हरियाणा पुराने वाहनों का निपटान और पुनर्चक्रण करेगा | हरियाणा | 21 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने पुराने वाहनों के उचित निपटान और पुनर्चक्रण को सुनिश्चित करने तथा प्रदूषण को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये वाहन स्क्रैपेज और पुनर्चक्रण सुविधा प्रोत्साहन नीति, 2024 को अधिसूचित किया है।
मुख्य बिंदु
- निर्णय: परिचय
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में डीजल वाहनों के लिये 10 वर्ष और पेट्रोल वाहनों के लिये 15 वर्ष की सीमा निर्धारित की है।
- इस विनियमन के कारण निष्प्रयोज्य वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई, जिसके कारण हरियाणा सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी।
- पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ:
- इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण को कम करके पर्यावरण की रक्षा करना तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
- वाहन मालिकों को वित्तीय लाभ मिलेगा तथा जनता को सड़कों, गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर अव्यवस्थित खड़े रहने वाले लावारिस वाहनों से राहत मिलेगी।
- औद्योगिक योजना के रूप में कार्यान्वयन:
- राज्य सरकार इस नीति को एक औद्योगिक योजना के रूप में क्रियान्वित करने की योजना बना रही है, जिसमें नई औद्योगिक इकाइयों के लिये पूंजीगत सब्सिडी या राज्य जीएसटी प्रतिपूर्ति जैसे प्रोत्साहन शामिल होंगे।
- उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) के माध्यम से 10 वर्षीय भूमि पट्टे का मॉड्यूल विकसित करेगा।
- उद्यमियों के लिये वित्तीय सहायता:
- सरकार उद्यम पूंजी निधि के लिये स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को परियोजना लागत ( भूमि को छोड़कर) के 10% के बराबर 20 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- D-श्रेणी के औद्योगिक ब्लॉकों में संपूर्ण स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति की पेशकश की जाती है, जबकि B और C ब्लॉकों में 75% प्रतिपूर्ति की जाती है।
- उत्कृष्टता एवं कौशल विकास केंद्रों के लिये प्रोत्साहन:
- सरकार उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिये परियोजना लागत का 50% अनुदान, अधिकतम 5 करोड़ रुपए, प्रदान करेगी।
- राज्य में युवाओं के कौशल विकास और रोज़गार में योगदान देने वाले 10 उद्योगों को अतिरिक्त 50 लाख रुपए दिये जाएँगे।
हरियाणा प्रदूषण बोर्ड को NGT का नोटिस | हरियाणा | 21 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गुरुग्राम स्थित फ्रीडम पार्क सोसायटी द्वारा दायर अपील के जवाब में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) को नोटिस जारी किया है। सोसायटी ने सोसायटी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में खराबी के लिये पर्यावरण क्षतिपूर्ति (EC) के रूप में लगाए गए 1.55 करोड़ रुपए के ज़ुर्माने को चुनौती दी है।
मुख्य बिंदु
- STP क्षति का कारण:
- यह तर्क दिया गया कि अगस्त 2022 में तूफानी बाढ़ से STP को क्षति हुई, क्योंकि भारी वर्षा ने पूरे गुरुग्राम क्षेत्र को प्रभावित किया।
- उठाए गए सुधारात्मक कदम:
- प्राकृतिक आपदा के बाद, फ्रीडम पार्क सोसाइटी ने तुरंत STP की मरम्मत की और पर्यावरणीय मानदंडों के अनुपालन को बहाल किया।
- निजी प्रयोगशाला की जाँच रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि मरम्मत के बाद STP ने पुनः ठीक से काम करना शुरू कर दिया है।
- ज़ुर्माने पर विवाद:
- 415 दिनों के उल्लंघन के लिये जुर्माना मनमाना, तर्कहीन है तथा भारतीय पर्यावरण परिषद बनाम भारत संघ और वेल्लोर नागरिक कल्याण बनाम भारत संघ जैसे मामलों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित "प्रदूषणकर्त्ता भुगतान करें" सिद्धांत के विपरीत है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड