प्रारंभिक परीक्षा
स्काई कैनवस: कृत्रिम उल्का बौछार
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, जापानी कंपनी ALE वर्ष 2025 में उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो स्काई कैनवस नामक कृत्रिम उल्का बौछार (Artificial Meteor Shower) को प्रेरित करेगा।
स्काई कैनवस प्रोजेक्ट:
- स्काई कैनवस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विश्व के लोगों को "विश्व का पहला मानव निर्मित उल्का बौछार को लाइव देखने का अवसर प्रदान करना" है।
- ALE गैस टैंकों की एक दबाव-संचालित प्रणाली का उपयोग करने की योजना बना रही है जिसमें कृत्रिम उल्का बौछार को प्रेरित करने के लिये 8 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से कणों पर प्रहार किया जाएगा।
- इसके लिये एक लघु आकार का अंतरिक्ष यान धात्त्विक "शूटिंग स्टार" कणों को पृथ्वी की निम्न कक्षा में ले जाएगा।
- कक्षा में स्थिर हो जाने के बाद इन कणों को छोड़ा जाएगा और वे 60 से 80 किलोमीटर की ऊँचाई पर वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करेंगे।
- यह कंपनी जलवायु परिवर्तन की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में वैज्ञानिकों की मदद करने के लिये मीसोस्फीयर (वायुमंडल की तीसरी परत) से वायुमंडलीय डेटा एकत्र करने की भी योजना बना रही है।
- उपग्रहों की निगरानी के मामले में मीसोस्फीयर की अवस्थिति बहुत नीचे है, जबकि वेदर बलून अथवा विमानों के लिये काफी ऊँची
- उपग्रहों की निगरानी के मामले में मीसोस्फीयर की अवस्थिति बहुत नीचे है, जबकि वेदर बलून अथवा विमानों के लिये काफी ऊँची
- यह कंपनी जलवायु परिवर्तन की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में वैज्ञानिकों की मदद करने के लिये मीसोस्फीयर (वायुमंडल की तीसरी परत) से वायुमंडलीय डेटा एकत्र करने की भी योजना बना रही है।
प्राकृतिक उल्का वृष्टि:
- एक प्राकृतिक उल्का वृष्टि तब होती है जब पृथ्वी किसी धूमकेतु या क्षुद्रग्रह द्वारा पीछे छोड़े गए मलबे की धारा से गुज़रती है।
- जैसे-जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में यात्रा करती है, यह मलबे की इन धाराओं का सामना करती है, जो कि धूल और चट्टान के छोटे कणों से बनी होती हैं।
- जैसे-जैसे पृथ्वी इस मलबे से होकर गुज़रती है, कण उच्च गति, आमतौर पर लगभग 40 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं।
- कणों और वायुमंडल के बीच घर्षण उन्हें गर्म करने और वाष्पीकृत करने का कारण बनता है, जिससे प्रकाश की धाराओं का निर्माण होता है जिन्हें हम उल्का या "शूटिंग स्टार" के रूप में जानते हैं।
- उल्का वृष्टि नाम आमतौर पर उस तारामंडल से लिया जाता है जहाँ से उल्काएँ विकीर्ण होती दिखाई देती हैं।
- उदाहरण के लिये पर्सियड्स उल्का वृष्टि तारामंडल पर्सियड्स से उत्पन्न होती है।
- पृथ्वी पर पर्यवेक्षकों को दिखाई देने वाली उल्का वृष्टि की लगभग 30 घटनाएँ प्रत्येक वर्ष होती हैं और उनमें से कुछ सदियों से देखी गई हैं।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
बांदीपुर टाइगर रिज़र्व
कर्नाटक में स्थित बांदीपुर टाइगर रिज़र्व ने 1 अप्रैल, 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर रिज़र्व के रूप में 50 वर्ष पूरे किये। बाघों की आबादी में गिरावट को रोकने के उद्देश्य से वर्ष 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा रिज़र्व की शुरुआत की गई थी।
- प्रारंभ में जब प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था तो बांदीपुर में 12 बाघ थे, सुरक्षा उपायों के परिणामस्वरूप वर्तमान में यहाँ 173 बाघ हैं।
बांदीपुर टाइगर रिज़र्व के प्रमुख बिंदु:
- परिचय:
