उत्तराखंड Switch to English
राम मंदिर थीम पर उत्तरायणी पर्व
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति पर मनाए जाने वाले उत्तरायणी पर्व और मेले को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह की थीम के साथ मनाने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने लोगों से अपने घरों में दीपोत्सव, कलश यात्रा और राम कथा का आयोजन करने का आग्रह किया है।
- उन्होंने प्रमुख नदियों के घाटों की सफाई के लिये अभियान चलाने पर भी ज़ोर दिया है।
- स्कूलों में भगवान राम के आदर्शों पर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जानी चाहिये।
राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह
- 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह की तैयारियों में शामिल हैं:
- राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथी, शेर, भगवान हनुमान और भगवान विष्णु के 'वाहन' गरुड़ की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं।
- प्रतिष्ठा समारोह के लिये निमंत्रण कार्ड VVIPs, पुजारियों, दानदाताओं और कई राजनेताओं सहित मेहमानों को भेज दिये गए हैं।
- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर निर्माण की देखरेख करने वाली समिति:
- पारंपरिक नागर शैली में निर्मित राम मंदिर एक तीन मंज़िला मंदिर है, जिसकी लंबाई 380 फीट (पूर्व-पश्चिम दिशा), चौड़ाई 250 फीट और ऊँचाई 161 फीट है।
- इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाज़े तथा पाँच मंडप (हॉल) नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना तथा कीर्तन मंडप हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कोयला खनन के लिये बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के खिलाफ हसदेव अरण्य में प्रस्तावित नागरिकों के ‘प्रोटेस्ट मार्च’ को अपना समर्थन व्यक्त किया है।
- हसदेव अरंड के जंगलों को जैवविविधता से समृद्ध माना जाता है, हसदेव नदी का जलग्रहण क्षेत्र अविकसित क्षेत्रों में पीने के पानी के लिये महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु:
- छत्तीसगढ़ में परसा पूर्व और काँटा बासन (PEKB) कोयला ब्लॉकों के लिये हसदेव में 137 हेक्टेयर जैवविविधता वाले जंगल की कटाई से हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। जिसमें हसदेव नदी का प्रभावित होना, मानव-हाथी संघर्ष में वृद्धि एवं स्थानीय जैवविविधता के लिये नकारात्मक परिणाम शामिल हैं।
- सघन वन क्षेत्र के नीचे कुल 5 अरब टन कोयला होने का अनुमान है।
- नवीनतम वनोन्मूलन PEKB के लिये मंज़ूरी के दूसरे चरण का प्रतीक है; पहले चरण में राजस्थान और पड़ोसी राज्य में विद्युत की आपूर्ति हेतु कोयला निष्कर्षण के लिये खनन गतिविधियों को मंज़ूरी देना शामिल था।
- जारी वनोन्मूलन से उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के सहली, तारा, जनार्दनपुर, घाटबर्रा, फतेहपुर और हरिहरपुर जैसे पड़ोसी गाँवों के 700 मूल परिवारों की आजीविका विस्थापित तथा प्रभावित होगी।
- हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति, हसदेव वन बचाओ समिति के आदिवासी अधिकार कार्यकर्त्ताओं के साथ-साथ ग्रामसभा के नेता भी लगातार पेड़ों की कटाई का सक्रिय रूप से विरोध कर रहे हैं।
- हसदेव अरण्य कोयला क्षेत्र (HACF) में खनन गतिविधियाँ:
- HACF लगभग 1,880 वर्ग किमी. में फैला हुआ है, जिसमे 23 कोयला ब्लॉक शामिल हैं।
- वर्ष 2009 में केंद्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को खनन के लिये 'नो-गो ज़ोन' घोषित किया गया था।
- खनन की मांग में वर्ष 2010 के दौरान वृद्धि हुई, जब छत्तीसगढ़ सरकार ने PEKB कोयला क्षेत्रों के लिये वन भूमि को स्थानांतरित करने हेतु वन मंज़ूरी की सिफारिश की।
