मध्य प्रदेश Switch to English
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश में भारतीय भेड़ियों को रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा, जिससे उनके आवास, खानपान और व्यवहार पर शोध करने में सहायता मिलेगी।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- NTCA से अनुमति मिलते ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में अलग-अलग झुंडों के तीन भेड़ियों को रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।
- इसके लिये फरवरी 2024 में जबलपुर स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा दो वर्षीय अध्ययन शुरू किया गया था।
- उद्देश्य
- इस शोध का उद्देश्य भेड़ियों के जीवन, उनके भोजन, आवास, दिनचर्या और बाघ तथा तेंदुए जैसे जानवरों के साथ उनके सह-अस्तित्व के बारे में जानना है।
- मध्य प्रदेश में भेड़ियों की स्थिति:
- वर्ष 2022 में देशभर में भेड़ियों की गणना की गई, जिसमें सबसे ज़्यादा भेड़ियों की संख्या के साथ मध्य प्रदेश ने पहला स्थान प्राप्त किया।
- गणना के अनुसार, भारत में कुल 3170 भेड़िये थे, जिनमें से 20% यानी 772 भेड़िये अकेले मध्य प्रदेश में पाए गए।
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है।
- यह अभयारण्य मध्य प्रदेश के तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर में लगभग 1197 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यह संरक्षित क्षेत्र भारत की दो प्रमुख नदी घाटियों, नर्मदा और गंगा के तट पर स्थित है।
- यह भारतीय भेड़िये (कैनिस ल्यूपस पैलिप्स) का प्राकृतिक आवास है, जो ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है।
- वर्ष 1975 में इसे भेड़ियों के संरक्षण के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के लिये भी उपयुक्त क्षेत्र माना गया है, इसलिए इसे एक साल पहले टाइगर रिज़र्व का दर्जा दिया गया था।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2006 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों में संशोधन करके की गई। प्राधिकरण की पहली बैठक नवंबर 2006 में हुई थी।
- यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के प्रयासों का ही परिणाम है कि देश में विलुप्त होते बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।