राजस्थान Switch to English
सरिस्का टाइगर रिज़र्व से बाहर निकला बाघ
चर्चा में क्यों?
माना जा रहा है कि राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिज़र्व से भटककर आया एक नर बाघ हरियाणा के रेवाड़ी में मसानी बैराज के पास एक गाँव में देखा गया है।
- बाघ की पहचान ST-2302 के रूप में की गई है।
मुख्य बिंदु:
हरियाणा और राजस्थान की वन तथा वन्यजीव टीम मिलकर तीन वर्ष के बाघ पर नज़र रख रही हैं।
स्थिति की निगरानी करते हुए, अधिकारी बाघ के मानव-आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश करने की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये सावधानी बरत रहे हैं।
सरिस्का टाइगर रिज़र्व
- सरिस्का टाइगर रिज़र्व अरावली पहाड़ियों में स्थित है और राजस्थान के अलवर ज़िले का एक हिस्सा है।
- सरिस्का को वर्ष 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था और बाद में वर्ष 1978 में इसे बाघ अभयारण्य घोषित किया गया, जिससे यह भारत के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बन गया।
- कंकरवाड़ी किला रिज़र्व के केंद्र में स्थित है और कहा जाता है कि मुगल बादशाह औरंगज़ेब ने अपने भाई दारा शिकोह को सिंहासन के उत्तराधिकार के संघर्ष में इस किले में कैद कर लिया था।
नोट:
- कालेसर राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य:
- यह सिवालिक तलहटी पर स्थित है। यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड) और सिंबलबारा राष्ट्रीय उद्यान (हिमाचल प्रदेश) से सटा हुआ है।
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान:
- यह गुरुग्राम से 15 किमी. दूर स्थित एक रामसर साइट है।
- यह पार्क प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्ध है।
- भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य:
- यह मानव निर्मित मीठे जल की आर्द्रभूमि है।
- हरियाणा के अन्य वन्यजीव अभयारण्य:
- मोरनी हिल्स (खोल-हाय-रायतान) वन्यजीव अभयारण्य और बीर शिकारगढ़ वन्यजीव अभयारण्य शिवालिक पहाड़ियों में स्थित है।
- चिलछिला झील वन्यजीव अभयारण्य (सियोंथी रिज़र्व वन) कुरुक्षेत्र ज़िले में।
- झज्जर ज़िले में खापरवास वन्यजीव अभयारण्य।
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