उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में बाहरी लोगों का सत्यापन अभियान
चर्चा में क्यों ?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के मुताबिक, लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद उत्तराखंड पुलिस दूसरे राज्यों से आकर राज्य में रहने वाले लोगों की पहचान की पुष्टि के लिये सत्यापन अभियान फिर से शुरू करेगी।
मुख्य बिंदु:
- इस अभियान का उद्देश्य कानून व्यवस्था बनाए रखना और बाहरी लोगों की साख की जाँच करना है।
- यह बात सामने आई है कि राज्य के बाहर के लोग राज्य में आपराधिक वारदातें करते हैं और चले जाते हैं। कई बार आतंकियों को उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की पुलिस ने भी पकड़ा है।
- अधिकारियों के अनुसार, 4 जून 2024 को परिणाम घोषित होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई आदर्श आचार संहिता (MCC) हटने के बाद सत्यापन अभियान पुनः शुरू किया जाएगा।
- उत्तराखंड में 19 अप्रैल 2024 को सात चरण के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान हुआ।
आदर्श आचार संहिता
- MCC एक सर्वसम्मत दस्तावेज़ है। राजनीतिक दल स्वयं चुनाव के दौरान अपने आचरण को नियंत्रित रखने और संहिता के भीतर काम करने पर सहमत हुए हैं।
- यह निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिये गए जनादेश को ध्यान में रखते हुए मदद करता है, जो उसे संसद और राज्य विधानमंडलों के लिये स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की निगरानी एवं संचालन करने की शक्ति देता है।
- MCC चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से परिणाम की घोषणा की तारीख तक चालू रहता है।
- संहिता लागू रहने के दौरान सरकार किसी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकती, सड़कों या अन्य सुविधाओं के निर्माण का वादा नहीं कर सकती और न ही सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम में कोई तदर्थ नियुक्ति कर सकती है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान में खदान ब्लॉकों की नीलामी
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने राज्य में छोटे और बड़े ब्लॉकों की नीलामी के लिये परिसीमन कार्य में तेज़ी लाने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- अवैध खनन गतिविधियों से निपटने के लिये सरकार कई खनन स्थलों को तैयार करने और बेचने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- खनिज अन्वेषण के लिये ड्रिलिंग और रिपोर्ट के विश्लेषण से मूल्यवान खनिजों के अवैध खनन से निपटने में सहायता मिलेगी, जिससे राज्य में राजस्व एवं रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
- सरकार ने अधिकारियों से खनिज विभाग के कार्यालयों और क्षेत्रों में जल संचयन प्रणाली विकसित करने को कहा है।
- इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को विभाग के कार्यालयों में ई-फाइलिंग प्रणाली का कुशल संचालन सुनिश्चित करने और प्रसंस्करण समय को कम करने का निर्देश दिया गया।
- राजस्थान 57 से अधिक विभिन्न खनिजों का उत्पादन करने वाले देश में खनिजों की उपलब्धता और विविधता के मामले में सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। खान विभाग ने वर्ष 2023-2024 के दौरान 7,490 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया।
- खान विभाग ने अन्वेषण, ड्रिलिंग, नीलामी के लिये ब्लॉक एवं भूखंड तैयार करने, नीलामी कैलेंडर बनाने और राजस्व संग्रह के लिये रोड मैप तैयार करके दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक योजना तैयार की है।
अवैध खनन
- अवैध खनन भूमि या जल निकायों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या सरकारी प्राधिकरणों से नियामक अनुमोदन के बिना खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण है।
- इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
- भारत में खनन से संबंधित कानून:
- भारत के संविधान की सूची-II (राज्य सूची) की क्रम संख्या 23 की प्रविष्टि राज्य सरकार को अपनी सीमाओं के अंदर स्थित खनिजों के स्वामित्त्व के लिये बाध्य करती है।
- सूची-I (केंद्रीय सूची) की क्रम संख्या 54 पर प्रविष्टि केंद्र सरकार को भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के अंदर खनिजों के मालिक होने का अधिकार देती है।
- इसके अनुसरण में खान और खनिज (विकास तथा विनियमन) (MMDR) अधिनियम 1957 बनाया गया था।
- लघु खनिजों से संबंधित नीति और कानून बनाने की शक्ति पूरी तरह से राज्य सरकारों को सौंपी गई है, जबकि प्रमुख खनिजों से संबंधित नीति एवं कानून केंद्र सरकार के तहत खान मंत्रालय द्वारा निपटाए जाते हैं।
झारखंड Switch to English
झारखंड के मुख्यमंत्री की अंतरिम ज़मानत याचिका
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम ज़मानत का विरोध किया है।
मुख्य बिंदु:
- ED के मुताबिक, हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग/धन शोधन के अपराध के दोषी थे, जिसके लिये उन्हें जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया गया था।
- अंतरिम ज़मानत किसी मामले के लंबित रहने के दौरान अस्थायी रूप से दी जाती है जब नियमित ज़मानत तुरंत प्राप्त नहीं की जा सकती।
