प्रधानमंत्री ने वर्चुअली झारखंड में स्वास्थ्य परियोजनाओं की नींव रखी | झारखंड | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में करीब 177 करोड़ रुपए की विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु:
- पीएम-एभीएम (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन) के तहत, परियोजनाओं में दो नर्सिंग कॉलेज, चार क्रिटिकल केयर ब्लॉक (CCB) और तीन ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (BPHU) शामिल हैं।
- नर्सिंग कॉलेजों का निर्माण कोडरमा मेडिकल कॉलेज और फूलो झानो मेडिकल कॉलेज दुमका में किया जाएगा।
- चार CCB चार अलग-अलग ज़िलों में स्थापित किये जाएंगे, जिनमें एक राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज (RIMS), राँची भी शामिल है।
- देवघर ज़िले में तीन BPHU की स्थापना की जायेगी।
पीएम-एभीएम (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन)
- वर्ष 2021 में लॉन्च की गई, यह देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करने के लिये सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजनाओं में से एक है।
- इसके उद्देश्य में शामिल हैं:
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी अवसंरचना सुनिश्चित करना, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों या बीमारी के प्रकोप का जवाब देने में सक्षम हो।
- ब्लॉक, ज़िला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के माध्यम से एक IT-सक्षम रोग निगरानी प्रणाली स्थापित करना।
भारत-जापान: धर्म गार्जियन | राजस्थान | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारतीय और जापानी थल सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'धर्म गार्जियन' का पाँचवां संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ।दस्तावेज़
मुख्य बिंदु:
- दो सप्ताह का यह अभ्यास भारत और जापान में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक अभ्यास है।
- जापानी दल का प्रतिनिधित्व 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अर्द्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त अभियानों को अंजाम देने के लिये सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है।
- यह आयोजन उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल की बुनियादी बातों पर केंद्रित होगा।
राजपुताना राइफल्स
- यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी राइफल रेजिमेंट है।
- यह मूल रूप से ब्रिटिश भारतीय सेना का एक हिस्सा था, जब पहले से मौजूद छह रेजिमेंटों को मिलाकर 6वीं राजपूताना राइफल्स की छह बटालियन बनाई गई थीं।
- वर्ष 1945 में शीर्षक से अंक पदनाम हटा दिया गया और वर्ष 1947 में रेजिमेंट को नई स्वतंत्र भारतीय सेना में स्थानांतरित कर दिया गया।
- आज़ादी के बाद से रेजिमेंट पाकिस्तान के खिलाफ कई संघर्षों में शामिल रही है, साथ ही वर्ष 1953-54 में संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में कोरिया में कस्टोडियन फोर्स (भारत) और वर्ष 1962 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में योगदान दिया है।
संयुक्त राष्ट्र का चार्टर
- संयुक्त राष्ट्र का चार्टर संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक दस्तावेज़ है। इस पर 26 जून, 1945 को सैन फ्राँसिस्को में हस्ताक्षर किये गए और 24 अक्तूबर, 1945 को यह लागू हुआ।
- संयुक्त राष्ट्र अपने अद्वितीय अंतर्राष्ट्रीय चरित्र और अपने चार्टर में निहित शक्तियों के कारण विभिन्न प्रकार के मुद्दों पर कार्रवाई कर सकता है, जिसे एक अंतर्राष्ट्रीय संधि माना जाता है।
- इस प्रकार संयुक्त राष्ट्र चार्टर अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक साधन है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश इससे बँधे हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), संयुक्त राष्ट्र (UN) का प्राथमिक न्यायिक निकाय, अपने कानून द्वारा संचालित होता है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अभिन्न अंग के रूप में संलग्न है।
