वर्षांत समीक्षा 2022: पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय | 03 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:समुद्री सुरक्षा, हिंद महासागर क्षेत्र, सीमा सुरक्षा बल, सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र, होर्मुज जलडमरूमध्य मेन्स के लिये:समुद्री सुरक्षा और संबंधित चिंताएँ |
सागरमाला कार्यक्रम
- मंत्रिमंडल द्वारा सागरमाला परियोजना के लिये संस्थागत ढाँचाअनुमोदित।
- इस ढाँचे के शीर्ष स्तर पर समग्र नीतिगत मार्गदर्शन एवं उच्चस्तरीय समन्वय हेतु एक राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (National Sagarmala Apex Committee- NSAC) का गठन किया गया है।
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, लोथल:
- लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की स्थापना को मंज़ूरी दी गई है जिसे 3 चरणों में स्थापित किया जाना है।
- यह हड़प्पा काल से भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिये देश में अपनी तरह का पहला विश्वस्तरीय संग्रहालय परिसर और एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल होगा।
- रो-रो/रो-पैक्स:
- सागरमाला कार्यक्रम के तहत कई मार्गों पर रो-रो/रो-पैक्स (Ro-Ro/Ro-Pax) और यात्री जेटी परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।
- इनमें से एक प्रमुख प्रभावशाली परियोजना नवंबर, 2020 से शुरू हुई घोघा-हजीरा (गुजरात) के बीच रो-पैक्स फेरी है। जिसके परिणामस्वरूप इस मार्ग पर यात्रा समय 10 घंटे से घटकर 4 घंटे रह गया है।
- इसी प्रकार, मुंबई में सड़क पर भीड़भाड़ को कम करने के लिये सरकार ने नवंबर, 2022 से मुंबई-मांडवा के बीच फेरी सेवा शुरू की। इसके परिणामस्वरूप सड़क मार्ग से समुद्र की दूरी 109 किमी. से घटकर 18.5 किमी. रह गई है जबकि इस दूरी को तय करने में लगने वाला समय 3 घंटे से घटकर सिर्फ 45 मिनट रह गया है।
- तटीय नौवहन:
- सागरमाला के तहत तटीय नौवहन को बढ़ावा देना मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- तटीय व्यापार के विकास को गति देने के लिये एशियाई विकास बैंक द्वारा भारत में तटीय नौवहन के विकास पर वर्ष 2025 तक के लिये एक योजना तैयार की गई है।
- अन्य प्रयास:
- बंकर ईंधन पर GST को 18% से घटाकर 5% करना।
- कार्गो जहाज़ों के लिये कैबोटेज छूट।
- अंतर्देशीय एवं तटीय कार्गो का एकीकरण।
- भारतीय शिपिंग कंपनियों को सब्सिडी सहायता।
- तटीय कार्गो के लिये ग्रीन चैनल मंज़ूरी और प्रमुख बंदरगाहों पर तटीय जहाज़ों के लिये प्राथमिकता के आधार पर बर्थ
- भारत सरकार विशेष तटीय बर्थों, प्लेटफॉर्मों या जेट्टी के निर्माण या उन्नयन, तटीय बर्थों के मशीनीकरण और पूंजी के लिये सहायता प्रदान कर रही है।
- पीएम गतिशक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पोर्टल के साथ ही तटीय नौवहन को और बढ़ावा मिलेगा और समग्र लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
- क्रूज टर्मिनल:
- मुंबई के इंदिरा डॉक पर अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल का उन्नयन/आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
- मंत्रालय रिवरफ्रंट सौंदर्यीकरण कार्य के साथ-साथ रिवर क्रूज़ टर्मिनल और रिवर पर्यटन सुविधा के विकास के लिये श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट को सहायता प्रदान कर रहा है।
- तटीय सामुदायिक विकास:
- मंत्रालय मछुआरा समुदाय के कल्याण के लिये मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (PMMSY) के तहत फिशिंग हार्बर परियोजनाओं का आंशिक वित्तपोषण कर रहा है।
- सागरमाला कार्यक्रम के तहत मंत्रालय ने प्रमुख बंदरगाहों पर 5 प्रमुख फिशिंग हार्बर का आधुनिकीकरण किया है।
- कौशल विकास:
- बंदरगाह एवं समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास के लिये सागरमाला दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDUGKY) का दूसरा चरण गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में प्रगति पर है।
- इस कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत 2,400 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से लगभग 1,200 लोगों को लॉजिस्टिक, शिप ब्रेकिंग, पर्यटन तथा आतिथ्य उद्योगों में रखा गया है।
- सभी प्रमुख बंदरगाहों पर मल्टी-स्किल डेवलपमेंट सेंटर (MSDC) स्थापित किये जा रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जुड़े MSDC चालू हो चुके हैं।
बंदरगाह क्षेत्र
- प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021:
- प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम (Major Port Authorities Act) 2021, 03 नवंबर, 2021 से प्रभावी है।
- प्रमुख बंदरगाहों के लिये मध्यस्थता एवं सुलह समिति:
- मध्यस्थता अथवा अदालतों के जरिये वाणिज्यिक विवादों के समाधान में काफी समय लग जाता है और यह प्रमुख बंदरगाह जैसी वाणिज्यिक संस्थाओं के लिये वित्तीय तौर पर काफी बोझिल हो जाता है। इसलिये एक वैकल्पिक विवाद समाधान ढाँचे के तौर पर प्रमुख बंदरगाहों के लिये एक मध्यस्थता एवं सुलह समिति (CSC) की स्थापना की गई है।
- विवाद समाधान के लिये 6 महीने का विशिष्ट समय निर्धारित किया गया है।
- JNPA SEZ इन्वेस्टर कॉन्क्लेव 2022:
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) ने निवेशकों से निवेश आकर्षित करने और उन्हें देश की बंदरगाह आधारित अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ मिलकर मुंबई में ‘JNPA SEZ इन्वेस्टर कॉन्क्लेव 2022' का आयोजन किया।
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNP) बना पहला शत-प्रतिशत लैंडलॉर्ड मेजर पोर्ट:
- पिछले 25 वर्षों के दौरान PPP मोड के तहत भारतीय बंदरगाहों में निवेश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
- JNP शत-प्रतिशत लैंडलॉर्ड पोर्ट बनने वाला देश का पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है जहाँ सभी बर्थ PPP मॉडल पर संचालित हो रहे हैं।
- चाबहार दिवस:
- इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल के सहयोग से मंत्रालय ने 30 जुलाई, 2022 को को 'चाबहार दिवस' मनाया।
- इसका उद्देश्य IPGL द्वारा संचालित चाबहार बंदरगाह को इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के लिंक के रूप में बढ़ावा देना है जो मुंबई में मध्य एशियाई बाज़ारों को जोड़ता है।
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने बंदरगाह के विकास में प्रगति की समीक्षा करने के लिये चाबहार में शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह का दौरा किया।
- बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में सुधार के लिये चाबहार बंदरगाह पर इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री ट्रेड ज़ोन (IPGC FTZ) को छह मोबाइल हार्बर क्रेन भी सौंपे गए।
- स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान:
- सभी प्रमुख बंदरगाहों ने स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान में सक्रियता से भाग लिया और इसके तहत जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया।
- इसमें समुद्र तटों, तटीय सड़कों, बंदरगाह परिसर आदि पर सफाई अभियान शामिल थे।
- पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल मैरीटाइम समिट 2022
- समुद्री एवं लॉजिस्टिक उद्योग में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करने के लिये श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट द्वारा पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल मैरीटाइम समिट 2022 का आयोजन किया गया।
अंतर्देशीय जल परिवहन
- अंतर्देशीय वेसेल अधिनियम, 2021:
- पिछले अंतर्देशीय वेसेल अधिनियम, 1917 के तहत राज्यवार विनियमों के बजाय अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 2021 के तहत देश में अंतर्देशीय पोतों के पंजीकरण, प्रमाणन एवं विशिष्टताओं की एकीकृत व्यवस्था शुरू करने के लिये नियम बनाए और अधिसूचित किये गए।
पोत परिवहन क्षेत्र
- मेक इन इंडिया:
- 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहित करने और आय एवं रोजगार बढ़ाने के लिये भारत में विनिर्माण तथा वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु।
- मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित विषयों पर संशोधित अधिसूचनाएँ जारी की गईं:
- 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहित करने और आय एवं रोजगार बढ़ाने के लिये भारत में विनिर्माण तथा वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु।
- नौचालन के लिये समु्द्री सहायता अधिनियम, 2021:
- इस अधिनियम ने पुराने लाइटहाउस अधिनियम 1927 का स्थान लिया है। यह नौचालन के लिये समुद्री सहायता के क्षेत्र में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, तकनीकी विकास और भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को शामिल करता है।
- नया अधिनियम भारतीय समुद्र तट के आसपास समुद्री नेविगेशन और पोत यातायात सेवाओं के लिये सामंजस्यपूर्ण एवं प्रभावी कार्यप्रणाली की सुविधा प्रदान करेगा।
- मैरीटाइम में महिलाओं के लिये IMO अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उद्घाटन अवसर पर भारतीय नौवहन निगम (Shipping Corporation of India- SCI) एम.टी. स्वर्ण गोदावरी पर सभी महिला मर्चेंट अधिकारियों के एक अन्य बेड़े की उपलब्धि हासिल की।