जयपुर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 7 अक्तूबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Oct 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित किया जाएगा

चर्चा में क्यों? 

भोपाल के निकट स्थित मध्य प्रदेश का रातापानी वन्यजीव अभयारण्य राज्य का 8वाँ टाइगर रिज़र्व बनने के लिये तैयार है। 

प्रमुख बिंदु 

  • रातापानी वन्यजीव अभयारण्य: अपनी समृद्ध जैवविविधता और सांस्कृतिक महत्त्व के लिये जाना जाने वाला यह अभयारण्य राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर चुका है और राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
  • स्थान और क्षेत्र: रातापानी वन्यजीव अभयारण्य रायसेन, सीहोर और भोपाल ज़िलों में लगभग 3,500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें से 1,500 वर्ग किलोमीटर को कोर टाइगर क्षेत्र के रूप में नामित किया जाएगा, जबकि 2,000 वर्ग किलोमीटर बफर जोन के रूप में काम करेगा।
  • बाघों की जनसंख्या: अभयारण्य में लगभग 40 बाघ हैं, इसके अतिरिक्त 12 बाघ नियमित रूप से भोपाल के निकट वन क्षेत्रों में विचरण करते हैं।
  • पर्यटन और अर्थव्यवस्था: टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी वित्त पोषण में वृद्धि के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
  • सुरक्षा उपाय: दुर्घटनाओं और अवैध शिकार के कारण बाघों की मृत्यु को रोकने के लिये 25 ओवरपास और अंडरपास का निर्माण किया जाएगा तथा कोर क्षेत्र के गाँवों को स्थानांतरित किया जाएगा।
  • जैवविविधता: बाघों के अलावा, अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें तेंदुए, लकड़बग्घे, सियार और चीतल, साँभर और नीलगाय जैसे कई शाकाहारी जानवर शामिल हैं। यहाँ 150 से ज़्यादा पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं, जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिये एक स्वर्ग बनाती हैं।
  • ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व : अभयारण्य में भीमबेटका शैलाश्रय, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, एवं अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इस क्षेत्र में सांस्कृतिक मूल्य जोड़ते हैं।

TIGER RESERVES


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2