उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश बोर्ड व्यावसायिक शिक्षा शुरू करेगा
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा को शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को कक्षा 12 में पहुँचने तक विभिन्न व्यावसायिक विषयों में महत्त्वपूर्ण कौशल प्रदान करना है, जिससे वे अपने दम पर उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
- यह परिवर्तनकारी बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के तहत लागू किया जा रहा है, जिसमें व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में सबसे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं।
- पाठ्यक्रम में कई तरह के विषय शामिल होंगे, जिनमें पाक कला, कन्फेक्शनरी, मधुमक्खी पालन, नर्सरी प्रबंधन, खाद्य संरक्षण, फल संरक्षण और फसल सुरक्षा शामिल हैं, जिनमें सभी में जीवित जीवों के साथ कार्य करना शामिल है
- मशीनरी श्रेणी में छात्रों को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, IT, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क, सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन, मोबाइल रिपेयरिंग, टेक्सटाइल डिज़ाइन, फोटोग्राफी, गारमेंट डिज़ाइन और डेकोरेशन, स्टेनोग्राफी, टाइपिंग, प्रिंटिंग, रेडियो तथा टेलीविज़न टेक्नोलॉजी जैसे विषयों का पता लगाने का अवसर मिलेगा
- सेवा प्रदाता श्रेणी में स्वास्थ्य सेवा, खुदरा व्यापार, सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुस्तकालय विज्ञान, धुलाई और रंगाई, बैंकिंग, अकाउंटेंसी, पर्यटन एवं आतिथ्य में पाठ्यक्रम पेश किये जाएंगे।
- कक्षा 6 से 10 तक विद्यार्थियों को इन विषयों में आधारभूत शिक्षा दी जाएगी तथा कक्षा 11 व 12 में वे इनमें से किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करेंगे।
- व्यावसायिक विषयों में हाई स्कूल तक 31 विषय और इंटरमीडिएट तक 44 विषय शामिल हैं। इन विषयों के लिये पाठ्यक्रम NCERT स्तर पर तैयार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा
- परिचय:
- NCF नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रमुख घटकों में से एक है, जो NEP 2020 के उद्देश्यों, सिद्धांतों और दृष्टिकोण से सूचित इस परिवर्तन को सक्षम एवं सक्रिय करता है
- NCF में अतीत में चार- वर्ष 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधन हुए हैं। प्रस्तावित संशोधन, यदि लागू किया जाता है, तो ढाँचे का पाँचवाँ संशोधन होगा।
- NCF के चार खंड:
- स्कूली शिक्षा के लिये NCF (NCF- SE)
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिये NCF (आधारभूत चरण)
- शिक्षक शिक्षा के लिये NCF
- वयस्क शिक्षा के लिये NCF
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य शिक्षाशास्त्र सहित पाठ्यक्रम में सकारात्मक बदलावों के माध्यम से, NEP 2020 में परिकल्पित भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से बदलने में सहायता करना है
- इसका उद्देश्य सभी बच्चों के लिये उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा का एहसास करना है, जो भारत के संविधान द्वारा परिकल्पित एक समतापूर्ण, समावेशी और बहुलवादी समाज को साकार करने के अनुरूप है
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उत्तर प्रदेश में प्रमुख रोज़गार पहल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार अगले दो वर्षों में युवाओं को 2 लाख रोज़गार उपलब्ध कराएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने मुज़फ्फरनगर में ज़िला स्तरीय रोज़गार एवं ऋण मेले के दौरान 5,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किये।
- उन्होंने चयनित लाभार्थियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) उद्यमियों को 30 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण भी वितरित किये, जिसका उद्देश्य उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये सशक्त बनाना है
- स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 1,000 से अधिक युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किये गए
- साथ ही 60,000 से अधिक पुलिस पदों के लिये भर्ती की घोषणा की।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना
- इस योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के विभिन्न शिक्षण/प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित छात्र, स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्र आदि को इस योजना का लाभ मिलेगा
- राज्य सरकार छात्रों को उनके संबंधित विश्वविद्यालय/कॉलेज/संस्थान के माध्यम से टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरित करेगी
- ये डिवाइस छात्रों के बीच सरकार की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाने में सहायता करेंगे।
हरियाणा Switch to English
फरीदाबाद में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने यह जाँच करने के लिये एक समिति गठित की है कि क्या अरावली में अनधिकृत पत्थर खनन गतिविधियों के कारण फरीदाबाद के अनंगपुर गाँव में गंभीर वायु एवं ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।
प्रमुख बिंदु
- यह कार्रवाई अनंगपुर के निकट निवासियों द्वारा NGT में याचिका दायर करने के बाद की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अवैध संचालन से उनके स्वास्थ्य को काफी खतरा है
- समिति में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB), फरीदाबाद के ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) और फरीदाबाद के प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- समिति की ज़िम्मेदारियों में भूमि की प्रकृति का पता लगाने के लिये साइट का दौरा करना, यह पुष्टि करना कि क्या आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है तथा गतिविधियों में लगे व्यक्तियों या संगठनों की पहचान करना शामिल है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
- यह एक वैधानिक संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1974 में जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत किया गया था
- CPCB को वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत शक्तियाँ तथा कार्य भी सौंपे गए थे
- यह एक क्षेत्रीय गठन के रूप में कार्य करता है और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी प्रदान करता है।
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