उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रस्तावित काँवड़ यात्रा मार्ग के लिये काटे गए वृक्ष
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के अनुसार, प्राधिकारियों ने नया काँवड़ यात्रा मार्ग बनाने के लिये उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद, मेरठ और मुज़फ्फरनगर ज़िलों में लगभग 17,600 वृक्ष काट दिये हैं।
मुख्य बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- इस वर्ष की शुरुआत में, NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1,12,722 वृक्षों को काटने की योजना से संबंधित एक समाचार रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था।
- बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई का उद्देश्य गाज़ियाबाद के मुरादनगर और मुज़फ्फरनगर के पुरकाजी के बीच प्रस्तावित काँवड़ यात्रा मार्ग को सुगम बनाना था।
- अंतरिम रिपोर्ट के निष्कर्ष:
- अगस्त 2024 में, NGT ने इस परियोजना से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताओं की जाँच के लिये एक संयुक्त पैनल का गठन किया।
- सिंचाई विभाग के आँकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रारंभिक अनुमति 1,12,722 वृक्षों को काटने की थी, लेकिन बाद में लक्ष्य घटाकर 33,776 कर दिया गया।
- NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या काटे जाने वाले वृक्षों की गणना उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के अनुरूप है।
- सरकार को यह भी स्पष्ट करना होगा कि क्या सड़क निर्माण के लिये हटाए जाने वाले पौधे और झाड़ियाँ जैसी अतिरिक्त वनस्पतियाँ अधिनियम की वृक्षों की परिभाषा के अंतर्गत आती हैं।
काँवड़ यात्रा
- यह भगवान शिव भक्तों द्वारा श्रावण माह में किया जाने वाला एक हिंदू तीर्थस्थल है।
- भक्तगण उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख, गंगोत्री, बिहार में सुल्तानगंज, उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी जैसे तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हैं एवं शिव का आशीर्वाद लेने के लिये काँवड़ में गंगा जल लेकर लौटते हैं।
- जल को शिव मंदिरों में चढ़ाया जाता है, जिसमें भारत भर के 12 ज्योतिर्लिंग और उत्तर प्रदेश में पुरा महादेव मंदिर और औघड़नाथ, प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर जैसे अन्य मंदिर शामिल हैं। इस अनुष्ठान को जल अभिषेक के नाम से जाना जाता है।
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आगरा में फुल मोशन सिम्युलेटर सुविधा का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के आगरा वायु सेना स्टेशन में भारतीय वायु सेना (IAF) C-295 फुल मोशन सिम्युलेटर (FMS) का उद्घाटन किया गया। इससे सिम्युलेटर में पायलट प्रशिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा पूरा किया जा सकेगा, जिससे विमान पर उड़ान के कीमती घंटों की बचत होगी।
मुख्य बिंदु
- यह सिम्युलेटर पायलटों को अत्यधिक वास्तविकता के निकट प्रशिक्षण प्रदान करता है तथा सामरिक एयरलिफ्ट, पैरा-ड्रॉपिंग, पैरा-ट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी तथा आपदा राहत जैसे अभियानों का अनुकरण करता है।
- यह महत्त्वपूर्ण परिदृश्यों का अनुकरण भी करता है, जिससे वास्तविक दुनिया के संचालनों के लिये पायलटों की तत्परता बढ़ती है और तीव्र, उच्च-दाँव वाले निर्णय लेने की उनकी क्षमता में सुधार होता है, जिससे सैन्य उड़ानों की समग्र सुरक्षा बढ़ जाती है।
- भारतीय वायुसेना में C-295 विमान के शामिल होने से देश के एयरोस्पेस उद्योग को मज़बूती मिलेगी, क्योंकि यह निजी क्षेत्र के परिवहन विमान उत्पादन में "आत्मनिर्भर भारत" की शुरुआत का प्रतीक है ।
- C-295 विमान:
- यह समकालीन प्रौद्योगिकी वाला 5-10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान है।
- मज़बूत और विश्वसनीय, यह एक बहुमुखी और कुशल सामरिक परिवहन विमान है जो कई अलग-अलग मिशनों को पूरा कर सकता है।
- विशेषताएँ:
- 11 घंटे तक की उड़ान क्षमता वाला यह विमान सभी मौसम की परिस्थितियों में बहु-भूमिका संचालन कर सकता है।
- यह रेगिस्तान से लेकर समुद्री वातावरण तक दिन के साथ-साथ रात के लड़ाकू मिशनों को भी संचालित कर सकता है।
- इसमें सैनिकों और कार्गो की त्वरित प्रतिक्रिया और पैरा ड्रॉपिंग के लिये पीछे की ओर रैंप दरवाज़ा है। अर्द्ध-निर्मित सतहों से कम दूरी पर उड़ान भरना/उतरना इसकी एक और विशेषता है।
- प्रतिस्थापन:
- यह भारतीय वायु सेना के पुराने हो रहे Avro-748 विमानों के बेड़े की जगह लेगा।
- Avro-748 विमान ब्रिटिश मूल के दोहरे इंजन वाले टर्बोप्रॉप, सैन्य परिवहन और मालवाहक विमान हैं जिनकी माल ढुलाई क्षमता 6 टन है।
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