- "अंतरिम ज़मानत" शब्द को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में आपराधिक कानूनों का प्रवर्तन
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने हाल ही में पेश किये गए तीन आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिये एक योजना बनाई है: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023।
मुख्य बिंदु:
हरियाणा पुलिस विभाग तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिये क्षमता निर्माण पहल और तैयारी तेज़ कर रहा है।
मास्टर प्रशिक्षकों और पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुए, विभाग का लक्ष्य इन नए नियमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 (BNS)
- यह केंद्र सरकार द्वारा पुराने भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) को बदलने के लिये पेश किये गए तीन आपराधिक कानून विधेयकों में से एक है।
- BNS को 20 दिसंबर 2023 को लोकसभा में और 21 दिसंबर 2023 को राज्यसभा में पारित किया गया था।
- संशोधनों के अलावा इसका उद्देश्य सामान्य कानून में कई अपराधों को जोड़ना है जो या तो किसी कानून का हिस्सा थे या भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का परिणाम थे।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
- भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 (BNSS2) आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC) को प्रतिस्थापित करती है और इसमें महत्त्वपूर्ण परिवर्तन शामिल हैं:
- अभियोगाधीन का निरोध: BNSS2 ने विचाराधीन कैदियों के लिये नियमों में बदलाव किया है, आजीवन कारावास के मामलों और कई आरोपों का सामना करने वाले व्यक्तियों सहित गंभीर अपराधों के आरोपियों के लिये व्यक्तिगत बांड पर रिहाई को प्रतिबंधित कर दिया है।
- चिकित्सीय परीक्षण: यह मेडिकल परीक्षण के दायरे को व्यापक बनाता है, जिससे किसी भी पुलिस अधिकारी (सिर्फ एक उप-निरीक्षक नहीं) को अनुरोध करने की अनुमति मिलती है, जिससे प्रक्रिया अधिक सुलभ हो जाती है।
- फोरेंसिक जाँच: कम-से-कम सात वर्ष के कारावास के साथ दंडनीय अपराधों के लिये फोरेंसिक जाँच को अनिवार्य करता है।
- हस्ताक्षर और उंगलियों के निशान: उंगलियों के निशान और आवाज़ के नमूने एकत्र करने की शक्ति बढ़ाता है।
- प्रक्रियाओं हेतु समय-सीमा: BNSS2 सख्त समय-सीमा पेश करता है: 7 दिनों के भीतर बलात्कार पीड़ितों के लिये मेडिकल रिपोर्ट, 30 दिनों के भीतर फैसले (45 तक बढ़ाया जा सकता है), पीड़ित की प्रगति के बारे में 90 दिनों के भीतर अपडेट और पहली सुनवाई से 60 दिनों के भीतर आरोप तय करना।
- न्यायालयों का पदानुक्रम: CrPC भारत की आपराधिक न्यायालयों को मजिस्ट्रेट न्यायालयों से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक, पदानुक्रमित रूप से व्यवस्थित करती है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023
भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 (BSB2) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (IEA) का स्थान लेता है। यह IEA के अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखता है जिनमें स्वीकारोक्ति, तथ्यों की प्रासंगिकता और सबूतों का बोझ शामिल है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश उद्योग 4.0
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश नोडल तकनीकी विश्वविद्यालय ने भविष्य के कार्यबल को आधुनिक उद्योग 4.0 संकल्पना के साथ संरेखित करने की दिशा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड कंप्यूटिंग प्रशिक्षण के लिये प्रौद्योगिकी प्रमुख इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) कॉर्पोरेशन के साथ समझौता किया है।
- राज्य द्वारा 'एक ज़िला, एक इनक्यूबेटर' योजना पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- भारत में AI निवेश वर्ष 2027 तक 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने, स्वरोज़गार को प्रोत्साहित करने और स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा देने के लिये इस विस्तारित उद्योग का लाभ उठाना है।
- राज्य के अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) ने 500 से अधिक संबद्ध कॉलेजों में ऐसे कार्यक्रमों में निःशुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिये IBM के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
- इंटेल और इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन द्वारा हाल ही में जारी एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार, भारत में AI व्यय वर्ष 2023 से 31.5% बढ़ने की उम्मीद है।
- सर्वेक्षण में शामिल आठ देशों- ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान में वृद्धि सबसे अधिक है।
- उद्योग 4.0 विनिर्माण और औद्योगिक प्रक्रियाओं में बुद्धिमान डिजिटल प्रौद्योगिकियों के एकीकरण को संदर्भित करता है।
- इसमें औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) नेटवर्क, AI, बिग डेटा, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन तक विस्तृत प्रौद्योगिकियों का एक सेट शामिल है।
