शासन व्यवस्था
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 और NCAP
- 08 Sep 2023
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) नीले आसमान के लिये स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP), स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने की पहल, PM2.5, PM10, NAAQS, वायु प्रदूषण मेन्स के लिये:वायु प्रदूषण की समस्या और इससे निपटने के लिये सरकारी पहल |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (Clean Air Survey) 2023 के पुरस्कारों की घोषणा की गई। यह सर्वेक्षण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा किया गया था।
टिप्पणी:
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये जागरूकता बढ़ाने और कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिये प्रत्येक वर्ष 7 सितंबर को नीले आसमान के लिये स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Clean Air for Blue Skies) मनाया जाता है।
- इसे वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा घोषित किया गया था।
- नीले आसमान के लिये स्वच्छ वायु के चौथे अंतर्राष्ट्रीय दिवस (स्वच्छ वायु दिवस 2023) की थीम- "स्वच्छ वायु के लिये एक साथ" (“Together for Clean Air”) है।
SVS 2023 के संदर्भ में मुख्य निष्कर्ष:
- परिचय:
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (SVS) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा वायु गुणवत्ता के आधार पर शहरों को रैंक प्रदान करने और 131 गैर-प्राप्ति शहरों में शहर कार्य योजना (NCAP) के तहत अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिये एक नई पहल है।
- यदि शहर 5 वर्ष की अवधि में लगातार PM10 या NO2 के लिये NAAQS शर्तों को पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें गैर-प्राप्ति घोषित कर दिया जाता है।
- शहरों का वर्गीकरण 2011 की जनसंख्या जनगणना के आधार पर किया गया है।
- मानदंड: शहरों का मूल्यांकन आठ प्रमुख बिंदुओं पर किया गया:
- बायोमास का नियंत्रण
- नगरपालिका ठोस अपशिष्ट दहन
- सड़क की धूल
- निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट से उत्सर्जित धूल
- वाहन उत्सर्जन
- औद्योगिक उत्सर्जन
- जन जागरण
- PM10 सांद्रता में सुधार
- प्रदर्शन:
- प्रथम श्रेणी के तहत शीर्ष 3 शहर (मिलियन से अधिक जनसंख्या): इंदौर के बाद आगरा और ठाणे हैं।
- सबसे खराब प्रदर्शन: मदुरै (46), हावड़ा (45) और जमशेदपुर (44)।
- भोपाल 5वें और दिल्ली 9वें स्थान पर है।
- द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत शीर्ष 3 शहर (3-10 लाख जनसंख्या): अमरावती के बाद मुरादाबाद और गुंटूर हैं।
- सबसे खराब प्रदर्शन: जम्मू (38), गुवाहाटी (37) और जालंधर (36)।
- तृतीय श्रेणी के अंतर्गत शीर्ष 3 शहर (3 लाख जनसंख्या): परवाणु के बाद काला अंब और अंगुल का स्थान है।
- सबसे खराब प्रदर्शन: कोहिमा (39)।
- प्रथम श्रेणी के तहत शीर्ष 3 शहर (मिलियन से अधिक जनसंख्या): इंदौर के बाद आगरा और ठाणे हैं।
- तुलना:
- SVS 2022 में पहले तीन स्थान उत्तर प्रदेश के शहरों (मिलियन-प्लस श्रेणी)- लखनऊ (1), प्रयागराज (2) और वाराणसी (3) के थे।
- इस वर्ष तीनों शहरों को निम्न रैंकिंग दी गई है।
- SVS 2022 में पहले तीन स्थान उत्तर प्रदेश के शहरों (मिलियन-प्लस श्रेणी)- लखनऊ (1), प्रयागराज (2) और वाराणसी (3) के थे।
नोट:
- वर्ष 2020 में भारत के प्रधानमंत्री ने समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु योजना की घोषणा की।
- इस संदर्भ में MoEFCC वर्ष 2019 से भारत में शहर और क्षेत्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिये कार्यों की रूपरेखा तैयार करते हुए एक राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) लागू कर रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP):
- परिचय:राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करके और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर वायु प्रदूषण को व्यवस्थित रूप से संबोधित करना है।
- NCAP के तहत शहर विशिष्ट कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये 131 शहरों की पहचान की गई है।
- लक्ष्य: समयबद्ध कमी के लक्ष्य के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करने का यह देश में पहला प्रयास है।
- इसका लक्ष्य अगले पाँच वर्षों (तुलना के लिये आधार वर्ष- 2017) में मोटे (PM10) और महीन कणों (PM2.5) की सांद्रता में कम-से-कम 20% की कमी करना है।
- निगरानी: MoEFCC द्वारा "प्राण" पोर्टल भी लॉन्च किया गया है:
- NCAP के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
- शहरों की कार्य योजनाओं और कार्यान्वयन की स्थिति की निगरानी करना।
- शहरों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को दूसरों के अनुकरण के लिये साझा करना।
स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने हेतु अन्य पहल:
- वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
- दिल्ली-NCR के लिये वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु वैधानिक आयोग
- ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (दिल्ली)
- प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान का सिद्धांत (Polluter Pays Principle)
- स्मॉग टॉवर
- BS-VI वाहन
- वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (SAFAR)
- वायु गुणवत्ता की निगरानी हेतु डैशबोर्ड
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रारंभिक परीक्षा:प्रश्न. WHO के वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है? (a) केवल 1, 3 और 4 उत्तर: (b) प्रश्न . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. मुंबई, दिल्ली और कोलकाता, देश के तीन मेगा शहर हैं लेकिन दिल्ली में अन्य दो की तुलना में वायु प्रदूषण अधिक गंभीर समस्या है। ऐसा क्यों है? (2015) |