उत्तराखंड सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक | उत्तराखंड | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
उत्तर प्रदेश और हरियाणा द्वारा लाए गए संपत्ति के नुकसान की वसूली की तर्ज़ पर उत्तराखंड एक विधेयक लाने की तैयारी में है।
मुख्य बिंदु:
- इस कानून के तहत विरोध प्रदर्शनों और हड़तालों के दौरान हुए सार्वजनिक एवं सरकारी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी।
- एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला एक न्यायाधिकरण राज्य की शिकायत के बाद पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ आरोपों की जाँच करेगा।
- नुकसान की वसूली के लिये आकलन और आदेश सरकार तथा अन्यथा प्रभावित पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किये जाएंगे।
- सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिये विधेयक लाने का फैसला उत्तराखंड के हलद्वानी में हुई हिंसा के बाद आया।
- ज़िला प्रशासन और नागरिक निकाय द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान में नज़ूल (सरकारी) भूमि पर बनी एक मस्जिद तथा मदरसे को ध्वस्त करने के बाद हिंसा भड़क उठी।
अतिक्रमण
- यह किसी और की संपत्ति का अनधिकृत उपयोग अथवा कब्ज़ा करने से है।
- यह परित्यक्त या अप्रयुक्त स्थानों पर हो सकता है यदि कानूनी मालिक इसके रखरखाव में सक्रिय रूप से शामिल नहीं है।
- संपत्ति के स्वामियों को ऐसे मामलों से संबंधित विधिक प्रक्रिया और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना अत्यावश्यक है।
- इसमें उचित अनुमति अथवा कानूनी अधिकारों के बिना संपत्ति पर अवैध निर्माण, कब्ज़ा अथवा किसी अन्य प्रकार का कब्ज़ा शामिल हो सकता है।
- भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 441 में भूमि अतिक्रमण को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार किसी अन्य के कब्ज़े की संपत्ति पर अपराध करने अथवा व्यक्ति को, जिसके कब्ज़े में ऐसी संपत्ति है, भयभीत करने अथवा विधिपूर्वक रूप से संपत्ति में प्रवेश करने की अनुमति के बिना किसी और की संपत्ति में अवैध रूप से प्रवेश करने का कार्य अतिक्रमण है।
नज़ूल भूमि
- नज़ूल भूमि का स्वामित्व सरकार के पास है लेकिन अक्सर इसे सीधे राज्य संपत्ति के रूप में प्रशासित नहीं किया जाता है।
- राज्य सामान्यतः ऐसी भूमि को किसी भी इकाई को 15 से 99 वर्ष के बीच एक निश्चित अवधि के लिये पट्टे पर आवंटित करता है।
- यदि पट्टे की अवधि समाप्त हो रही है, तो कोई व्यक्ति स्थानीय विकास प्राधिकरण के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन जमा करके पट्टे को नवीनीकृत करने के लिये प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है।
- सरकार पट्टे को नवीनीकृत करने या इसे रद्द करने- नज़ूल भूमि वापस लेने के लिये स्वतंत्र है।
- सरकार सामान्यतः नज़ूल भूमि का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों जैसे- स्कूल, अस्पताल, ग्राम पंचायत भवन आदि के निर्माण के लिये करती है।
सवेरा कार्यक्रम | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सवेरा कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर की शीघ्र पहचान और रोकथाम करना है। इसकी शुरुआत मेदांता फाउंडेशन ने गुड़गाँव में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से की थी।
मुख्य बिंदु:
- इस योजना के तहत दृष्टिबाधित लोग स्तन कैंसर की जाँच करेंगे क्योंकि उनमें प्राकृतिक स्पर्श संवेदनशीलता होती है।
- इस क्षमता के महत्त्व को चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों ने समझा, परखा और उपयोग किया है। दृष्टिबाधित व्यक्ति आधा सेंटीमीटर तक स्तन कैंसर का पता लगा सकते हैं, जबकि एक सामान्य डॉक्टर जाँच के बाद एक सेंटीमीटर तक इसका पता लगा सकता है।
- अपने प्रारंभिक चरण में कार्यक्रम सेक्टर 10 के सिविल अस्पताल, सेक्टर 31 के पॉलीक्लिनिक और वज़ीराबाद के पीएचसी में लॉन्च किया जाएगा।
- CM के अनुसार देशभर में रोजाना करीब 90,000 महिलाएँ स्तन कैंसर के कारण अपनी जान गँवाती हैं।
