मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के धरोहर स्थल यूनेस्को की संभावित सूची में
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने मध्य प्रदेश राज्य की 4 ऐतिहासिक धरोहरों को विश्व धरोहर स्थलों की अपनी संभावित सूची में शामिल किया है।
मुख्य बिंदु
- ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में:
- सम्राट अशोक के शिलालेख:
- सम्राट अशोक के शिलालेख भारत के सबसे प्राचीन लिखित अभिलेखों में शामिल हैं, जिनकी आयु लगभग 2200 वर्ष मानी जाती है।
- ये शिलालेख न केवल उनके शासनकाल की महत्त्वपूर्ण घटनाओं को उजागर करते हैं, बल्कि बौद्ध धर्म, नैतिकता और समाज के प्रति उनकी नीतियों को भी दर्शाते हैं।
- इनमें अहिंसा, दया, धार्मिक सहिष्णुता और जनकल्याण से जुड़े संदेश अंकित हैं, जो तत्कालीन प्रशासनिक दृष्टिकोण और सामाजिक सुधार के प्रयासों को प्रतिबिंबित करते हैं।
- मध्य प्रदेश में ये शिलालेख मुख्य रूप से साँची (रायसेन), रूपनाथ (जबलपुर), गुर्जरा (दतिया) और पंगुरारिया (सीहोर) में स्थित हैं।
- चौसठ योगिनी मंदिर:
- 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच निर्मित चौसठ योगिनी मंदिर तांत्रिक परंपराओं और अपनी विशिष्ट गोलाकार वास्तुकला के लिये प्रसिद्ध हैं।
- मध्य प्रदेश के मितावली (मुरैना), खजुराहो, जबलपुर, मंदसौर और शहडोल में स्थित ये मंदिर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- विशेष रूप से मितावली का चौसठ योगिनी मंदिर, अपनी गोलाकार संरचना के कारण, भारतीय संसद भवन की प्रेरणा माना जाता है, जो इसकी अद्वितीय स्थापत्य शैली को दर्शाता है।
- गुप्तकालीन मंदिर:
- 5वीं-6वीं शताब्दी के दौरान निर्मित ये गुप्तकालीन मंदिर भारतीय स्थापत्य कला की उत्कृष्टता और अद्भुत नक्काशी के प्रतीक हैं।
- इनकी वास्तुकला में उस युग की शिल्पकला, धार्मिक आस्था और स्थापत्य तकनीक का अद्वितीय समन्वय देखने को मिलता है।
- मध्य प्रदेश के उदयगिरि (विदिशा), नचना (पन्ना), तिगवा (कटनी), भूमरा (सतना) और सकोर (दमोह) में स्थित ये मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला के उत्कर्ष का जीवंत प्रमाण प्रस्तुत करते हैं।
- बुंदेला शासकों के किले-महल:
- राजपूत और मुगल स्थापत्य कला के उत्कृष्ट संयोजन से निर्मित ये किले-महल, बुंदेला शिल्पकला और सैन्य रणनीति की अद्भुत मिसाल हैं।
- ये न केवल ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि बुंदेला राजाओं की सैन्य कुशलता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक भी हैं।
- मध्य प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों—गढ़कुंडार किला, राजा महल, जहांगीर महल (ओरछा) और दतिया महल—में स्थित ये धरोहरें आज भी अपनी भव्यता और स्थापत्य सौंदर्य से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
- सम्राट अशोक के शिलालेख:
यूनेस्को
- यूनेस्को (UNESCO) यानी 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)' संयुक्त राष्ट्र का ही एक भाग है।
- मुख्यालय - पेरिस (फ्राँस)
- गठन - 16 नवंबर, 1945
- कार्य- शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना।
- उद्देश्य - इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए।
यूनेस्को की संभावित सूची
- यूनेस्को की अस्थायी सूची उन संपत्तियों की सूची है, जिन पर प्रत्येक राज्य पक्ष नामांकन के लिये विचार करना चाहता है।
- यूनेस्को के परिचालन दिशानिर्देश, 2019 के अनुसार, किसी भी स्मारक/स्थल को अंतिम नामांकन डोजियर के लिये विचार किये जाने से पहले एक वर्ष के लिये अनंतिम सूची में रखना अनिवार्य है।
- नामांकन हो जाने के बाद इसे विश्व धरोहर केंद्र (WHC) को भेज दिया जाता है।