- बांदीपुर टाइगर रिज़र्व हमारे देश के सबसे समृद्ध जैवविविधता क्षेत्रों में से एक में स्थित है जो "पश्चिमी घाट पर्वत जैव भोगोलिक क्षेत्र" का प्रतिनिधित्त्व करता है, इसके दक्षिण में मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (तमिलनाडु), दक्षिण-पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल) तथा काबिनी जलाशय, उत्तर-पश्चिम में बांदीपुर और नागरहोल टाइगर रिज़र्व को अलग करता है।
- यह विभिन्न पुष्प प्रजातियों और जैवविविधता से संपन्न क्षेत्र है और देश के मेगा जैवविविधता क्षेत्रों (Mega Biodiversity Areas) के रूप में पहचाना जाता है।
- स्थापना:
- इसकी स्थापना प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वर्ष 1973 में की गई थी। वर्ष 1985 में वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क से सटे क्षेत्रों को शामिल कर इसके क्षेत्रफल में वृद्धि की गई तथा बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान नाम दिया गया।
- अवस्थिति:
- यह कर्नाटक के दो निकटतम ज़िलों (मैसूर और चामराजनगर) में फैला हुआ है तथा कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल राज्यों के त्रि-जंक्शन क्षेत्र में स्थित है।
- जीवमंडल रिज़र्व:
- बांदीपुर टाइगर रिज़र्व मैसूर हाथी रिज़र्व का हिस्सा है और देश के पहले बायोस्फीयर रिज़र्व नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
- बांदीपुर, नागरहोल, मुदुमलाई और वायनाड में फैले क्षेत्र में न केवल देश में सबसे अधिक बाघ हैं- लगभग 724, बल्कि सबसे बड़ी एशियाई हाथियों की आबादी भी है।
- नदियाँ और उच्चतम बिंदु:
- यह पार्क उत्तर में काबिनी नदी और दक्षिण में मोयार नदी के बीच स्थित है। नुगु नदी पार्क से होकर प्रवाहित होती है। पार्क का उच्चतम बिंदु हिमवद गोपालस्वामी बेट्टा नामक पहाड़ी पर अवस्थित है।
- कर्नाटक में अन्य टाइगर रिज़र्व:
- भद्रा टाइगर रिज़र्व
- नागरहोल टाइगर रिज़र्व
- डंडेली-अंशी टाइगर रिज़र्व
- बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर (Biligiri Ranganatha Swamy Temple- BRT) टाइगर रिज़र्व, इसके अलावा मलाई महादेश्वर वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से किसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में किसका महत्त्व अधिक है? (2017) (a) सत्यमंगलम बाघ अरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व) उत्तर: (a) व्याख्या:
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स्रोत: द हिंदू
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अप्रैल, 2023
मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने तस्करी की गई भारतीय मूर्तियों को लौटाया
न्यूयॉर्क में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने घोषणा की है कि वह तस्करी और बेची गई 15 भारतीय मूर्तियों को वापस करेगा। ये कृतियाँ पहली शताब्दी ईसा पूर्व से 11वीं शताब्दी ईस्वी तक की हैं एवं इसमें टेराकोटा, ताँबा तथा पत्थर की कलाकृतियाँ शामिल हैं जैसे कि एक सेलेस्टियल डांसर (अप्सरा) जिसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर से अधिक है और 8वीं शताब्दी के प्रेम के देवता कामदेव की एक पत्थर की आवक्ष प्रतिमा। संग्रहालय ने अपनी ग्रीक और रोमन दीर्घाओं से तीन तुर्की कलाकृतियाँ को भी हटा दिया है। मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने पुरावशेषों की ज़िम्मेदार खरीद का पालन करने का संकल्प लिया है और नए अधिग्रहण एवं इसके मौजूदा संग्रह हेतु सख्त मानकों को लागू किया है। आज़ादी से पहले, पुरावशेष (निर्यात नियंत्रण) अधिनियम 1947 यह सुनिश्चित करने हेतु पारित किया गया था कि बिना लाइसेंस के किसी भी पुरावशेष का निर्यात नहीं किया जा सकता है। भारत में पुरावशेष और कला निधि अधिनियम, 1972 द्वारा पुरावशेष शासित होते हैं जो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI), केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के दायरे में आते हैं।
