फोर्टिफाइड चावल | उत्तर प्रदेश | 17 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में राशन की दुकानों में मिलने वाले मोटे एवं पीले चावल को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके संदर्भ में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि यह फोर्टिफाइड चावल है, न कि प्लास्टिक चावल।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण के समाधान के लिये बाल विकास योजना, मध्याह्न भोजन योजना एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टिफाइड चावल वितरण किया जा रहा है।
- इस फोर्टिफाइड चावल में विटामिन B2, B3 एवं आयरन जैसे तत्त्वों को समावेशित किया गया है।
- FSSAI के अनुसार 50 किलोग्राम सामान्य चावल में एक किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल मिश्रित किया जाता है।
- राइस मीलों में चावल की पॉलिश के समय विटामिन B6, B3 एवं विटामिन E जैसे पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिये सरकार द्वारा फोर्टिफाइड चावल के वितरण का निर्णय लिया गया है।
बिहार में ज़मीन से जुड़े विवादों की सुनवाई फिर शुरू करेंगे DCLR | बिहार | 17 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2021 को बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह द्वारा भूमि सुधार उप-समाहर्ता (Deputy Collector Land Reforms- DCLR) को फिर से ज़मीन से जुड़े विवादों की सुनवाई करने के अधिकार दिए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया।
प्रमुख बिंदु
- करीब आठ साल से चल रहे अदालती विवाद में सुप्रीम कोर्ट दखल के बाद DCLR को यह अधिकार मिला है।
- अब DCLR किसी विवादित ज़मीन के बारे में यह तय करेंगे कि इसका वास्तविक मालिक कौन है? इसे टाइटिल सूट या स्वत्ववाद कहते हैं। वे रैयती मामलों से संबंधित वादों की सुनवाई शुरू करेंगे तथा पूर्व के मामलों में पारित आदेशों का कार्यान्वयन भी करेंगे।
- गौरतलब है कि बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम, 2009 के ज़रिये DCLR को भूमि विवाद की सुनवाई करने का अधिकार दिया गया था। इस अधिनियम को महेश्वर मंडल नामक रैयत ने 2013 में पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
- पाँच साल बाद 2018 में हाईकोर्ट के दिये आदेश पर अमल करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नवंबर 2018 में आदेश जारी कर DCLR को अदालती सुनवाई करने से रोक दिया था।
बिहार के 40 कलाकारों को सरकार ने दिया सम्मान | बिहार | 17 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2021 को बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान में बिहार संग्रहालय में आयोजित राज्य पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान राज्य भर के 40 शिल्पियों और कलाकारों को वर्ष 2017-18 के लिये पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार राज्य के हर ज़िले में एक हस्तशिल्प को विकसित करेगी। इसे ज़िले की पहचान बनाया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि राज्य पुरस्कार की राशि 22 हज़ार से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है। साथ ही राज्य मेधा पुरस्कार की राशि अब 11 हज़ार से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए की गई है। शिल्पकारों की मदद के लिये सरकार ने एक करोड़ 31 लाख रुपए का रिवाल्विंग फंड तैयार किया है।
- राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले कलाकार हैं- हेमा देवी (पेपरमेशी), पवन कुमार सागर (मंजूषा कला), सांत्वना सिंह (मेटल क्राफ्ट), राजेंद्र साह (लाह शिल्प), पप्पू कुमार (सिक्की कला), रूपेश कुमार (टेराकोटा), खुशबू कुमारी (टिकुली कला), गोपाल प्रसाद (काष्ठ कला), गणेश प्रसाद (पाषाण कला), नूतन बाला (मिथिला पेंटिंग), नलिनी शाह (मिथिला पेंटिंग), दिनेश कुमार पासवान (मिथिला पेंटिंग), सुरेंद्र पासवान (मिथिला पेंटिंग), अंजु देवी मिश्र (मिथिला पेंटिंग), इंद्रकांत झा (मिथिला पेंटिंग), डॉ. रानी झा (मिथिला पेंटिंग), ममता देवी (मिथिला पेंटिंग), अमित कुमार झा (मिथिला पेंटिंग), प्रियांशु कुमार (मिथिला पेंटिंग), रौशन कुमार (मिथिला पेंटिंग)।
