नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Jan 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

बिहार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने हेतु EV की खरीद

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित बिहार इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कॉन्क्लेव और एक्सपो के दौरान दो इलेक्ट्रिक कारों की खरीद की घोषणा की थी।

मुख्या बिंदु:

  • यह कार्यक्रम विश्व संसाधन संस्थान, भारत और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से बिहार परिवहन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
  • अपनी यात्रा के दौरान, मुख्यमंत्री सक्रिय रूप से प्रदर्शित EV के साथ जुड़े रहे और उनकी विशेषताओं तथा क्षमताओं के विषय में विस्तृत जानकारी मांगी।
    • उन्होंने EV के पर्यावरणीय लाभों पर ज़ोर दिया और सुविधाजनक सार्वजनिक चार्जिंग सुविधाओं के लिये बुनियादी ढाँचे के विकास हेतु चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
    • उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका पर ज़ोर देते हुए जनता से EV के लाभ तलाशने का आग्रह किया।
  • परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और प्रदूषण मुक्त राज्य प्राप्त करने के लिये आवश्यक सामूहिक प्रयासों पर ज़ोर दिया।
  • परिवहन सचिव के अनुसार, वर्ष 2023 में कुल नए वाहन पंजीकरणों में EV की हिस्सेदारी 7% थी, जो राष्ट्रीय औसत 6% से अधिक थी।
  • बिहार EV नीति के तहत मोटर वाहन कर में खरीद प्रोत्साहन, छूट और मज़बूत चार्जिंग अवसंरचना के प्रावधानों के तहत वर्ष 2028 के निर्धारित समय के अंदर राज्य में EV की पहुँच 15 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये निर्धारित है।
  • विश्व संसाधन संस्थान (World Resources Institute- WRI) भारत के अनुसार, सिस्टम के डिजिटलीकरण से राज्यों में परिवहन प्रणाली की दक्षता में काफी सुधार हो सकता है।
    • मांग एकत्रीकरण लागत में लगभग 30% की कमी ला सकता है और ई-बसों को अपनाने में सहायता कर सकता है।
    • परिवहन बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये ओपन डेटा रिपॉजिटरी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये परिवहन बुनियादी ढाँचे की योजना को बेहतर बनाने में हमारी सहायता कर सकते हैं।
    • वित्तपोषण में आसानी एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटक है जो राज्यों को सार्वजनिक परिवहन के लिये एक सक्षम बाज़ार बनाने में सहायता कर सकता है।
    • नीति आयोग के सलाहकार सुधेंदु ज्योति सिन्हा ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय सुझाए, जिनमें कुछ शहरों में आक्रामक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पहल को लागू करना और स्कूलों को शुरुआत में इलेक्ट्रिक बसों पर स्विच करने के लिये प्रोत्साहित करना शामिल है।

विश्व संसाधन संस्थान (WRI)

  • WRI वर्ष1982 में वाशिंगटन, डी.सी. में बनाया गया था। यह एक गैर-लाभकारी, विज्ञान तथा साक्ष्य आधारित संस्थान है जो वैश्विक पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर कठोर नीति अनुसंधान करता है।
  • इसका मिशन मानव समाज को ऐसे तरीकों से जीने के लिये प्रेरित करना है जो पृथ्वी के पर्यावरण की रक्षा करना तथा वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं को पूरा करने की क्षमता प्रदान करना।
  • नीति आयोग
  • नीति आयोग भारत सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
  • नोडल एजेंसी को आर्थिक विकास को गति देने और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है।
  • बॉटम-अप दृष्टिकोण का उपयोग करके आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भारत की राज्य सरकारों की भागीदारी के माध्यम से सौदेबाजी संघवाद से दूर जाना।


राजस्थान Switch to English

नाबार्ड ने राजस्थान को 1,974 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2023-24 के लिये ग्रामीण बुनियादी ढाँचा विकास निधि (RIDF) के तहत, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने राजस्थान सरकार को 1,974.07 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की।

मुख्य बिंदु:

