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उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु 'उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु
- जलमार्ग प्राधिकरण के बारे में:
- जल परिवहन का विकास: इसका उद्देश्य जलमार्गों का विकास कर जल परिवहन को बढ़ावा देना है, जिससे सड़क और रेल नेटवर्क पर दबाव कम होगा।
- जल पर्यटन का विकास: साथ ही इसके गठन से जल पर्यटन के क्षेत्र में प्रगति हो सकती है। गंगा नदी और अन्य जलमार्गों के किनारे महत्त्वपूर्ण शहर स्थित हैं, जिन्हें पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा सकता है।
- संरचना: प्राधिकरण का अध्यक्ष परिवहन मंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा नामित जलमार्ग, जहाजरानी, नौवहन, बंदरगाह और समुद्री मामलों का विशेषज्ञ होगा।
- उपाध्यक्ष की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी इसका सदस्य होगा।
- उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
- उल्लेखनीय है कि देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किये गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI):
- IWAI, जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) के अधीन एक सांविधिक निकाय है।
- इसका गठन भारतीय संसद द्वारा आईडब्ल्यूएआई अधिनियम, 1985 के तहत किया गया था।
- इसका मुख्यालय नोएडा , उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि क्षेत्रीय कार्यालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोची में तथा उप-कार्यालय प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद), वाराणसी, भागलपुर, रक्का और कोल्लम में हैं।
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लखीसराय संग्रहालय
चर्चा में क्यों?
6 फरवरी 2025 को बिहार के मुख्यमंत्री ने 35.8 करोड़ की लागत से बने लखीसराय संग्रहालय का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- लखीसराय संग्रहालय के बारे में:
- यह बिहार का दूसरा सबसे बड़ा विश्वस्तरीय संग्रहालय है। संग्रहालय का भवन काफी सुसज्जित तरीके से बनाया गया है, जिसमें इंडोर थियेटर व आउटडोर थियेटर का भी निर्माण किया गया है।
- लखीसराय जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खुदाई से प्राप्त पौराणिक मूर्तियाँ, शिलालेख, मृदभांड, बौद्ध स्तूप और कीमती पत्थर जिन्हें अशोकधाम मंदिर समेत अन्य स्थानों पर रखा गया था, अब इस संग्रहालय में संरक्षित किया जाएगा।
- महत्त्व:
- ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण: संग्रहालय जिले के प्राचीन इतिहास और संस्कृति का संरक्षण करेगा, जहाँ पुरातात्विक अवशेषों और मूर्तियों का अध्ययन और संरक्षण किया जाएगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: संग्रहालय से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोग यहाँ के इतिहास और संस्कृति को जानंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
- स्थानीय संस्कृति का प्रचार: संग्रहालय लखीसराय से सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व को प्रस्तुत करने सहायता मिल सकती है।
- घोषणा: ज्ञातव्य है की लखीसराय के आसपास के क्षेत्र में पुरातत्विक अवशेषों के संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए लखीसराय में संग्रहालय बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2018 में की गई थी।
लखीसराय जिला
- यह जिला 3 जुलाई 1994 को स्थापित किया गया था। पहले लखीसराय मुंगेर जिले में एक अनुमंडल था।
- जिले के भीतर कुछ महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों में अशोकधाम, बरहिया के भगवती मंदिर, श्रृंगी ऋषि, जलप्पा स्थान, अभयनाथ स्थान, अभिपुर पर्वत, अभिपुर के महारानी स्थान, गोविंद बाबा स्थान (मंडप) रामपुर और दुर्गा स्थान लखिसराई आदि हैं।
- लखीसराय क्रमशः पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर में मुंगेर, शेखपुरा, बेगुसराय और पटना से घिरा है।