छत्तीसगढ़ में NCB का ज़ोनल कार्यालय | छत्तीसगढ़ | 26 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के ज़ोनल कार्यालय का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985
- यह किसी व्यक्ति को मादक दवा या मन:प्रभावी पदार्थ का उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, परिवहन करने, भंडारण करने और/या उपभोग करने से रोकता है।
- NDPS अधिनियम, 1985 के एक प्रावधान के तहत मादक द्रव्य दुरुपयोग नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष भी बनाया गया, ताकि अधिनियम के कार्यान्वयन में होने वाले व्यय को पूरा किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने वल्लभाचार्य आश्रम का दौरा किया | छत्तीसगढ़ | 26 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के चंपारण शहर में महाप्रभु वल्लभाचार्य आश्रम में पूजा-अर्चना की।
मुख्य बिंदु
- केंद्रीय मंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास बैठकों के लिये छत्तीसगढ़ का दौरा किया।
- महाप्रभु वल्लभाचार्य:
- वल्लभाचार्य एक पूजनीय व्यक्ति थे, जिनकी वेदों और उपनिषदों पर गहन पकड़ थी। उन्हें वल्लभ एवं महाप्रभु वल्लभाचार्य की उपाधियों से जाना जाता था।
- उन्होंने शुद्ध अद्वैत या शुद्ध अद्वैतवाद के दर्शन की स्थापना की। उन्होंने भारत के ब्रज क्षेत्र में कृष्ण-केंद्रित पंथ, वैष्णववाद के पुष्टि संप्रदाय की भी स्थापना की।
- उन्होंने वेदांत दर्शन की अपनी स्वयं की व्याख्या विकसित करने के बाद जगद्गुरु आचार्य और पुष्टिमार्ग भक्ति विद्यालय के गुरु की भी स्थापना की।
- उनका जन्म 1479 ई. में छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के चंपारण शहर में हुआ था।
वेद और उपनिषद
- वेद:
- वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
- "वेद" शब्द मूल धातु "विद" से बना है, जिसका अर्थ है "आध्यात्मिक ज्ञान" या "ज्ञान का विषय"।
- वेदों की रचना वैदिक कवियों और ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने ब्रह्मांडीय रहस्यों का वर्णन करने के लिये संस्कृत काव्य का प्रयोग किया था।
- उपनिषद:
- इन्हें वेदांत भी कहा जाता है, ये भारतीय दर्शन का स्रोत हैं और इनकी संख्या सामान्यतः 108 है, हालाँकि ज्ञात है कि इनकी संख्या 200 से भी अधिक है।
- "उपनिषद" शब्द का अर्थ है "(गुरु के) निकट बैठना" और शिक्षक प्रायः जंगल में अपने विद्यार्थियों को मौखिक रूप से इन्हें पढ़ाते थे।
- दस मुख्य उपनिषद हैं ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, तत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य और बृहदारण्यक।