हरियाणा सरकार ने 'आपत्तिजनक' जाति नामों को हटाने का आग्रह किया | हरियाणा | 20 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची से चूड़ा, भंगी और मोची जैसी विशिष्ट जातियों के नाम हटाने का आग्रह किया है।
- इन नामों को आपत्तिजनक, अपमानजनक माना जाता है और अक्सर अपमानजनक टिप्पणी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
मुख्य बिंदु
- राज्य का तर्क है कि ये नाम "न केवल आपत्तिजनक हैं, बल्कि इनकी प्रासंगिकता भी समाप्त हो चुकी है।"
- इस कदम का उद्देश्य इन उपाधियों के माध्यम से कायम जाति-आधारित पूर्वाग्रहों को समाप्त करना है।
- जिन नामों को हटाया जाना है, वे हैं चूड़ा और भंगी, जो अनुसूचित जाति (SC) सूची के क्रम संख्या 2 पर अंकित हैं तथा मोची, जो SC सूची के क्रम संख्या 9 पर अंकित है।
- जब नकारात्मक रूप से या अपमानजनक रूप से उपयोग किया जाता है, तो ये जातिगत नाम जातिगत पूर्वाग्रह को कायम रखते हैं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत शिकायतों का परिणाम हो सकता है, जिसमें कठोर दंड का प्रावधान है।
- हालाँकि, इन नामों को SC सूची से हटाने के लिये, केंद्र को संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन करना होगा, जो SC/ST सूची में जातियों को जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989:
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989, जिसे SC/ST अधिनियम 1989 के नाम से भी जाना जाता है, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को जाति आधारित भेदभाव और हिंसा से बचाने के लिये अधिनियमित किया गया था।
- यह अधिनियम अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 पर आधारित है, जो अस्पृश्यता और जाति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करने के लिये स्थापित किये गए थे।
- केंद्र सरकार को अधिनियम के कार्यान्वयन के लिये नियम बनाने का अधिकार है, जबकि राज्य सरकारें और संघ राज्य क्षेत्र केंद्रीय सहायता से इसका प्रशासन करते हैं।
महाकुंभ मेले में लगी आग | उत्तर प्रदेश | 20 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) सिलेंडर में विस्फोट के कारण भीष्ण आग लग गई, जिससे 18 टेंट नष्ट हो गए।
- 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला 45 दिवसीय महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है।
मुख्य बिंदु
- आग को शीघ्रता से नियंत्रित कर लिया गया और किसी भी व्यक्ति के हताहत या घायल होने की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।
- यह घटना मेले के ज़ोन 19 में शास्त्री ब्रिज के निकट हुई।
- द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG):
- LPG हाइड्रोकार्बन गैसों, मुख्य रूप से प्रोपेन और ब्यूटेन का एक ज्वलनशील मिश्रण है, जिसका उपयोग हीटिंग, खाना पकाने और यहाँ तक कि वाहनों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
- इसे तरल रूप में टैंकों या सिलेंडरों में दबाव के तहत संग्रहित किया जाता है।
- जब दबाव छोड़ा जाता है, तो LPG वाष्पीकृत हो जाती है और इसका उपयोग गैस के रूप में किया जा सकता है।
- इसके स्वच्छ दहन गुणों और उच्च ऊर्जा सामग्री के कारण इसका उपयोग घरों और उद्योगों में व्यापक रूप से किया जाता है।
राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ | राजस्थान | 20 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूर्वानुमान लगाया है कि 21 जनवरी, 2025 को राजस्थान में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा।
मुख्य बिंदु
- इस मौसम प्रणाली से राज्य के उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की आशा है।
- परिणामस्वरूप, IMD ने इन क्षेत्रों के लिये चेतावनी जारी की है।
- पश्चिमी विक्षोभ:
- IMD के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ वे तूफान हैं जो कैस्पियन या भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं और उत्तर-पश्चिम भारत में गैर-मानसूनी वर्षा लाते हैं।
- इन्हें भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाला एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान माना जाता है, यह कम दबाव का क्षेत्र है जो उत्तर-पश्चिम भारत में अचानक वर्षा, बर्फबारी और कोहरा लाता है।
- WD का अर्थ इसके नाम में निहित है।
- यह विक्षोभ “पश्चिमी” से पूर्वी दिशा की ओर बढ़ता है।
- ये उच्च ऊँचाई वाली पश्चिमी जेट धाराओं पर पूर्व की ओर यात्रा करते हैं - तेज हवाओं के विशाल रिबन जो पश्चिम से पूर्व की ओर पृथ्वी को पार करते हैं।
- विक्षोभ का अर्थ है "विक्षुब्ध" या कम वायुदाब का क्षेत्र।
- प्रकृति में संतुलन विद्यमान रहता है जिसके कारण किसी क्षेत्र की वायु अपना दबाव सामान्य करने का प्रयास करती है।
मध्य प्रदेश ने TWARIT प्लेटफॉर्म लॉन्च किया | मध्य प्रदेश | 20 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने वारंट और समन के प्रसारण को सुव्यवस्थित करने के लिये TWARIT (ट्रांसमिशन ऑफ वारंट, समन, एंड रिपोर्ट्स बाय इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पेश किया है। यह प्लेटफॉर्म न्यायाधीशों को केस की स्थिति की ऑनलाइन कुशलतापूर्वक निगरानी करने की भी अनुमति देता है।
मुख्य बिंदु
- इस मंच का उद्देश्य पारंपरिक कागज-आधारित प्रणाली को प्रतिस्थापित करना है, जिससे कानूनी कार्यवाही तेज और अधिक कुशल हो सके।
- इस पहल के कार्यान्वयन से न्यायिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो जाती है, देरी कम हो जाती है तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अदालतों और जनता का समय बचता है।
- इस प्रणाली से न्याय वितरण तंत्र की समग्र दक्षता में सुधार होने की आशा है, विशेष रूप से बड़ी संख्या में कानूनी मामलों को निपटाने में।
- यह प्रणाली संबंधित व्यक्तियों या पक्षों को न्यायालयी सम्मन और गिरफ्तारी वारंट सहित कानूनी दस्तावेज़ों की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की अनुमति देती है।
- राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय दंड संहिता, 2023) के कार्यान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री के कार्यालय में एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई।
- बैठक में पुलिस, जेल, न्यायालय, अभियोजन और फोरेंसिक सेवाओं से संबंधित प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।
नए आपराधिक कानून
- उद्देश्य:
- नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक युग की सजाओं के स्थान पर न्याय-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना है तथा पुलिस जाँच और न्यायालयी प्रक्रियाओं में तकनीकी प्रगति को एकीकृत करना है।
- नए अपराध:
- नए अपराधों में आतंकवाद, भीड़ द्वारा हत्या, संगठित अपराध तथा महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों के लिये बढ़ी हुई सज़ाएं शामिल हैं।