उत्तर प्रदेश Switch to English
महाकुंभ 2025 में AI का प्रयोग
चर्चा में क्यों?
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रबंधित करने तथा अचानक भीड़ बढ़ने का पूर्वानुमान लगाने के लिये अधिकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस CCTV कैमरों का उपयोग कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- भीड़ के आँकड़े:
- प्रतिदिन लगभग 50 से 60 लाख लोग मेले में आते हैं।
- अनुष्ठानिक स्नान के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है:
- पौष पूर्णिमा: 1.6 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी।
- मकर संक्रांति (14 जनवरी): 3.5 करोड़ लोगों ने भाग लिया।
- मौनी अमावस्या (29 जनवरी): अनुमानतः 6 से 7 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।
- निगरानी और मॉनीटरिंग सेटअप:
- प्राधिकारियों ने महोत्सव के लिये पूरे प्रयागराज में लगभग 2,700 CCTV कैमरे लगाए हैं, जिनमें से 1,800 कैमरे मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं।
- मेला क्षेत्र में चार एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्रों (ICCC) के माध्यम से निगरानी की जाती है।
- भीड़ प्रबंधन में AI की भूमिका:
- 1,800 CCTV कैमरों में से लगभग 160 AI तकनीक से लैस हैं।
- AI विशिष्ट समय पर विशिष्ट क्षेत्रों में लोगों की संख्या का अनुमान लगाने के लिये प्रति वर्ग मीटर भीड़ घनत्व की गणना करता है।
- अधिकारी प्रमुख स्नान के दिनों में अपेक्षित तीर्थयात्रियों की संख्या का अनुमान लगाने के लिये AI डेटा का उपयोग करते हैं तथा भीड़भाड़ को रोकने के लिये भीड़ को दूसरी दिशा में मोड़ते हैं।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया में AI:
- AI आपातकालीन स्थितियों में निकासी की सुविधा प्रदान करता है, जैसे कि हाल ही में हुई आग की घटना जिसमें 40 झोपड़ियाँ और 60 टेंट नष्ट हो गए थे।
- यह पहली बार है जब वैश्विक स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर भीड़ प्रबंधन के लिये AI का उपयोग किया गया है।
- चुनौतियाँ और सीमाएँ:
- कम नेटवर्क कनेक्टिविटी और तकनीकी समस्याओं के कारण AI मॉडल कभी-कभी खामियों का सामना करते हैं।
- सभी CCTV कैमरों को AI से लैस करना लागत-प्रतिबंधात्मक बना हुआ है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
- परिचय:
- AI एक कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट की वह क्षमता है जो ऐसे कार्य कर सके जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि उनके लिये मानवीय बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
- यद्यपि ऐसा कोई AI नहीं है जो सामान्य मनुष्य द्वारा किये जा सकने वाले विविध प्रकार के कार्य कर सके, फिर भी कुछ AI विशिष्ट कार्यों में मनुष्यों की बराबरी कर सकते हैं।
- AI एक कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट की वह क्षमता है जो ऐसे कार्य कर सके जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि उनके लिये मानवीय बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
- विशेषताएँ एवं घटक:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी तर्कसंगतता और ऐसे कार्य करने की क्षमता है, जिनसे किसी विशिष्ट लक्ष्य को प्राप्त करने की सबसे अच्छी संभावना होती है। AI का एक उपसमूह मशीन लर्निंग (ML) है।
- डीप लर्निंग (DL) तकनीकें पाठ, चित्र या वीडियो जैसे असंरचित डेटा की विशाल मात्रा के अवशोषण के माध्यम से इस स्वचालित शिक्षण को सक्षम बनाती हैं।
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संभल में हिरासत में मृत्यु
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जिसके बाद उसके परिवार और स्थानीय लोगों ने हिरासत में यातना का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्य बिंदु
- घटना: परिचय
- पुलिस ने जहाँ इसकी वजह दिल का दौरा पड़ने की संभावना जताई, वहीं पीड़ित के परिवार और स्थानीय लोगों ने चौकी पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे अधिकारियों को मॉब लिंचिंग (भीड़ के हमले) से बचने के लिये वहाँ से भागना पड़ा।
- बाद में, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों ने क्षेत्र में बल तैनात करके व्यवस्था बहाल की।
- हिरासत में यातना
- परिचय:
- हिरासत में यातना का अर्थ है किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक पीड़ा या कष्ट देना, जो पुलिस या अन्य प्राधिकारियों की हिरासत में हो।
- यह मानव अधिकारों और गरिमा का गंभीर उल्लंघन है और इसके परिणामस्वरूप अक्सर हिरासत में मृत्यु होती हैं, जो तब होती हैं जब कोई व्यक्ति हिरासत में होता है।
- हिरासत में मृत्यु के प्रकार:
- पुलिस हिरासत में मृत्यु:
- पुलिस हिरासत में मृत्यु अत्यधिक बल प्रयोग, यातना, चिकित्सा देखभाल से इनकार या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के कारण हो सकती है।
- न्यायिक हिरासत में मृत्यु:
- न्यायिक हिरासत में मृत्यु भीड़भाड़, खराब स्वच्छता, चिकित्सा सुविधाओं की कमी, कैदी हिंसा या आत्महत्या के कारण हो सकती है।
- सेना या अर्द्धसैनिक बलों की हिरासत में मृत्यु :
- यह अत्याचार, न्यायेतर हत्या, मुठभेड़ या गोलीबारी की घटनाओं के माध्यम से हो सकता है।
- पुलिस हिरासत में मृत्यु:
- भारत में हिरासत में यातना रोकने में चुनौतियाँ:
- यातना एवं अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक उपचार या दंड के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAT) के अनुसमर्थन का अभाव, जिस पर भारत ने 1997 में हस्ताक्षर किये थे, लेकिन अभी तक इसका अनुसमर्थन नहीं किया है।
- यह भारत को हिरासत में यातना को रोकने और उससे निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों और मानकों से बंधे रहने से रोकता है।
- यातना एवं अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक उपचार या दंड के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAT) के अनुसमर्थन का अभाव, जिस पर भारत ने 1997 में हस्ताक्षर किये थे, लेकिन अभी तक इसका अनुसमर्थन नहीं किया है।
मानव अधिकारों के लिये अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
- अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, 1948:
- अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में एक प्रावधान है जो लोगों को यातना और अन्य ज़बरन गायब किये जाने से बचाता है।
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर, 1945:
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर में कैदियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। चार्टर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कैदी होने के बावजूद, उनके मौलिक स्वतंत्रताएँ और मानव अधिकार सार्वभौमिक मानव अधिकारों की घोषणा, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के संधि तथा अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के संधि में निर्धारित हैं।
- नेल्सन मंडेला नियम, 2015:
- नेल्सन मंडेला नियमों को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2015 में अपनाया गया था ताकि कैदियों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जा सके तथा यातना और अन्य दुर्व्यवहार पर रोक लगाई जा सके।