उत्तर प्रदेश Switch to English
खाद्य पदार्थों में मिलावट पर रोक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट से निपटने के लिये नए निर्देश जारी किये।
मुख्य बिंदु
- स्वामियों के नामों का प्रदर्शन :
- सभी रेस्तरां और भोजनालयों को अपने संचालकों, मालिकों, प्रबंधकों और अन्य प्रमुख कर्मचारियों के नाम और पते प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे।
- इस कदम का उद्देश्य खाद्य प्रतिष्ठानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
- खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन :
- नए प्रदर्शन नियमों के अनुपालन को लागू करने के लिये खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन किया जाएगा।
- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए राज्यव्यापी सत्यापन अभियान चलाया जाएगा।
- CCTV स्थापना अनिवार्य :
- सभी भोजनालयों, होटलों और ढाबों को भोजन कक्ष और प्रतिष्ठान के अन्य भागों में CCTV कैमरे लगाने होंगे।
- ऑपरेटरों की जिम्मेदारी CCTV फुटेज को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने और अनुरोध किये जाने पर उसे कानून प्रवर्तन को उपलब्ध कराने की है।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता :
- ये निर्देश खाद्य पदार्थों में मिलावट के उन मामलों पर राज्य की प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं, जहाँ खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट और अन्य संदूषक पाए गए थे।
- भोजन तैयार करने और परोसने वाले सभी कर्मचारियों के लिये मास्क और दस्ताने का अनिवार्य उपयोग सहित सख्त स्वच्छता प्रथाओं को लागू किया जाएगा।
FSSAI
- वर्ष 2006 में स्थापित खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSSAI) खाद्य सुरक्षा को विनियमित करने के लिये भारत का प्राथमिक कानून है। यह खाद्य उत्पादों के लिये मानक निर्धारित करता है और उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की देखरेख करता है । अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिये सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- FSSAI अधिनियम, 2006 की मुख्य विशेषताएँ:
- एकीकृत खाद्य कानून : यह विभिन्न खाद्य कानूनों को एक एकीकृत प्रणाली में समेकित करता है, तथा खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के लिये स्पष्ट मानक स्थापित करता है।
- राज्य सरकारों को शक्तियाँ: अधिनियम राज्य सरकारों को स्थानीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा को विनियमित करने के लिये नियम बनाने और उपाय करने की अनुमति देता है, जैसे निरीक्षण करना, अनुपालन सुनिश्चित करना और उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करना।
- खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण : खाद्य मानकों को निर्धारित करने, खाद्य सुरक्षा ऑडिट करने और सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिये इस अधिनियम के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) बनाया गया था।
- यह अधिनियम केन्द्रीय और राज्य दोनों प्राधिकरणों को खाद्य सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रखने तथा अनुपालन न होने की स्थिति में कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जैसे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये जारी किये गए निर्देश।
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उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर सुविधा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, यह घोषणा की गई कि उत्तर प्रदेश में अपनी पहली सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित होने वाली है, जो भारत के तकनीकी क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण विकास को चिह्नित करता है और राज्य को देश के डिजिटल परिवर्तन में एक महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है ।
मुख्य बिंदु
- भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर साझेदारी :
- यह घोषणा चिप निर्माण पर सहयोग के लिये भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के बाद की गई है ।
- सेमीकंडक्टर (अर्द्धचालक)विकास में भारत -अमेरिका साझेदारी का भारत की तकनीकी प्रगति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
- डिजिटल परिवर्तन का महत्त्व:
- सेमीकंडक्टर भारत के डिजिटल परिवर्तन लक्ष्यों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं और दैनिक जीवन में तेज़ी से दिखाई देने लगेंगे।
- यह विकास भारत की प्रगति के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है , जो इसका लाभ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाएगा ।
- साइबर सुरक्षा फोकस :
- अर्धचालक उद्योग को साइबर सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि युद्ध में भौतिक हमलों से साइबर क्षेत्र में बदलाव आया है ।
- आर्थिक प्रभाव :
- इस सुविधा की स्थापना से व्यापक आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा तथा भारत की अर्थव्यवस्था को लचीला तथा प्रबल विकास पथ पर अग्रसर बताया जाएगा ।
- भारत -अमेरिका द्विपक्षीय संबंध अब पारस्परिक रूप से लाभकारी हैं, जो भारत के चल रहे आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं।
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