  • नाबार्ड राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक के अनुसार अजमेर, जालोर और कोटा ज़िलों में तीन ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के लिये 930.44 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
  • राज्य के रेगिस्तानी और आदिवासी क्षेत्रों में 676 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिये 926.48 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये।
  • इससे पहले राज्य के सभी ज़िलों में 104 पशु चिकित्सालयों और 431 उपकेंद्रों के निर्माण के लिये 117.15 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये थे।
  • पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं से 2,500 गाँवों के 2.87 लाख घरों को स्वच्छ और पीने योग्य जल उपलब्ध कराने की उम्मीद है, जबकि ग्रामीण सड़क परियोजनाओं से 12 ज़िलों के 1,229 गाँवों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  • नाबार्ड सूक्ष्म सिंचाई निधि से 740 करोड़ रुपए की सहायता से 4.28 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत लाने में भी राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है।
  • नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस के तहत 623.38 करोड़ रुपए की सहायता के बाद कोटा और बूंदी ज़िलों में 450 किलोमीटर लंबी मिट्टी की नहरे निर्माणाधीन है।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)

  • यह एक विकास बैंक है जो मुख्य रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि और ग्रामीण विकास के लिये वित्त प्रदान करने वाली शीर्ष बैंकिंग संस्था है।
    • इसका मुख्यालय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित है।
  • यह वर्ष 1982 में संसदीय अधिनियम-राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।

ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF)

  • इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1995-96 में चल रही ग्रामीण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये की गई थी।
  • इस निधि का रखरखाव राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा किया जाता है।
  • निधि का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकारों और राज्य के स्वामित्व वाले निगमों को ऋण प्रदान करना है ताकि वे चल रही ग्रामीण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम हो सकें।

छत्तीसगढ़ Switch to English

अयोध्या राम मंदिर के लिये वार्षिक निःशुल्क ट्रेन योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, छत्तीसगढ़ सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करने के इच्छुक भक्तों के लिये एक वार्षिक मुफ्त ट्रेन यात्रा योजना को स्वीकृति दी।

  • इसे छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा और राज्य पर्यटन विभाग इसके लिये आवश्यक बजट आवंटित करेगा।

मुख्य बिंदु:

  • अभी हर कोई इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता क्योंकि तीर्थयात्रियों के चयन के लिये कलेक्टरों के अधीन एक समिति गठित की जाएगी।
    • राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र व्यक्तियों की आयु 18 से 75 वर्ष के बीच होनी चाहिये और 55 वर्ष से अधिक आयु वालों को प्रारंभिक चरण में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • लगभग 20,000 लोगों को ट्रेन से वार्षिक तीर्थयात्रा पर अयोध्या ले जाया जाएगा।
    • बोर्डिंग के लिये स्टेशन रायपुर, दुर्ग, रायगढ़ और अंबिकापुर हैं तथा 900 किलोमीटर की यात्रा का समापन अयोध्या में होगा।
    • भक्तों के लिये काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन और गंगा आरती में शामिल होने के लिये वाराणसी में एक रुकने के लिये एक स्थान भी है।
  • योजना को लागू करने के लिये भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किये जाएँगे।
  • अयोध्या आने के इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिये एक साप्ताहिक विशेष ट्रेन की भी व्यवस्था की जाएगी।

नोट:

  • राज्य सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा को देखते हुए 22 जनवरी को पूरे राज्य में शुष्क दिवस घोषित किया गया है ।
  • छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है।
    • छत्तीसगढ़की राजधानी रायपुर से 27 किमी दूर स्थित चंदखुरी गाँव को भगवान राम की माता कौशल्या का जन्मस्थान माना जाता है।
    • गाँव में स्थित प्राचीन माता कौशल्या मंदिर को प्रदेश की पिछली सरकार द्वारा भव्य रूप दिया गया था।

छत्तीसगढ़ Switch to English

हिट-एंड-रन कानून पर चिंता

चर्चा में क्यों?

महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में ट्रांसपोर्टरों और वाणिज्यिक ड्राइवरों के हालिया विरोध प्रदर्शन ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की विवादास्पद धारा 106 (2) पर प्रकाश डाला है।

मुख्य बिंदु

  • यह धारा, जो हिट-एंड-रन की घटनाओं के लिये गंभीर दंड का प्रावधान करती है, ड्राइविंग समुदाय के बीच असंतोष का केंद्र बिंदु बन गई है।
  • सरकार द्वारा यह आश्वासन दिये जाने के बाद कि वह हिट-एंड-रन के खिलाफ विवादास्पद कानून लागू करने से पहले हितधारकों से परामर्श करेगी, देशव्यापी ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल रद्द कर दी गई है।
  • ट्रांसपोर्टर और वाणिज्यिक चालक BNS, 2023 की धारा 106 (2) को वापस लेने या संशोधन की मांग कर रहे हैं।
    • उनका तर्क है कि निर्धारित दंड, जिसमें 10 वर्ष की कैद और 7 लाख रु. का जुर्माना, अत्यधिक गंभीर हैं।

