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नई रेल परियोजनाएँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 6,456 करोड़ रुपए की कुल अनुमानित लागत वाली तीन नई रेल परियोजनाओं को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री के अनुसार मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत तीन नई रेलवे संबंधी परियोजनाओं से ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ को बहुत लाभ होगा।
- रेल मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा, लाइन क्षमता बढ़ेगी और परिवहन नेटवर्क में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति शृंखला सुव्यवस्थित होगी तथा आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी।
- ये परियोजनाएँ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये PM-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं व सेवाओं की आवाजाही के लिये निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA)
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CCEA सार्वजनिक क्षेत्र के लिये निवेश प्राथमिकताएँ निर्धारित करती है तथा निवेश के लिये विशेष प्रस्तावों का मूल्यांकन करती है, जो पूर्व निर्धारित सीमाओं से कम नहीं होने चाहिये, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
- इसकी ज़िम्मेदारियों में सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश के लिये प्राथमिकताएँ निर्धारित करना, निवेश प्रस्तावों पर विचार करना, आर्थिक रुझानों की समीक्षा करना, आर्थिक नीति ढाँचा विकसित करना और आर्थिक गतिविधियों तथा नीतियों का निर्देशन व समन्वय करना शामिल है।
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये PM-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान
- यह एक मेड इन इंडिया पहल है, जो आर्थिक नोड्स और सामाजिक बुनियादी ढाँचे के लिये मल्टीमॉडल बुनियादी ढाँचे की कनेक्टिविटी की एकीकृत योजना के लिये एक परिवर्तनकारी 'संपूर्ण-सरकार' दृष्टिकोण है, जिससे लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होता है।
- PM गति शक्ति सिद्धांत क्षेत्रीय संपर्क के हिस्से के रूप में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र-आधारित विकास लाता है।
- PM गतिशक्ति को अक्तूबर 2021 में लॉन्च किया गया था।
- गति शक्ति योजना में वर्ष 2019 में शुरू की गई 110 लाख करोड़ रुपए की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन शामिल हो गई है।
- PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) डेटा-आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसमें 1400 से अधिक डेटा परतें और 50 से अधिक उपकरण हैं।
- यह ट्रंक और उपयोगिता अवसंरचना, भूमि उपयोग, मौजूदा संरचनाओं, मृदा की गुणवत्ता, आवास, पर्यटन स्थलों, वन संवेदनशील क्षेत्रों आदि का दृश्य प्रतिनिधित्व प्रदान करता है।
- इस पहल का क्रियान्वयन क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संपर्क बढ़ाने के लिये भी किया जा रहा है। इसके कुछ उपयुक्त उदाहरण इस प्रकार हैं:
- भारत-नेपाल हल्दिया प्रवेश नियंत्रित गलियारा परियोजना (पूर्वी भारतीय राज्य और नेपाल)।
- विकास केंद्रों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों तक बहुविध कनेक्टिविटी के लिये क्षेत्रीय जलमार्ग ग्रिड (RWG) परियोजना।
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