केदारनाथ के लैंडफिल में अनुपचारित अपशिष्ट | उत्तराखंड | 16 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
पर्यावरणविद इस बात पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि अधिकारी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हिमालयी मंदिर केदारनाथ के आसपास लैंडफिल स्थलों पर टनों अनुपचारित अपशिष्ट डालना जारी रखे हुए हैं।
मुख्य बिंदु
- केदारनाथ में अपशिष्ट डंपिंग:
- यह पता चला कि वर्ष 2022 और 2024 के बीच केदारनाथ के पास दो लैंडफिल साइटों पर 49.18 टन असंसाधित अपशिष्ट फेंका गया।
- अनुपचारित अपशिष्ट उत्पादन में वृद्धि का रुझान देखा गया है, जो 2022 में 13.2 टन, 2023 में 18.48 टन तथा 2024 में अब तक 17.5 टन है।
- पर्यावरणीय चिंता:
- कार्यकर्ताओं ने अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की आलोचना की तथा इस बात पर ज़ोर दिया कि पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील केदारनाथ क्षेत्र में उचित अपशिष्ट उपचार सुविधाओं का अभाव है।
- ग्लेशियरों के बीच 12,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस मंदिर के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के लिये तत्काल अपशिष्ट प्रबंधन सुधार की आवश्यकता है।
- केदारनाथ के निकट दो लैंडफिल स्थल क्षमता के करीब पहुँच चुके हैं और निरंतर लापरवाही से इस क्षेत्र में वर्ष 2013 की आपदा जैसी एक और त्रासदी हो सकती है।
- सरकारी एवं कानूनी निगरानी:
पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र
- पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र या पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास 10 किलोमीटर के भीतर के क्षेत्र हैं।
- ईएसजेड को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है।
- संवेदनशील गलियारों, संपर्कता और पारिस्थितिकी दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पैचों या रास्तों वाले स्थानों के मामले में, जो भूदृश्य संपर्कता के लिए महत्वपूर्ण हैं, यहाँ तक कि 10 किलोमीटर चौड़ाई से अधिक के क्षेत्रों को भी पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में शामिल किया जा सकता है।
- इसका मूल उद्देश्य राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास कुछ गतिविधियों को विनियमित करना है, ताकि संरक्षित क्षेत्रों में स्थित संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र पर ऐसी गतिविधियों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला 2024 | राजस्थान | 16 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग और पशुपालन विभाग वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला 2024 की मेज़बानी कर रहा है, जिसमें दैनिक खेल प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जो प्रतिभागियों को आनंदित करेंगे।
मुख्य बिंदु
- खेलकूद गतिविधियाँ:
- पुष्कर मेला मैदान में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया, जिससे लोगों में आपसी विश्वास और मैत्री को बढ़ावा मिला।
- अनोखी प्रतियोगिताएं:
- ' शान -ए-मूंछ' (मूंछों की शान) प्रतियोगिता में मूंछों के गौरव का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया।
- ' साफा और तिलक' प्रतियोगिता का उद्देश्य विदेशियों को राजस्थान की लोक संस्कृति से जोड़ना तथा स्थानीय पहनावे और संस्कृति के बारे में जागरूकता प्रसारित करनी थी।