- चूँकि राज्य में देश का चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, इसलिये सरकार शिक्षा को इनक्यूबेटरों के साथ एकीकृत करने और व्यावसायिक विचारों के लिये एंजेल फंडिंग की सुविधा प्रदान करने की दिशा में कदम उठा रही है।
- यह 75 ज़िलों में प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान में एक इनक्यूबेटर स्थापित करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, राज्य में 60 से अधिक इन्क्यूबेटर संचालित हैं।
- राज्य में लगभग 10,000 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं, जिनमें से 50% टियर-II और टियर-III शहरों से उभरे हैं। लगभग 4,300 स्टार्टअप महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
- उत्तर प्रदेश भारत में कुल 108 यूनिकॉर्न में से आठ का गढ़ है, जैसे कि पेटीएम, पेटीएम मॉल, इंडिया मार्ट, मोग्लिक्स, पाइन लैब्स, इनोवाकर, इन्फोएज और फिजिक्स वाला।
यूनिकॉर्न
- एक यूनिकॉर्न किसी भी निजी स्वामित्व वाली फर्म है जिसका बाज़ार पूंजीकरण 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है
- यह अन्य उत्पादों/सेवाओं के अलावा रचनात्मक समाधान और नए व्यापार मॉडल पेश करने के लिये समर्पित नई संस्थाओं की उपिस्थिति को दर्शाता है
- फिनटेक, एडटेक, बिज़नेस-टू-बिज़नेस (B2B) कंपनियाँ आदि इसकी कई श्रेणियाँ हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में खदान नीलामी
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में लिथियम खदान, जिसमें लोकसभा चुनाव के कारण देरी हुई थी, की आगामी महीने में नीलामी की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
- मार्च 2024 में, खान मंत्रालय ने नीलामी के लिये एक निविदा जारी की थी, जिसमें कोल इंडिया (CIL) जैसी कई कंपनियों ने अपनी रुचि व्यक्त की थी।
- अधिकारियों के मुताबिक चुनाव आचार संहिता के कारण निविदा जारी नहीं जा सकीं और मंत्रालय जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगा।
- फरवरी 2023 में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने कटघोरा तहसील में लिथियम की खोज की। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, लिथियम भंडार 256.12 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ था, जिसमें 84.86 हेक्टेयर वन क्षेत्र भी शामिल है।
- जियोकेमिकल मैपिंग से कटघोरा क्षेत्र में सात मिश्रित नमूनों में लिथियम के असंगत मूल्य सामने आए। ये 82.606 और 155 भाग प्रति मिलियन के बीच थे।
लिथियम
- परिचय:
- लिथियम (Li), जिसे कभी-कभी रिचार्जेबल बैटरी के लिये उच्च मांग के कारण 'सफेद सोना' भी कहा जाता है, एक नरम और चाँदी जैसी श्वेत धातु है।
- निष्कर्षण:
- भंडार के प्रकार के आधार पर लिथियम का अलग-अलग तरीकों से निष्कर्षण किया जा सकता है- आम तौर पर या तो बड़े ब्राइन पूलों के सौर वाष्पीकरण के माध्यम से, या अयस्क के हार्ड-रॉक निष्कर्षण से।
- प्रयोग:
- लिथियम इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV), लैपटॉप, मोबाइल आदि की बैटरी में प्रयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रोकेमिकल सेल का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
- इसका प्रयोग थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में भी किया जाता है।
- इसका प्रयोग एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम के साथ मिश्र धातु बनाने, उनकी कठोरता में सुधार करने एवं उन्हें हल्का बनाने के लिये किया जाता है।
- मैग्नीशियम-लिथियम मिश्र धातु- कवच प्लेट के लिये।
- एल्यूमीनियम-लिथियम मिश्र धातु- विमान, साइकिल फ्रेम और हाई-स्पीड ट्रेनों में।
- प्रमुख वैश्विक लिथियम भंडार:
- चिली > ऑस्ट्रेलिया > अर्जेंटीना लिथियम भंडार वाले शीर्ष देश हैं।
- लिथियम ट्रायंगल: चिली, अर्जेंटीना, बोलीविया।
- भारत में लिथियम भंडार:
- प्रारंभिक सर्वेक्षण में दक्षिणी कर्नाटक के मांड्या ज़िले में सर्वेक्षण की गई भूमि के एक छोटे से हिस्से में 14,100 टन का अनुमानित लिथियम भंडार दिखाया गया है।
- अन्य संभावित साइटें:
- राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश में अभ्रक बेल्ट।
- ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पेगमैटाइट बेल्ट।
- गुजरात में कच्छ का
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण:
- वर्तमान में GSI खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिये कोयला भंडार खोजने हेतु की गई थी।
- समय के साथ यह भू-विज्ञान सूचना के भंडार के रूप में विकसित हुआ है और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के भू-वैज्ञानिक संगठन का दर्जा भी प्राप्त किया है।
- इसका मुख्यालय कोलकाता में है और इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलाॅन्ग तथा कोलकाता में स्थित हैं। प्रत्येक राज्य की एक राज्य इकाई होती है।
- केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (Central Geological Programming Board- CGPB) भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का एक महत्त्वपूर्ण मंच है जो संपर्क हेतु सुविधा प्रदान करता है और कार्य के दोहराव से बचाता है।
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