- उन्होंने झज्जर ज़िले में एम्स में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना का भी उल्लेख किया, जो 1,000 बेड से सुसज्जित है।
कैंसर
- परिचय:
- यह एक जटिल और व्यापक शब्द है जिसका उपयोग शरीर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि तथा प्रसार से होने वाली बीमारियों के एक समूह का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- ये असामान्य कोशिकाएँ, जिन्हें कैंसर कोशिकाएँ कहा जाता है, स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर आक्रमण करने तथा उन्हें नष्ट करने में सक्षम होती हैं।
- एक स्वस्थ शरीर में कोशिकाएँ विनियमित तरीके से विकसित होती हैं, विभाजित होती हैं और नष्ट हो जाती हैं, जिससे ऊतकों तथा अंगों के सामान्य संचालन की अनुमति मिलती है।
- हालाँकि कैंसर के मामले में कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन या असामान्यताएँ इस सामान्य कोशिका चक्र को बाधित करती हैं, जिससे कोशिकाएँ विभाजित होती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।
- स्तन कैंसर
- यह एक ऐसा रोग है जिसमें असामान्य स्तन कोशिकाएँ नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यदि ध्यान न दिया जाए तो ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है और घातक हो सकता है।
- स्तन कैंसर कोशिकाएँ दूध नलिकाओं और/या स्तन के दूध उत्पन्न करने वाले लोबूल के अंदर शुरू होती हैं।
- प्रारंभिक रूप (स्वस्थानी) जीवन के लिये खतरा नहीं है। कैंसर कोशिकाएँ आस-पास के स्तन ऊतकों में फैल सकती हैं। इससे ट्यूमर बनता है जो गाँठ या मोटा होने का कारण बनता है।
- आक्रामक कैंसर आस-पास के लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों (मेटास्टेसिस) में फैल सकता है। मेटास्टेसिस घातक हो सकता है.
- उपचार- व्यक्ति, कैंसर के प्रकार और उसके फैलाव पर आधारित होता है। उपचार में सर्जरी, विकिरण चिकित्सा एवं दवाएँ शामिल हैं।
सर्वाइकल कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा (योनि से गर्भाशय का प्रवेश द्वार) में विकसित होता है।
- सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण से संबंधित होते हैं जो यौन संपर्क के माध्यम से संचरित सबसे सामान्य विषाणु है।
- दो HPV प्रकार (16 और 18) उच्च जोखिम वाले लगभग 50% सर्वाइकल प्री-कैंसर का कारण बनते हैं।
- वैश्विक स्तर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर चौथा सबसे सामान्य कैंसर है। वर्ष 2020 में विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 90% नए मामले तथा मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हुईं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024 पदक तालिका | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल के तहत प्रमुख आयोजन के छठे संस्करण, खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) 2024 में हरियाणा शीर्ष तीन राज्यों में उभरा।
मुख्य बिंदु:
- पूरे देश से 5,600 से अधिक एथलीटों ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024 में भाग लिया, जो 19 से 31 जनवरी, 2024 तक चला। तमिलनाडु ने चार शहरों - चेन्नई, मदुरै, त्रिची और कोयंबटूर में KIYG 2024 की मेज़बानी की।
- महाराष्ट्र ने 57 स्वर्ण पदक, 48 रजत और 53 काँस्य के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स खिताब को अपने पास बनाए रखा है। यह उनका चौथा KIYG खिताब था।
- मेज़बान राज्य तमिलनाडु 38 स्वर्ण, 21 रजत और 39 काँस्य पदक हासिल कर अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
- हरियाणा, जिसने दो KIYG खिताब जीते हैं, 35 स्वर्ण, 22 रजत और 46 काँस्य पदक के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
- KIYG 2024 तमिलनाडु में 26 खेलों में कुल 926 पदक - 278 स्वर्ण, 278 रजत और 370 काँस्य पदक - प्रस्तावित थे।
- स्क्वैश ने इस वर्ष KIYG में पदार्पण किया, जबकि सिलंबम, स्वदेशी मार्शल आर्ट का एक रूप, इस खेल का हिस्सा रहा।
सिलंबम