- राज्य मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकार हैं- मीना देवी (एप्लिक), नीलम भारती (एप्लिक), रिंकू देवी (सूजनी कला), सोनी कुमारी (सूजनी कला), कुमारी किरण (वेणु शिल्प), जितेंद्र कुमार राय (सिक्की कला), दिनेश पंडित (टेराकोटा), शिव शंकर पंडित (टेराकोटा), सोनी कुमारी (टिकुली कला), उमेश ठाकुर (काष्ठ कला), रूपा कुमारी (जूट शिल्प), विभा श्रीवास्तव (क्रोशिया शिल्प), सुशील विश्वकर्मा (बुनाई शिल्प), अनिता पांडेय (भोजपुरी पेंटिंग), संजीव कुमार झा (मिथिला पेंटिंग), पूजा कुमारी (मिथिला पेंटिंग), रजनी कुमारी (मिथिला पेंटिंग), स्नेहा दास (मिथिला पेंटिंग), रंजू देवी (मिथिला पेंटिंग), परीक्षण पासवान (मिथिला पेंटिंग)।
छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन पेंशन मैनेजमेंट सिस्टम को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार | छत्तीसगढ़ | 17 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ सरकार की ऑनलाइन पेंशन मैनेजमेंट सिस्टम ‘आभार आपकी सेवाओं का’ को सरकारी सेवा वितरण के लिये ‘ई-गवर्नेंस इनिशिएटिव फॉर गवर्नमेंट सर्विस डिलीवरी’ श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर ‘एलेट्स इनोवेशन अवॉर्ड’ (Elets Innovation Award) से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- एलेट्स टेक्नोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक, सीईओ और प्रधान संपादक डी. रवि गुप्ता ने नई दिल्ली में एक वर्चुअल समारोह में छत्तीसगढ़ के ट्रेजरी अकाउंट्स एंड पेंशन के निदेशक नीलकंठ टीकाम को यह अवॉर्ड प्रदान किया।
- उल्लेखनीय है कि राज्य के पेंशनरों के पेंशन मामलों के त्वरित निवारण के लिये मई 2018 से राज्य में ‘आभार आपकी सेवाओं का’ ऑनलाइन पेंशन मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया था।
- यह एक एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो सिस्टम) के रूप में ई-गवर्नेंस की अवधारणा के अंतर्गत पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- इस व्यवस्था के लागू होने के फलस्वरूप प्रथम पेंशन भुगतान हेतु पेंशनरों की भौतिक उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
- इस व्यवस्था के अंतर्गत पेंशन प्रकरणों के निराकरण हेतु सभी आवश्यक दस्तावेज़ (सर्विस बुक को छोड़कर) ऑनलाइन जमा किये जाते हैं और संबंधित अधिकारियों द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होते हैं। बैंकों को पेंशन के भुगतान के लिये सभी दस्तावेज़ भी कोषागारों द्वारा ऑनलाइन बैंक को भेजे जाते हैं।
- पेंशनभोगी पेंशन विवरण की स्थिति जानने के लिये पोर्टल पर लॉग इन कर सकता है और यहाँ तक कि ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा सकता है।
- साथ ही पेंशनर हेतु ई-कोष लाईट ऐप के पेंशनर कॉर्नर में पेंशनभोगियों को जारी किये गए पहचान-पत्र की डिजिटल कॉपी डाउनलोड करने की सुविधा है।
- इस प्रणाली से अब तक कुल 27,231 पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं।
राज्य के पहले ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन | उत्तराखंड | 17 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने नैनीताल में उच्च न्यायालय परिसर में राज्य के पहले ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने बताया कि लोग अब ई-कोर्ट कार्यक्रम के तहत डिजिटल रूप से उपलब्ध सुविधाओं के बारे में आसानी से जान सकते हैं। वादियों और प्रतिवादियों को मामलों की अद्यतन स्थिति, न्यायाधीशों के अवकाश और सुनवाई की तारीखों की भी जानकारी होगी।
- इसके अलावा, अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी ई-सेवा केंद्र में भी उपलब्ध होगी। लोग केंद्र के माध्यम से ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority- DLSA), राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority- SLSA) और सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति से भी मुफ्त कानूनी सेवाएँ लेने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- उन्होंने कहा कि यह राज्य का पहला ई-सेवा केंद्र है और अगला केंद्र अल्मोड़ा में खोला जाएगा। वर्तमान समय में ऐसे केंद्रों के महत्त्व को देखते हुए भविष्य में सभी ज़िला न्यायालयों में ऐसे सेवा केंद्र स्थापित किये जाएंगे।