगभग 40% तेल का उत्पादन करते हैं तथा उनका निर्यात वैश्विक पेट्रोलियम व्यापार का लगभग 60% है।
    • OPEC के गठन से पहले अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार पर बहुराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनियों के ‘सेवन सिस्टर्स’ ग्रुप का प्रभुत्व था।
  • वर्ष 2016 में OPEC और रूस सहित 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने अमेरिका में शेल तेल उत्पादन में वृद्धि के कारण तेल की कीमतों में देखी गई गिरावट के जवाब में OPEC+  का गठन किया था।

और पढ़ें: OPEC, OPEC+


रैपिड फायर

शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी गतिविधि

स्रोत: द हिंदू

हाल के वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चला है कि शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी पहले से कहीं अधिक सक्रिय है।

  • ईस्टला रेजियो क्षेत्र में 2 स्थानों पर सक्रिय ज्वालामुखी प्रवाह का पता लगाया गया है, जिसमें सिफ मॉन्स ज्वालामुखी और निओबे प्लैनिटिया (Niobe Planitia) का विशाल ज्वालामुखी मैदान शामिल है। इससे पहले 1990 के दशक में इसमें विस्फोट का पता चला था।
  • इसके अलावा भूमध्य रेखा के पास अटला रेजियो (Atla Regio) नामक क्षेत्र में माट मॉन्स (Maat Mons) पर स्थित ज्वालामुखीय छिद्र का विस्तार हुआ है तथा उसका आकार बदल गया है।
    • इनके साथ ही वायुमंडलीय सल्फर डाइऑक्साइड विविधता, सतही तापीय उत्सर्जन डेटा जैसे अतिरिक्त साक्ष्य, ग्रह पर ज्वालामुखीय गतिविधि की पुष्टि करते हैं।

शुक्र ग्रह: 

  • शुक्र को अक्सर पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह कहा जाता है, तथा यह पृथ्वी से थोड़ा छोटा है।
  • यह सूर्य के बाद दूसरा ग्रह और छठा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह भी है।
  • शुक्र पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है, जो कि अधिकांश ग्रहों की तुलना में पीछे की ओर है तथा इसका दिन इसके वर्ष से भी बड़ा होता है।

Solar_System

और पढ़ें: शुक्र का विवर्तनिक इतिहास, शुक्र मिशन 2024, शुक्र ग्रह पर सक्रिय ज्वालामुखी


रैपिड फायर

वायरस का पता लगाने के लिये विवर्तन-आधारित उपकरण

स्रोत: द हिंदू

शोधकर्त्ताओं ने संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करने की एक विधि विकसित की है, जिसके अंतर्गत यह देखा जा सकता है कि वे प्रकाश को किस प्रकार विकृत करती हैं।

  • उन्होंने एक प्रगतिशील संक्रमण (Progressing Infection) की नकल करने के लिये समय के साथ इन विकृतियों को ट्रैक किया और वायरस-संक्रमित कोशिकाओं के लिये एक अद्वितीय 'फिंगरप्रिंट' की पहचान करते हुए उनकी तुलना स्वस्थ कोशिकाओं से की।
  • शोधकर्त्ताओं ने सुअर की वृषण कोशिकाओं को स्यूडोरेबीज़ वायरस से संक्रमित किया, उन्होंने कोशिकाओं के माध्यम से प्रकाश डाला ताकि कंट्रास्ट और बनावट के आधार पर विशिष्ट विवर्तन पैटर्न का अवलोकन किया जा सके।
    • विवर्तन संकीर्ण द्वारों या वस्तुओं के आसपास से गुज़रने के बाद फैलने वाली प्रकाश तरंगों को संदर्भित करता है, जिससे प्रकाश और काली धारियों (Dark Stripes) के पैटर्न बनते हैं।
  • प्रकाश-आधारित तकनीक लगभग दो घंटे में संक्रमण का पता लगा लेती है, जो कि पारंपरिक 40 घंटे की रासायनिक अभिकर्मक विधियों के लिये आवश्यक लागत का दसवाँ हिस्सा है तथा अभिकर्मक-संबंधी देरी और आपूर्ति शृंखला संबंधी समस्याओं से बचाती है।
  • प्रकाश-आधारित पहचान विधि की कम लागत और उपयोग में आसानी, इसे पशुधन एवं पालतू जानवरों में वायरल संक्रमण की प्रारंभिक पहचान करने, प्रजनन में सहायता, प्रकोप के दौरान आर्थिक नुकसान को रोकने तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization’s- WHO) की त्वरित प्रतिक्रिया सिफारिशों का समर्थन करने के लिये विशेष रूप से संसाधन-सीमित देशों हेतु आदर्श बनाती है।
  • इससे पहले शोधकर्त्ताओं ने स्फेरिक्स डिवाइस xSight का उपयोग करके एक अत्यधिक सटीक  होलोग्राफिक इमेजिंग विधि बनाई थी, जो 30 मिनट से भी कम समय में एंटीबॉडी और वायरस की पहचान करने के लिये लेज़र किरणों का उपयोग करती है।

Diffraction-Based_Tool_to_Detect_Virus

और पढ़ें: WHO ने CoViNet लॉन्च किया


रैपिड फायर

चीन का चांग'ई-6

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में चीन के चांग’ई-6 यान ने चंद्रमा के दूरस्थ भाग से चट्टान और मिट्टी के नमूने सफलतापूर्वक एकत्र किये तथा चंद्र सतह से उड़ान भरकर पृथ्वी पर वापस आ गया।

  • यान का लैंडिंग स्थल दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन था, जो 4 अरब वर्ष पूर्व पहले बना एक क्रेटर है, जो 13 किलोमीटर गहरा है और इसका व्यास 2,500 किलोमीटर है।
  • चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास था।
  • चंद्रमा के सुदूरवर्ती भाग का मिशन चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें पृथ्वी के साथ सीधे संचार की कमी है, इसके लिये रिले उपग्रह की आवश्यकता है और समतल लैंडिंग क्षेत्रों की संख्या कम है तथा भूभाग भी दुर्गम है।
  • यह मिशन चांग’ई चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम का छठा मिशन है, जिसका नाम एक “चीन की चंद्रमा देवी” (Chinese moon goddess) के नाम पर रखा गया है। यह नमूने लेकर वापस आने वाला दूसरा डिज़ाइन है, इससे पहले चांग’ई 5 ने 2020 में नज़दीकी क्षेत्र से ऐसा किया था।
  • चीन का लक्ष्य 2030 से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना है और यह मिशन उस लक्ष्य की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

और पढ़ें: चंद्रयान-3


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2