उत्तराखंड विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया गया | उत्तराखंड | 24 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने राज्य विधानसभा में 5,013 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) प्रस्तुत किया।
मुख्य बिंदु
- उत्तराखंड कारागार एवं सुधार सेवाएँ विधेयक, 2024 तथा ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम, 1950 में संशोधन भी प्रस्तुत किया गया।
- अनुपूरक बजट में केंद्र पोषित योजनाओं के लिये 1,532 करोड़ रुपए तथा बाह्य सहायता प्राप्त योजनाओं के लिये 273 करोड़ रुपए शामिल थे।
- राज्य में बड़े निर्माण कार्यों के लिये कुल 749 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- टिहरी झील विकास के लिये 50 करोड़ रुपए, गौ सदन निर्माण के लिये 32 करोड़ रुपए, नर्सिंग कॉलेजों के लिये 25 करोड़ रुपए तथा डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिये 14 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
- उत्तराखंड कारागार एवं सुधार सेवाएँ विधेयक, 2024 का उद्देश्य केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कई पुराने अधिनियमों को निरस्त करने के बाद राज्य के कारागार कानूनों को अद्यतन करना है। यह विधेयक कैदियों के प्रबंधन और पुनर्वास से संबंधित है।
- राज्य सरकार ने नगरपालिका क्षेत्रों के विस्तार और संबंधित भूमि विवादों से उत्पन्न मुद्दों के समाधान के लिये ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया है।
ज़मींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950
- यह भारत में ज़मींदारी प्रथा को समाप्त करने वाला पहला महत्त्वपूर्ण कानून था।
- इस सुधार का मुख्य लक्ष्य ज़मींदारों, जागीरदारों और इनामदारों जैसे बिचौलियों को हटाना था, जो काश्तकारों का शोषण कर रहे थे।
- इस सुधार का उद्देश्य भूमि का स्वामित्व सीधे भूमिधारकों या कृषकों को हस्तांतरित करके उन्हें मज़बूत बनाना भी था।
NCGG मसूरी में क्षमता निर्माण कार्यक्रम | उत्तराखंड | 24 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मसूरी स्थित राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) ने श्रीलंका के मध्य-कॅरियर लोक सेवकों के लिये 5वाँ क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया।
मुख्य बिंदु
- यह 19 अगस्त, 2024 से 30 अगस्त, 2024 तक आयोजित किया जाने वाला दो सप्ताह का कार्यक्रम है और इसमें श्रीलंका के 39 मध्य-कॅरियर लोक सेवक भाग ले रहे हैं।
- यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को नागरिकों के लाभ के लिये सुशासन मॉडल अपनाने और लागू करने के लिये बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को सांस्कृतिक बारीकियों और साझा शासन प्रथाओं की व्यापक समझ प्रदान करने के लिये तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना (NCGG)
- राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका कार्य भारत और अन्य देशों के लोक सेवकों को प्रशिक्षित करना है।
- पिछले कुछ वर्षों में केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्याँमार, इथियोपिया, इरिट्रिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिजी, मोज़ाम्बिक और कंबोडिया जैसे विभिन्न देशों के अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।