- सिलंबम एक प्राचीन हथियार आधारित मार्शल आर्ट (Weapon-Based Martial Art) है जिसकी उत्पत्ति तमिलकम में हुई जो वर्तमान में भारत का तमिलनाडु क्षेत्र है। यह विश्व के सबसे पुराने मार्शल आर्ट में से एक है।
- सिलंबम शब्द स्वयं एक खेल के बारे में बताता है, सिलम का अर्थ है 'पहाड़' (Mountain) और बम का अर्थ बाँस (Bamboo) है जिसका उपयोग मार्शल आर्ट के इस रूप में मुख्य हथियार के रूप में किया जाता है।
- यह केरल के मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू (kalaripayattu) से निकटता रखता है।
हरियाणा बजट 2024-25 | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये 1.89 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 से 11 प्रतिशत अधिक है।
मुख्य बिंदु:
- बजट 2024-25 की मुख्य बातें:
- वर्ष 2024-25 के लिये 1,89,876.61 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है, जिसमें कोई नया कर प्रस्तावित नहीं है।
- इसमें राजस्व व्यय के रूप में 1,34,456.36 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के रूप में 55,420.25 करोड़ रुपए शामिल हैं, जो कुल बजट का क्रमशः 70.81% और 29.19% है।
- वर्ष 2014-15 से 2023-24 की अवधि के दौरान स्थिर कीमतों (2011-12 की कीमतें) पर हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 6.1% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है, जो वर्ष 2014-15 में 3,70,535 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 6,34,027 करोड़ रुपए हो गई है। ।
- वर्ष 2023-24 में, सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA) में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी प्राथमिक क्षेत्र में क्रमशः 52.6% और 18.1% अनुमानित है। प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों ने वर्ष 2023-24 में 8.6 %, 6.3% एवं 13.8% की वृद्धि दर्ज की है।
- द्वितीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी 29.3% अनुमानित की गई है।
- वर्ष 2022-23 में राज्य सार्वजनिक उद्यमों (PSE) का कारोबार 79,907 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया था, जो 11.94% की वृद्धि दर्शाता है।
- सीएम ने यह भी घोषणा की कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) से किसानों द्वारा लिये गए फसल ऋण पर ब्याज और ज़ुर्माना माफ किया जाएगा।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP)
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष और बिना दोहराव के) के दौरान राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा का मौद्रिक उपाय है।
- अर्थव्यवस्था के ये अनुमान, समय के साथ आर्थिक विकास के स्तर में बदलाव की सीमा और दिशा को प्रकट करते हैं।
- इसे प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है तथा राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधि के अनुसार संकलित किया गया है।
- राज्य घरेलू उत्पाद को प्राथमिक क्षेत्र, माध्यमिक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के तहत वर्गीकृत किया गया है तथा इसे राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधिवार संकलित किया जाता है।
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)
- PACS ग्राम स्तर की सहकारी ऋण समितियाँ हैं जो राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंकों (State Cooperative Banks- SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
- SCB से क्रेडिट का हस्तांतरण ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (District Central Cooperative Banks- DCCB) को किया जाता है, जो ज़िला स्तर पर काम करते हैं। ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक PACS के साथ काम करते हैं, साथ ही ये सीधे किसानों से जुड़े हैं।
- PACS विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों हेतु किसानों को अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं।
- पहला PACS वर्ष 1904 में बनाया गया था।