उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) | उत्तर प्रदेश | 26 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश लाने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें प्रश्नपत्र लीक करने वालों के लिये दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा तथा एक करोड़ रुपए तक के ज़ुर्माने का प्रावधान है।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश ने सभी अपराधों को संज्ञेय और गैर-ज़मानती बना दिया है।
- इन अपराधों की सुनवाई सत्र न्यायालयों द्वारा की जाएगी और ये गैर-समझौता योग्य होंगे तथा इनमें ज़मानत के लिये सख्त प्रावधान होंगे।
- अध्यादेश में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, UP बोर्ड, राज्य विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा नामित प्राधिकरणों, निकायों या एजेंसियों द्वारा आयोजित परीक्षाएँ शामिल हैं।
- इसमें सरकारी नौकरियों में नियमितीकरण और पदोन्नति के लिये परीक्षाएँ भी शामिल होंगी।
- अध्यादेश में फर्ज़ी प्रश्नपत्र वितरित करने और फर्ज़ी रोज़गार वेबसाइट बनाने पर भी दंड का प्रावधान है।
- परीक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का दोषी पाए जाने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को ब्लैक लिस्ट में डालने की अनुमति देता है।
- यदि कोई परीक्षा प्रभावित होती है, तो वित्तीय बोझ संबंधित लोगों से वसूला जाएगा।
अध्यादेश
- यह राज्य या केंद्र सरकार द्वारा उस समय जारी किया गया आदेश या कानून है, जब विधानमंडल या संसद सत्र में नहीं होता है।
- अध्यादेश जारी करने की विधायी शक्ति एक आपातकालीन शक्ति की प्रकृति है, जो केवल आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये कार्यपालिका को प्रदान की जाती है।
- अध्यादेशों के संबंध में संवैधानिक प्रावधान:
- COI का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को संसद के अवकाश के दौरान अध्यादेश जारी करने का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 213 राज्यपालों को विधानमंडल के सत्र में न होने पर अध्यादेश जारी करने का अधिकार देता है।
संज्ञेय अपराध (Cognisable Offences)
- संज्ञेय अपराधों में कोई अधिकारी न्यायालय से वारंट प्राप्त किये बिना ही किसी संदिग्ध व्यक्ति का संज्ञान ले सकता है और उसे गिरफ्तार कर सकता है, यदि उसके पास यह “विश्वास करने का कारण” है कि उस व्यक्ति ने अपराध किया है तथा वह इस बात से संतुष्ट है कि कुछ निश्चित आधारों पर गिरफ्तारी आवश्यक है।
- गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अधिकारी को न्यायिक मज़िस्ट्रेट से हिरासत की पुष्टि करानी होगी।
- विधि आयोग की 177वीं रिपोर्ट के अनुसार, संज्ञेय अपराध वे हैं जिनमें तत्काल गिरफ्तारी की आवश्यकता होती है।
- संज्ञेय अपराध आमतौर पर जघन्य या गंभीर प्रकृति के होते हैं जैसे- हत्या, बलात्कार, अपहरण, चोरी, दहेज़ हत्या आदि।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) केवल संज्ञेय अपराधों में ही दर्ज की जाती है।
गैर-ज़मानती अपराध
- कोई भी अपराध जो CrPC की प्रथम अनुसूची या किसी अन्य कानून के तहत ज़मानतीय नहीं बताया गया है, उसे गैर-ज़मानती अपराध माना जाता है।
- गैर-ज़मानती अपराध का आरोपी व्यक्ति जमानत का अधिकार नहीं ले सकता। CrPC की धारा 437 में यह प्रावधान है कि गैर-ज़मानती अपराध के मामले में ज़मानत कब ली जा सकती है।
अयोध्या में मंदिरों का संग्रहालय | उत्तर प्रदेश | 26 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अयोध्या में ‘मंदिरों का संग्रहालय’ बनाने के लिये टाटा संस के प्रस्ताव को अनुमति दी, जिसकी अनुमानित लागत 750 करोड़ रुपए है।
मुख्य बिंदु
- राज्य के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, कंपनी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) फंड का उपयोग करके परियोजना का प्रबंधन करेगी।
- पर्यटन विभाग इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के लिये कंपनी की ज़मीन को 90 वर्षों के लिये पट्टे पर देगा, जिसके लिये उसे मात्र 1 रुपए का शुल्क देना होगा।
- कंपनी मंदिर शहर में और अधिक विकास परियोजनाओं के लिये अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
- मुख्यमंत्री पर्यटन फेलोशिप कार्यक्रम को भी कैबिनेट से मंज़ूरी मिल गई है।