- वर्ष 2012 में, PEKB कोयला खदानों के चरण-I में खनन हेतु पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) द्वारा वन मंज़ूरी प्रदान की गई थी।
- हालाँकि इससे संबंधित मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं, मार्च 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार ने PEKB कोयला ब्लॉक में खनन के दूसरे चरण को मंज़ूरी दे दी।
हसदेव अरण्य वन
- छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में फैला हुआ हसदेव अरण्य वन क्षेत्र अपनी जैवविविधता और कोयला भंडार के लिये जाना जाता है।
- यह वन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण आदिवासी आबादी वाले ज़िलों कोरबा, सुजापुर और सरगुजा के अंतर्गत आता है।
- महानदी की सहायक नदी हसदेव यहाँ से प्रवाहित होती है।
- हसदेव अरण्य मध्य भारत का सबसे बड़ा अखंडित जंगल है जिसमें प्राचीन साल (शोरिया रोबस्टा) और सागौन के जंगल शामिल हैं।
- यह एक प्रसिद्ध प्रवासी गलियारा है, जिसमें हाथियों की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है।
झारखंड Switch to English
गणतंत्र दिवस परेड में तसर सिल्क
चर्चा में क्यों?
संथाल परगना क्षेत्र में प्रसिद्ध तसर रेशम के उत्पादन को प्रदर्शित करने वाली झारखंड की झाँकी को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिये चुना गया है।
- झारखंड उन 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल है, जिनकी झाँकी को परेड के लिये चुना गया है।
- मुख्य बिंदु:
- देश को झारखंड के दुमका और गोड्डा के रेशम से परिचित कराया जायेगा।
- तसर रेशम की सरिहान किस्म दुमका ज़िले में पाई जाती है।
- रेशम चार प्रकार के होते हैं - शहतूत, इरी, मूगा और तसर। शहतूत, इरी और मुगा सामान्य रूप से पाए जाते हैं जिन्हें घर के अंदर उत्पादित किया जा सकता है लेकिन तसर जंगल में प्राकृतिक रूप से मिलता है।
- देश का 70% तसर का उत्पादन झारखंड में होता है, जिसमें से 40% उत्पादन राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में होता है।
- तसर रेशम को बिहार के भागलपुर ले जाया जाता है, जहाँ उसके उत्पाद बनाये जाते हैं।
भारत के रेशम उद्योग की स्थिति
- भारत, चीन के बाद कच्चे रेशम का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में रेशम के विविध प्रकार मौजूद हैं, जिनमें शहतूत, तसर, मुगा और इरी शामिल हैं। ये विविधताएँ रेशमकीटों की विशिष्ट भोजन आदतों से उत्पन्न होती हैं।
- रेशम उद्योग भारत के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा अर्जक (Foreign Exchange Earners) में से एक है, जो देश के आर्थिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- देश में प्रमुख रेशम उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
फूड स्ट्रीट 'प्रसादम', उज्जैन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देश की पहली स्वस्थ और स्वच्छ फूड स्ट्रीट, 'प्रसादम' का उद्घाटन किया, जो उज्जैन के महाकाल लोक में पारंपरिक स्वस्थ भोजन तथा मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसेगी।
मुख्य बिंदु:
- 175 लाख रुपए की लागत से बनी ‘प्रसादम’ में 17 दुकानें होंगी, जिनमें राजगिरा, सांवा, कुट्टू, रागी, दाल-बाफले और राज्य के अन्य प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजनों से बने व्यंजन उपलब्ध होंगे।
- फूड स्ट्रीट फरवरी, 2024 के पहले सप्ताह से पूरी तरह से चालू हो जाएगी और परिसर में जंक फूड तथा प्लास्टिक प्रतिबंधित है।
- भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) विक्रेताओं को खाद्य हैंडलिंग प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जबकि फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स वाहन सप्ताह में एक बार भोजन का निरीक्षण करने आएगा और विक्रेताओं को प्रशिक्षित करेगा।
- देश के विभिन्न स्थानों पर 100 स्वस्थ और स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब बनेंगे।
- मुख्यमंत्री ने मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित 'मैनहिट' ऐप भी लॉन्च किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की मानसिक स्वास्थ्य इकाई द्वारा मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग ऐप "मैनहिट" विकसित किया गया है।
- इसे मुख्य रूप से तीन खंडों में विभाजित किया गया है: मानसिक स्वास्थ्य स्व-मूल्यांकन, जागरूकता सामग्री/वीडियो और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ संपर्क।
मोटे अनाज
- मोटे अनाज पारंपरिक रूप से देश के संसाधनहीन कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। इन्हें पोषक-अनाज भी कहा जाता है।
- कृषि-जलवायु क्षेत्र एक निश्चित श्रेणी की फसलों और किस्मों के लिये उपयुक्त प्रमुख जलवायु के संदर्भ में एक भूमि इकाई है।
- प्रमुख मोटे अनाज (Major millets) में ज्वार (sorghum), बाजरा (pearl millet) और रागी (finger millet) शामिल हैं, जबकि गौण मोटे अनाज (Minor millets) में कंगनी (foxtail), कुटकी (little millet), कोदो (kodo), वरिगा/पुनर्वा (proso) तथा साँवा (barnyard millet) शामिल हैं।
- मोटे अनाज उत्पादक राज्यों में कर्नाटक, राजस्थान, पुडुचेरी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
MSME के लिये उत्तर प्रदेश शीर्ष तीन राज्यों में शामिल
चर्चा में क्यों?
रियल्टी कंसल्टिंग फर्म CBRE साउथ एशिया और रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन CREDAI की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल पंजीकृत MSME में 9% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदानकर्त्ता के रूप में शीर्ष तीन राज्यों में उभरा है।
- क्षेत्र-वार, रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण क्षेत्र, सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8% का योगदान देता है, जो भारतीय MSME के लिये एक रणनीतिक अवसर है।
मुख्य बिंदु:
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, मंत्रालय के तहत 2.21 करोड़ MSME पंजीकृत हैं (उद्यम असिस्ट पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण को छोड़कर)।
- उत्तर प्रदेश के कई शहर MSME क्लस्टर के रूप में उभरे हैं, जिनमें आगरा, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, मेरठ और गाज़ियाबाद उद्यम योजना के लिये नामांकन में अग्रणी हैं।
- जिनमें से 17.2% हिस्सेदारी के साथ 38.09 लाख महाराष्ट्र से थे, इसके बाद तमिलनाडु से 10% हिस्सेदारी के साथ 22.32 लाख और 9.4% हिस्सेदारी के साथ 20.95 लाख उत्तर प्रदेश से थे।
- 16 लाख के साथ राजस्थान और 15.96 लाख MSME के साथ गुजरात देश में पंजीकृत इकाइयों के लिये अन्य शीर्ष स्थान थे।
- सरकार, उद्योग हितधारकों और वित्तीय संस्थानों के बीच सहयोगात्मक प्रयास एक मज़बूत समर्थन प्रणाली बनाने में सहायता कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि MSME को उभरते आर्थिक परिदृश्य को नेविगेट करने के लिये आवश्यक संसाधन तथा मार्गदर्शन प्राप्त हो।
उद्यम पोर्टल
- यह MSME को पंजीकृत करने के लिये एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसे 1 जुलाई, 2020 को केंद्रीय MSME मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) के डेटाबेस से जुड़ा हुआ है।
- GSTN एक अद्वितीय और जटिल IT उद्यम है जो करदाताओं, केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों के बीच संचार एवं बातचीत का एक चैनल स्थापित करता है।
- यह पूरी तरह से ऑनलाइन है, इसके लिये किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती है और यह MSME के लिये ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की दिशा में एक कदम है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023
चर्चा में क्यों ?
