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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 May 2024
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वैश्विक मानक एवं IPR पर कार्यशाला

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व दूरसंचार और सूचना के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) क्षेत्र कार्यालय तथा इनोवेशन सेंटर के सहयोग से दूरसंचार विभाग (DoT) के तहत राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान (NTIPRIT), गाज़ियाबाद द्वारा विश्व दूरसंचार एवं सूचना समाज दिवस (17 मई) मनाने के लिये कार्यशाला की मेज़बानी की गई थी। 

मुख्य बिंदु:

  • कार्यशाला में किसी भी देश के विकास के लिये "वैश्विक मानक और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR)" के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।
    • इसने राष्ट्रीय हितधारकों को वैश्विक साझेदारी बनाने और दूरसंचार मानकों में सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय कार्य प्रणाली के साथ जुड़ने के लिये एक मंच भी प्रदान किया।
  • कार्यशाला में आगामी विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली (WTSA) 2024 में भारतीय विशेषज्ञों की बढ़ी हुई भागीदारी के लिये मंच तैयार किया गया और प्रतिभागियों को वैश्विक मानकों एवं बौद्धिक संपदा गतिशीलता के साथ जुड़ने का व्यापक अवसर प्रदान किया गया।

विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस 

  • विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (WTISD) का उद्देश्य उन संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है जो इंटरनेट व अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (ICT) का प्रयोग समाजों, अर्थव्यवस्थाओं में प्रगति ला सकती हैं, साथ ही इसका उद्देश्य डिजिटल अंतर को समाप्त करने के तरीकों के बारे में भी जागरूकता बढ़ाना है।
  • 17 मई पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के स्थापना की वर्षगाँठ है।

नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण के लिये राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान 

  • NTIPRIT की स्थापना वर्ष 2010 में दूरसंचार विभाग के दूरसंचार प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय दूरसंचार अकादमी के रूप में की गई थी।
  • इसके बाद वर्ष 2011 में, नीति अनुसंधान और नवाचारों से संबंधित गतिविधियों को अपने दायरे में लाकर संस्थान के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया तथा संस्थान को राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान नीति अनुसंधान, नवाचार एवं प्रशिक्षण (NTIPRIT) के रूप में पुनः नामित किया गया।
  • तब से NTIPRIT विकसित हुआ है और अब यह संस्थान देश का शीर्ष दूरसंचार प्रशिक्षण संस्थान है।


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मैरून बेरेट सेरेमोनियल परेड

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वायु सेना के विशेष बल 'गरुड़' कमांडो के प्रशिक्षण के सफल समापन को चिह्नित करने के लिये गरुड़ रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर (GRTC), वायु सेना स्टेशन चाँदीनगर, उत्तर प्रदेश में मरून बेरेट सेरेमोनियल परेड आयोजित की गई थी।

मुख्य बिंदु:

  • गरुड़ कमांडो फोर्स भारतीय वायु सेना की विशेष बल इकाई है। इसका गठन फरवरी 2004 में किया गया था और इसकी वर्तमान संख्या 1500 से अधिक कर्मियों की है।
    • गरुड़ बलों को आपदाओं के दौरान महत्त्वपूर्ण वायु सेना अड्डों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा, खोज, बचाव एवं आपदा राहत कार्य सौंपा जाता है।
    • वर्ष 2004 में, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के हिस्से के रूप में गरुड़ को कांगो में तैनात किया गया था।

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