मध्य प्रदेश: भारत का बाघ राज्य | मध्य प्रदेश | 27 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
देश में सबसे ज़्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं। देश के वनों में मौजूद लगभग 3,800 बाघों में से 785 मध्य प्रदेश में हैं।
वर्ष 2011 से 2018 के बीच थोड़े समय के लिये कर्नाटक ने बाघों की सर्वाधिक संख्या के मामले में मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया था।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2022 की बाघ गणना के अनुसार देश में बाघों की संख्या 3,682 से 3,925 के बीच है, जिसमें से मध्य प्रदेश 785 बाघों के साथ शीर्ष पर है, उसके बाद क्रमशः कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560) और महाराष्ट्र (444) का स्थान है।
- उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 260 बाघों के साथ पूरे देश के सभी बाघ अभयारण्यों में शीर्ष पर है।
- वन अधिकारियों के अलावा जनजातियों और वनवासियों सहित हितधारकों द्वारा किये गए प्रयासों से भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे बिग कैट प्रजातियों के संरक्षण में सहायता मिली है।
- पहली बाघ गणना वर्ष 1972 में की गई थी, जिसमें बाघों की संख्या 1,827 दर्ज की गई थी।
- भारत की बाघ संख्या को आवास की कमी, अवैध शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है
- 20वीं सदी के प्रारंभ में भारत में बाघों की संख्या अच्छी थी लेकिन 1970 के दशक तक उनकी संख्या में चिंताजनक रूप से कमी आ गई थी।
- इसकी अनुक्रिया में सरकार ने वर्ष 1973 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' शुरू किया, जिसका उद्देश्य बाघों के लिये सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने और शिकार गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु पूरे देश में बाघ अभयारण्यों का एक नेटवर्क बनाना था।
- भारत के वनों का पारिस्थितिक संतुलन और जैवविविधता बनाए रखना भी परियोजना का एक उद्देश्य था।
बाघ अभ्यारण्य/टाइगर