दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता | झारखंड | 27 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
प्रमुख बिंदु:
- दोनों विधायकों को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल का दोषी पाया गया है।
- दलबदल विरोधी कानून:
- दलबदल विरोधी कानून संसद सदस्यों (Members of Parliament - - MP)/विधानसभा सदस्यों (Members of the Legislative Assembly- MLA) को एक दल छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने पर दंडित करता है।
- संसद ने विधायकों को दल बदलने से हतोत्साहित करके सरकारों में स्थिरता लाने के लिये इसे वर्ष 1985 में संविधान में दसवीं अनुसूची के रूप में जोड़ा था।
- दसवीं अनुसूची - जिसे लोकप्रिय रूप से दलबदल विरोधी अधिनियम के रूप में जाना जाता है - को 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 के माध्यम से संविधान में शामिल किया गया था।
- यह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की अयोग्यता के प्रावधान निर्धारित करता है।
- यह वर्ष 1967 के आम चुनावों के बाद दल बदलने वाले विधायकों द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों को गिराने की प्रतिक्रिया थी।
वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय का ब्राज़ील के साथ समझौता ज्ञापन | उत्तर प्रदेश | 27 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मेरठ स्थित श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय ने दोनों देशों के विद्यार्थियों के बीच शैक्षिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिये ब्राज़ील के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रमुख बिंदु:
- इसका मुख्य ध्यान केंद्रण डेयरी, कृषि, जैवप्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्रों में विद्यार्थी और संकाय विनिमय कार्यक्रमों पर होगा।
- दोनों देश संयुक्त सेमिनारों, कार्यशालाओं और नियमित कक्षाओं के माध्यम से उन्नत प्रौद्योगिकियों और नवाचारों पर सहयोग करेंगे।
- इस साझेदारी को विद्यार्थियों के लिये उच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
IIT-कानपुर के प्रोफेसर ने बहिर्ग्रह (Exoplanet) की खोज की | उत्तर प्रदेश | 27 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
IIT-कानपुर के अंतरिक्ष, ग्रहीय एवं खगोलीय विज्ञान तथा अभियांत्रिकी विभाग (Space, Planetary & Astronomical Sciences & Engineering- SPASE) के एक सहायक प्रोफेसर सहित खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने एक बड़े बहिर्ग्रह की खोज की है जो हमारे सूर्य के समान एक निकटवर्ती तारे की परिक्रमा कर रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- वैज्ञानिक पत्रिका नेचर के अनुसार, एप्सिलॉन इंडी एब या एप्स इंड एब के नाम से जाना जाने वाला सौर मंडल के बाहर का ग्रह, बृहस्पति से कम से कम छह गुना अधिक द्रव्यमान होने के कारण 'सुपर-बृहस्पति' के रूप में वर्गीकृत है।
- एप्स इंड एब प्रत्यक्ष चित्रण तकनीक का उपयोग करके खोजा गया पहला परिपक्व बहिर्ग्रह (हमारे सौर मंडल के बाहर का ग्रह) है।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के मिड-इन्फ्रारेड उपकरण का उपयोग करते हुए, खगोलविदों की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने K5V-प्रकार के तारे एप्सिलॉन इंडी A (जिसे HD 209100 या HI के नाम से भी जाना जाता है) की परिक्रमा कर रहे एक नए बहिर्ग्रह का प्रत्यक्ष चित्र लिया है।
- निकटवर्ती परिपक्व बहिर्ग्रह का प्रत्यक्ष चित्रण, अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- हाल ही में पहचाना गया यह ग्रह पृथ्वी से 12 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और अत्यंत शीतल है, जिसका तापमान लगभग -1°C (30°F) है।
- इसकी कक्षा भी बहुत बड़ी है, जिसका आकार पृथ्वी और सूर्य की दूरी का 28 गुना है।