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पीएम सूर्य घर योजना
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना दर दोगुनी करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- वर्तमान स्थिति:
- राज्य में अब तक एक लाख से अधिक सोलर संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं। वर्तमान में प्रतिमाह लगभग 11,000 सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं, अर्थात प्रतिदिन औसतन 500 से अधिक संयंत्रों की स्थापना हो रही है।
- लक्ष्य:
- सरकार का लक्ष्य 2025-26 में 2.65 लाख प्लांट लगाना है, जिससे मासिक स्थापना दर बढ़कर 22,000 हो जाएगी।
- मार्च 2027 तक कुल 8 लाख सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने का लक्ष्य है। इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये 2,500 से अधिक विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया गया है और लगभग 1,800 विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया है।
- सरकार का लक्ष्य 2025-26 में 2.65 लाख प्लांट लगाना है, जिससे मासिक स्थापना दर बढ़कर 22,000 हो जाएगी।
- बहु-स्तरीय योजना निर्माण:
- लक्ष्य को ज़िला, डिस्कॉम, नगर निगम और नगर पालिका स्तर पर बाँटा गया है।
- योजना को मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से जोड़ा गया है, जिससे इसकी रीयल टाइम मॉनिटरिंग और प्रगति की ट्रैकिंग संभव हो रही है।
- UPNEDA (उत्तर प्रदेश नई और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) योजना को हर घर तक पहुँचाने के लिये प्रतिबद्ध है।
- आवेदकों से संपर्क कर विक्रेताओं (vendors) को सूचीबद्ध किया जा रहा है।
- विक्रेताओं को बैंकों के माध्यम से ऋण और क्रेडिट गारंटी योजनाओं का लाभ देकर उनकी आर्थिक क्षमता मज़बूत की जा रही है।
- प्रशिक्षण एवं सहयोग:
- प्रशिक्षण कार्य राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय संस्थान, कौशल विकास मंत्रालय, भारत सरकार और UPNEDA के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना
- परिचय:
- यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा फरवरी 2024 में शुरू की गई थी।
- यह पर्याप्त वित्तीय सब्सिडी प्रदान करके और इनस्टॉलेशन में सुविधा सुनिश्चित करके सोलर रूफटॉप सिस्टम को अपनाने को बढ़ावा देने के लिये एक केंद्रीय योजना है।
- इसका लक्ष्य भारत में एक करोड़ परिवारों को मुफ्त विद्युत ऊर्जा उपलब्ध कराना है, जो रूफटॉप सोलर पैनल वाली बिजली इकाइयाँ स्थापित करना चाहते हैं।
- परिवारों को प्रत्येक महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिल सकेगी।
- कार्यान्वयन एजेंसियाँ: योजना का क्रियान्वयन दो स्तरों पर किया जाएगा।
- राष्ट्रीय स्तर: राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसी (NPIA) द्वारा प्रबंधित।
- राज्य स्तर: राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (SIA) द्वारा प्रबंधित, जो संबंधित राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों की वितरण उपयोगिताएँ (डिस्कॉम) या विद्युत/ऊर्जा विभाग हैं।
- सब्सिडी संरचना: यह योजना सोलर रूफटॉप सिस्टम इनस्टॉलेशन की लागत को कम करने के लिये सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी अधिकतम 3 किलोवाट क्षमता तक सीमित है।
- 2 किलोवाट क्षमता तक के सोलर सिस्टम के लिये 60% सब्सिडी।
- 2 किलोवाट से 3 किलोवाट क्षमता के बीच सोलर सिस्टम के लिये 40% सब्सिडी।


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NSE और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
मुख्य बिंदु:
- समझौता ज्ञापन के बारे में:
- यह पहल उत्तर प्रदेश की 96 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिये पूंजी जुटाने के अवसरों को सुलभ बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
- अब ये MSMEs NSE इमर्ज प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPOs) लॉन्च करके पूंजी जुटा सकेंगी।
- NSE इमर्ज एक समर्पित प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे MSMEs को पूंजी बाज़ार से जोड़ने के लिये विकसित किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म सार्वजनिक निवेश के अवसर, ब्रांड की दृश्यता बढ़ाने और व्यापक निवेशक आधार तक पहुँच प्रदान करता है।
- समझौते के तहत NSE, उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से सेमिनार, रोड शो, कार्यशालाएँ, ज्ञान सत्र और MSME कैंप आयोजित करेगा, ताकि MSMEs के बीच IPO के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके।
- इस पहल के माध्यम से MSME इकाइयों को सार्वजनिक पूंजी के साथ-साथ निवेशकों का विश्वास भी प्राप्त होगा।
- अप्रैल 2025 तक, NSE इमर्ज प्लेटफ़ॉर्म पर कुल 612 कंपनियाँ सूचीबद्ध हो चुकी हैं, जिन्होंने 17,003 करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी जुटाई है, और इनकी कुल बाज़ार पूँजी (market capitalization) 1,76,565 करोड़ रुपए है।
- महत्त्व:
- यह पहल उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश, रोज़गार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देगी।
MSME इकाइयों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करने में सहायता मिलेगी। - MSME नीति 2022 के तहत, शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होने के लिये अधिकतम 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।
- यह पहल उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश, रोज़गार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देगी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाज़ार है।
- वर्ष 1992 से निगमित ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ एक परिष्कृत, इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार के रूप में विकसित हुआ है, जो इक्विटी ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में चौथे स्थान पर है (2021 तक)।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्रदान करने वाला पहला एक्सचेंज था।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में सबसे बड़ा निजी वाइड-एरिया नेटवर्क है।
- निफ्टी 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) का प्रमुख सूचकांक है।
- सूचकांक ब्लू चिप कंपनियों, सबसे बड़ी और सबसे अधिक तरल भारतीय प्रतिभूतियों के पोर्टफोलियो के व्यवहार को ट्रैक करता है।