- शुरुआत में 25 शोधकर्त्ताओं का चयन किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक को 40,000 रुपए दिये जाएँगे, जिसमें 30,000 रुपए भुगतान के लिये और फील्ड ट्रिप के लिये 10,000 रुपए और टैबलेट दिये जाएँगे। वे पर्यटन विकास में सहयोग करेंगे तथा इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करेंगे।
- कैबिनेट बैठक के दौरान स्वीकृत अन्य प्रस्ताव निम्नलिखित थे:
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR)
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की अवधारणा यह विचार है कि कंपनियों को पर्यावरण और सामाजिक कल्याण पर अपने प्रभावों का आकलन करना चाहिये तथा उनकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिये एवं सकारात्मक सामाजिक व पर्यावरणीय परिवर्तन को बढ़ावा देना चाहिये।
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के चार मुख्य प्रकार हैं:
- पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी
- नैतिक ज़िम्मेदारी
- परोपकारी ज़िम्मेदारी
- आर्थिक ज़िम्मेदारी
- कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत CSR प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होता है जिनका वार्षिक कारोबार 1,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक है या जिनकी निवल संपत्ति 500 करोड़ रुपए या उससे अधिक है या जिनका शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपए या उससे अधिक है।
- अधिनियम के तहत कंपनियों को एक CSR समिति गठित करने की आवश्यकता होती है, जो निदेशक मंडल को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति की सिफारिश करेगी तथा समय-समय पर उसकी निगरानी भी करेगी।
स्प्रिचुअल सर्किट डेवलपमेंट | उत्तर प्रदेश | 26 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 12 प्रमुख पर्यटन सर्किट विकसित कर रहे हैं।
- इन पहलों के अंतर्गत आध्यात्मिक सर्किट को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि इसकी विशाल क्षमता का दोहन किया जा सके।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटन स्थलों के सर्वेक्षण, अंतर विश्लेषण और UP पर्यटन नीति दस्तावेज़ 2022 के पालन सहित एक विस्तृत रणनीति को लागू करने की तैयारी कर रहा है।
- योजना में 7 S- सूचना (Awareness), स्वागत (Welcome), सुविधा (Amenities), सुरक्षा (Safety), स्वच्छता (Cleanliness), संरक्षण (Infrastructure) और सहयोग (Support) के आधार पर मानकों को प्राथमिकता दी गई है।
- उत्तर प्रदेश ने पर्यटन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और यह विश्वभर के पर्यटकों के लिये एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।
- काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या धाम के साथ-साथ उनके संबंधित गलियारों के विकास से ये स्थल राज्य के प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गए हैं।
- वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 30 करोड़ प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है, जो पर्यटन उद्योग में उत्तर प्रदेश की बढ़ती प्रमुखता को उजागर करेगा।
- आध्यात्मिक सर्किट सहित विभिन्न सर्किटों में पर्यटन विकास को रणनीतिक रूप से बेहतर बनाने के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report- DPR) तैयार की जाएगी।
- चयनित एजेंसी पर्यटक अंतराल विश्लेषण के लिये सर्वेक्षण पद्धति तैयार करने हेतु विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करेगी।
- सर्वेक्षण रिपोर्ट में आगंतुकों की प्रतिक्रिया, फोटोग्राफी और वीडियो दस्तावेज़ीकरण शामिल होंगे।
- कार्ययोजना में DPR में उल्लिखित चयनित पर्यटन स्थलों पर आगंतुकों से फीडबैक एकत्र करना, पर्यटन आँकड़े एकत्र करना, विकास प्रवृत्तियों का मूल्यांकन करना और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण को प्राथमिकता देना शामिल है।
- सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करके और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, इस दृष्टिकोण का उद्देश्य इन स्थानों को प्रभावी ढंग से संचालित एवं उन्नत करना है।
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC)
- इसकी स्थापना वर्ष 1974 में हुई थी।
- उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों के लिये पर्यटक आवास, रेस्तरां, पर्यटन सुविधाएँ उपलब्ध कराना तथा मनोरंजन केंद्र खोलना है।
- राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से पैकेज टूर का आयोजन करना।