महाराणा प्रताप पर्यटन परिपथ का विकास | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन के दौरान महाराणा प्रताप पर्यटन सर्किट/परिपथ के विकास के लिये 100 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- उन्होंने कहा कि 16वीं सदी के यह राजा समग्र विश्व के युवाओं के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं।
- उनकी विरासत का व्याख्यान करने के अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप की असाधारण वीरता, शौर्य और देशभक्ति पर प्रकाश डाला।
- राजस्थान सरकार स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिये चिकित्सा विज्ञान तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित प्रौद्योगिकियों में जन-अनुकूल नवाचारों को क्रियान्वित करने के लिये भी कार्य कर रही है।
महाराणा प्रताप
- राणा प्रताप सिंह, जिन्हें महाराणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था।
- वे मेवाड़ के 13वें राजा थे और उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े पुत्र थे।
- महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने मेवाड़ राज्य पर शासन किया और चित्तौड़ को अपनी राजधानी बनाया।
- उदय सिंह द्वितीय उदयपुर (राजस्थान) शहर के संस्थापक भी थे।
- हल्दीघाटी का युद्ध:
- हल्दीघाटी का युद्ध वर्ष 1576 में मेवाड़ के राणा प्रताप सिंह और आमेर के राजा मान सिंह के बीच हुआ था, जो मुगल सम्राट अकबर का सेनापति था।
- महाराणा प्रताप ने बहादुरी से युद्ध किया किंतु अंततः मुगल सेना से पराजित हुए।
- ऐसी मान्यता है कि महाराणा प्रताप के वफादार घोड़े चेतक ने युद्ध के मैदान से बाहर निकलते समय अपने प्राण त्याग दिये थे।
- पुन:नियंत्रण:
- वर्ष 1579 के बाद मेवाड़ पर मुगलों का प्रभाव कम हो गया और महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़, उदयपुर तथा गोगुन्दा सहित पश्चिमी मेवाड़ पर पुनः अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
- इस अवधि के दौरान उन्होंने वर्तमान डूंगरपुर के पास एक नई राजधानी चावंड (Chavand) का निर्माण भी किया।
- देहावसान:
- 19 जनवरी, 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया। महाराणा प्रताप की मृत्यु के पश्चात् उनके पुत्र राणा अमर सिंह ने राजगद्दी ग्रहण की और वर्ष 1614 में अकबर के पुत्र सम्राट जहाँगीर की प्रभुता स्वीकार की।
किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को दिये जाने वाले वार्षिक मानदेय में वृद्धि की घोषणा की।
- प्रत्येक कृषक परिवार को दी जाने वाली राशि को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹8,000 प्रति वर्ष कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- वर्तमान में राजस्थान में किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 5.7 मिलियन किसान सहायता प्राप्त कर रहे हैं, जिसका शुभारंभ वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- राज्य के अंतरिम बजट में वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिये 1,400 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान)
- परिचय:
- भूमि धारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 24 फरवरी, 2019 को PM-किसान का शुभारंभ किया गया था।
- वित्तीय लाभ:
- योजना के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रत्येक चार माह में तीन समान किस्तों में 6000/- रुपए प्रतिवर्ष का वित्तीय लाभ अंतरित किया जाता है।
- योजना का दायरा:
- यह योजना शुरू में ऐसे छोटे और सीमांत किसानों (SMF) के लिये थी, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि थी किंतु बाद में योजना का दायरा सभी भूमिधारक किसानों को शामिल करने के लिये बढ़ा दिया गया था।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन:
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका पूर्ण रूप से वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उपज सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद संबंधी छोटे एवं सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है।
- उक्त प्रकार के खर्चों को पूरा करने के लिये उन्हें साहूकारों के शोषण से बचाना और कृषि में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
- PM-किसान मोबाइल एप:
- वास्तविक रूप से सत्यापन की व्यवस्था:
- योजना में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक वर्ष 5 प्रतिशत लाभार्थियों का अनिवार्य रूप से वास्तविक सत्यापन किया जा रहा है।
सीकर में भूकंप | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, हाल ही में राजस्थान के सीकर में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया।
मुख्य बिंदु
- भूकंप 27.41 उत्तरी अक्षांश और 75.06 पूर्वी देशांतर पर 5 किमी की गहराई पर आया।
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS):
- यह भारत और उसके पड़ोस में भूकंपीय गतिविधि की निगरानी तथा रिपोर्टिंग करने के लिये उत्तरदायी अभिकरण है।
- यह समग्र देश में भूकंपीय वेधशालाओं का एक संजाल संचालित करता है और भूकंप तथा सुनामी पर वास्तविक समय का डेटा एवं जानकारी प्रदान करता है।
- यह जनमानस को भूकंप की चेतावनी और अपडेट प्रदान करने के लिये भूकंप (BhooKamp) नामक एक वेबसाइट तथा मोबाइल एप भी संचालित करता है।