इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 | उत्तर प्रदेश | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 में उत्तर प्रदेश ने गणितीय कौशल और कंप्यूटर दक्षता के क्षेत्रों में देशभर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- साथ ही रोज़गार के अवसरों और शहरों की रैंकिंग में भी प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
मुख्य बिंदु
रिपोर्ट के बारे में:
- इंडिया स्किल्स रिपोर्ट के अनुसार, 80% युवा गणित और कंप्यूटर स्किल्स में दक्ष हैं। इस मामले में यूपी ने आंध्र प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है। मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना क्रमशः तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर हैं।
- आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।
इसके बाद राजस्थान दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
- अंग्रेज़ी दक्षता के क्षेत्र में महाराष्ट्र ने पहला स्थान, कर्नाटक ने दूसरा और उत्तर प्रदेश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
- यह आँकड़े ग्लोबल एम्प्लॉयबिलिटी टेस्ट (GATE) की रिपोर्ट में सामने आए हैं, जो दुनिया भर के छात्रों और पेशेवरों की नौकरी हेतु तैयारियों (Job-Ready Skills) का मूल्यांकन करती है।
- 18-25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं के लिये रोज़गार संसाधनों की उपलब्धता के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है, जबकि 26-29 वर्ष के युवाओं की श्रेणी में भी राज्य ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
- इंटर्नशिप पसंदीदा राज्य के रूप में तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं।
- कुल रोजगार प्रतिशत में महाराष्ट्र (84%) पहले, दिल्ली (78%) दूसरे, कर्नाटक (75%) तीसरे, आंध्र प्रदेश (72%) चौथे, केरल (71%) पाँचवे और उत्तर प्रदेश (70%) छठे स्थान पर है।
जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम | उत्तर प्रदेश | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में शुरू किया जा रहा ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से जाना जाएगा।
मुख्य बिंदु
कार्यक्रम के बारे में:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे और गरीब व हाशिये पर मौजूद समुदायों को सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।
- मुख्यमंत्री के अनुसार इस योजना का नाम बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर इसलिये रखा जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान का दर्शन प्रस्तुत किया।
- हर ग्राम पंचायत में 20-25 ऐसे परिवारों की पहचान की जाएगी, जो अभी तक सुविधाओं से वंचित हैं।
- राज्य सरकार ऐसे परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, पेयजल, बिजली, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजनाओं जैसी सभी सरकारी सुविधाएँ दिलाने का कार्य करेगी।
- पहले चरण में 14-15 लाख परिवारों को योजना में शामिल किया जाएगा।
- योजना में विशेष रूप से मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, बुक्सा, चेरो, गोड़ और सहरिया समुदायों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव हेतु गठित समिति को नियमित मासिक मानदेय मिलेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G):
- शुभारंभ: वर्ष 2022 तक “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना (IAY) को 1 अप्रैल 2016 से केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में पुनर्गठित किया गया।
- शामिल मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- स्थिति: राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को 2.85 करोड़ घर स्वीकृत किये हैं और मार्च 2023 तक 2.22 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं।
आयुष्मान भारत-PMJAY:
परिचय:
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) पूर्ण रूप से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- फरवरी 2018 में लॉन्च हुई यह योजना माध्यमिक देखभाल के साथ-साथ तृतीयक देखभाल हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, दवा एवं दैनिक उपचार, दवाओं की लागत और निदान शामिल हैं।
- यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना (SECC) डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बचे हुए (अप्रमाणित) SECC परिवारों के खिलाफ टैगिंग के लिये समान सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले गैर-सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी परिवार डेटाबेस का उपयोग करने हेतु लचीलापन प्रदान किया है।
- इस योजना का वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र एवं विधायिका के बीच 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल एवं उत्तराखंड के लिये 90:10 और विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।