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भारतीय विभाजन शरणार्थी सहायता योजना
वर्ष 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब से भारत आए 5,000 से अधिक हिंदू और सिख परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की केंद्र सरकार की योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 5,764 पात्र परिवारों में से केवल 903 को ही अनुदान प्राप्त हुआ है और शरणार्थी कार्ड जैसे मूल कागज़ात उपलब्ध नहीं होने के कारण कई दावों पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। भ्रष्टाचार तथा राजस्व अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग का भी योजना पर असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त परिवार के कई सदस्यों के बीच अनुदान राशि के बँटवारे के परिणामस्वरूप कुछ परिवारों को कम भुगतान प्राप्त हुआ है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने परिवारों को अनुदान के लिये आवेदन करने में मदद हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया परंतु कई परिवार इसमें आवश्यक दस्तावेज़ पेश नहीं कर पाए। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा किये गए रिकॉर्ड के सत्यापन के आधार पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को धन की प्रतिपूर्ति गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है। इस योजना को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें 2023-24 के बजट में इसके लिये 25 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
और पढ़ें… भारत और शरणार्थी नीति
ह्यू एंड क्राई/हो-हल्ला (Hue and Cry):
हाल ही में पंजाब सरकार ने भगोड़े खालिस्तान समर्थक प्रचारक अमृतपाल सिंह के खिलाफ 'ह्यू एंड क्राई नोटिस' जारी किया है। 'ह्यू एंड क्राई' वाक्यांश आमतौर पर जनता के आक्रोश से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसकी उत्पत्ति इंग्लैंड की 13वीं और 14वीं शताब्दी की पुलिसिंग प्रणाली में निहित है। वर्ष 1285 में किंग एडवर्ड प्रथम द्वारा हस्ताक्षरित 'लॉ ऑफ विंचेस्टर' ने अनिवार्य किया था कि जो भी व्यक्ति कोई अपराध देखता है, उसे न केवल इसकी रिपोर्ट करनी होगी, बल्कि पुलिस को सतर्क करने के लिये चिल्लाना होगा। 'ह्यू एंड क्राई' के नियम का सीधा सा अर्थ था कि यदि कोई संदिग्ध या अपराधी कुछ राहगीरों के सामने सड़क पर भाग रहा हो, तो उनमें से प्रत्येक को पुलिस को उसकी पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद करने के लिये चिल्लाना पड़ता था। यह सामुदायिक पुलिसिंग दृष्टिकोण छोटे समुदायों में सफल रहा और यह प्रथा भारत सहित विश्व के कुछ हिस्सों में जारी रही है, जहाँ लापता व्यक्तियों का पता लगाने या संदिग्धों की पहचान करने जैसे मामलों में सार्वजनिक सहायता लेने हेतु 'ह्यू एंड क्राई नोटिस' का उपयोग अभी भी किया जाता है। ये नोटिस विशिष्ट नियमों और प्रक्रियाओं द्वारा शासित होते हैं और मामले की गंभीरता पर बल देने तथा जनता के बीच हलचल पैदा करने के लिये संयम से उपयोग किये जाते हैं। हालाँकि समकालीन समय में 'ह्यू एंड क्राई' वाक्यांश का उपयोग कम हो गया है, लेकिन यह एक कानूनी प्रक्रिया बनी हुई है जिसका पालन अन्य राज्यों के भगोड़ों के बारे में सचेत करने के लिये किया जाना चाहिये।
गुप्त धन
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन के गुप्त भुगतान से जुड़े आरोपों का सामना करने के लिये न्यायालय में पेश होना पड़ा। गुप्त धन उन व्यक्तियों या संस्थानों को शांत कराने या खरीदने के उपयोग को संदर्भित करता है जिनके पास उपयोगकर्त्ता की ख्याति को क्षति पहुँचाने लायक जानकारी या आरोप हो सकते हैं।