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिये प्रयागराज और वाराणसी को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, गाज़ियाबाद, अलीगढ़, झाँसी और फिरोज़ाबाद सहित आठ शहरों ने 3-स्टार रेटिंग अर्जित की है, जबकि नोएडा ने पाँच-स्टार रेटिंग अर्जित की है।
- राज्य के लगभग 648 शहरों ने खुले में शौच मुक्त (ODF) का दर्जा हासिल कर लिया है। वहीं 65 शहरों ने 'कचरा मुक्त शहर' का दर्जा हासिल किया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के परिणामों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के 129 शहरों ने ओडीएफ++ का दर्जा हासिल कर लिया है, जो खुले में शौच-मुक्त मानकों और टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के पालन को दर्शाता है।
- राज्य के 435 शहरों ने ओडीएफ+ का दर्जा प्राप्त किया है, जो राज्य में स्वच्छता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- उत्तर प्रदेश के कई शहर अब 7-स्टार रेटिंग की ओर बढ़ रहे हैं।
- सरकार द्वारा अधिक शहरों को 5-स्टार और 3-स्टार रेटिंग प्राप्त करवाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023
- बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रतिस्पर्धी ढाँचे के रूप में वर्ष 2016 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी।
- पिछले कुछ वर्षों में, स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में फार्मा पार्क
चर्चा में क्यों ?
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ललितपुर, बुंदेलखंड में पाँच गाँवों में 1,472 एकड़ में एक फार्मा पार्क स्थापित कर रही है।
- फार्मा पार्क की स्थापना और संबंधित परियोजनाओं में तेज़ी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक विकास तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
मुख्य बिंदु:
- योजना दो चरणों में सामने आएगी, जिसमें शुरुआती केंद्र 300 एकड़ भूमि को कवर करने वाले तत्काल विकास प्रयासों पर होगा।
- सर्वेक्षण के लिये चिह्नित गाँवों में सैदपुर, गडोलीकला, लारगन, करौंदा और रामपुर शामिल हैं।
- सर्वेक्षण तकनीकों में तेल परीक्षण, समोच्च मानचित्रण और स्थलाकृतिक जाँच शामिल हैं।
- आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों का उपयोग इन पहलों की योजना और कार्यान्वयन में सटीकता तथा दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- UPSIDA दिबियापुर में प्लास्टिक सिटी परियोजना के साथ-साथ उरई में साइट-1 और साइट-2 पर विकास परियोजनाओं में तेज़ी लाने के लिये भी कदम उठा रहा है।
- 274.4 एकड़ में फैला प्लास्टिक पार्क, औद्योगिक इकाइयों, आवासीय क्षेत्रों और बुनियादी ढाँचे को शामिल करता है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में विकास परियोजनाएँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने फतेहाबाद ज़िले में 215.65 करोड़ रुपए की 16 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
- मुख्य बिंदु:
- इन परियोजनाओं में फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र में 7, रतिया विधानसभा क्षेत्र में 5 और टोहाना विधानसभा क्षेत्र में 4 परियोजनाएँ शामिल हैं।
- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) योजना के तहत उपमुख्यमंत्री ने की पहल:
- 19.86 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ 19.65 किलोमीटर लंबी फतेहाबाद-हंसपुर सड़क का सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण,
- 3.60 करोड़ रुपए की लागत से 2.555 किलोमीटर मामूपुर से चूहड़पुर होते हुए नरडेल सड़क का सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण तथा 149.63 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से हरियाणा-पंजाब सीमा तक 30.14 किलोमीटर लंबा NH148B सुरेवाला चौक।
- उपमुख्यमंत्री ने 42.54 करोड़ रुपए की 13 विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिसमें सड़क और बुनियादी ढाँचा विकास शामिल है।
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