हिट-एंड-रन कानून के प्रावधान

  • हिट-एंड-रन प्रावधान भारतीय न्याय संहिता (BNS) का हिस्सा है, जो औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, 1860 को प्रतिस्थापित करने के लिये तैयार है।
    • BNS, 2023 की धारा 106 (2) में दुर्घटना स्थल से भागने और किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहने पर 10 वर्ष तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
    • हालाँकि, यदि ड्राइवर दुर्घटना के तुरंत बाद घटना की रिपोर्ट करता है, तो उन पर धारा 106(2) के बजाय धारा 106(1) के तहत आरोप लगाया जाएगा। धारा 106(1) में किसी जल्दबाज़ी या लापरवाही से हुई मौत के लिये पाँच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रफुल्ल भारत: छत्तीसगढ़ के नये महाधिवक्ता

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रफुल्ल भारत को छत्तीसगढ़ का नया महाधिवक्ता (AG) नियुक्त किया है।

मुख्य बिंदु

  • उन्होंने वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया।
  • एक व्यापक कानूनी करियर के साथ, भरत नवंबर 2000 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में सिविल, संवैधानिक, मध्यस्थता और आपराधिक मामलों में विशेषज्ञता के साथ अभ्यास कर रहे हैं।
  • उनकी कानूनी विशेषज्ञता वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय और वर्ष 1992 से वर्ष 1995 तक जगदलपुर, बस्तर में ज़िला न्यायालय में उनके कार्यकाल तक फैली हुई है।
  • भरत ने सतीश चंद्र वर्मा का स्थान लिया, जिन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद एजी का पद छोड़ दिया था।

राज्य के महाधिवक्ता

  • राज्य के महाधिवक्ता राज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए कानूनी मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देने के लिये ज़िम्मेदार हैं।
  • यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत विधिवत नियुक्त एक संवैधानिक पद और प्राधिकारी है। वह राज्य में सर्वोच्च कानून अधिकारी के रूप में कार्य करता है।
    • भारत के संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत प्रत्येक राज्य का राज्यपाल एक ऐसे व्यक्ति को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करेगा जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के योग्य है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

स्वच्छ वायु लक्ष्य में विविध प्रगति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, क्लाइमेट ट्रेंड्स और रेस्पिरर लिविंग साइंस ने एक अध्ययन किया है, जिसमें बताया गया है कि अधिकांश शहर भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के स्वच्छ वायु लक्ष्य से बहुत दूर हैं।

मुख्य बिंदु

  • पाँच वर्षों में लगातार PM 2.5 डेटा वाले 49 शहरों में से केवल 27 शहरों में PM 2.5 के स्तर में गिरावट देखी गई, जबकि केवल चार शहर NCAP लक्ष्यों के अनुसार लक्षित गिरावट को पूरा कर पाए या उससे आगे निकल गए।
    • वायु में PM 2.5 की मात्रा वायु गुणवत्ता का एक प्रमुख संकेतक है।
    • PM का अर्थ पार्टिकुलेट मैटर है और 2.5 का अर्थ पार्टिकुलेट मैटर के आकार से है।
  • जबकि वाराणसी, आगरा और जोधपुर जैसे कुछ शहरों में PM2.5 के स्तर में उल्लेखनीय कमी देखी गई, दिल्ली सहित अन्य शहरों में मामूली गिरावट (केवल 5.9%) या यहाँ तक कि प्रदूषण भार में वृद्धि दर्ज की गई।
  • वाराणसी में वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक PM 2.5 के स्तर में 72% की औसत कमी और PM 10 के स्तर में 69% के साथ सबसे अधिक कमी देखी गई।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम

  • इसे जनवरी 2019 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • समयबद्ध कमी लक्ष्य के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करने का यह देश में पहला प्रयास है।
  • NCAP का लक्ष्य 131 शहरों में वर्ष 2026 तक औसत पार्टिकुलेट मैटर (PM) सांद्रता को 40% तक कम करना है। प्रारंभ में वर्ष 2024 तक 20-40% की कटौती का लक्ष्य रखा गया था, बाद में इस लक्ष्य को वर्ष 2026 तक बढ़ा दिया गया।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow