उत्तर प्रदेश GeM को पूर्ण रूप से अपनाने वाला पहला राज्य बना | उत्तर प्रदेश | 07 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपनी खरीद प्रक्रिया को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश ने GeM को पूर्णतः अपनाकर अपनी दीर्घकालिक निविदा प्रणाली को समाप्त कर दिया है।
- इस एकीकरण के तहत सभी सेवा प्रदाताओं को, बुनियादी स्टेशनरी आपूर्तिकर्त्ताओं से लेकर आधिकारिक उपयोग के लिये स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (SUV) प्रदान करने वालों तक, केंद्र सरकार के नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।
- 26 नवंबर, 2024 को जारी व्यापक सरकारी आदेश 33 से अधिक पूर्व खरीद- संबंधी निर्देशों को रद्द कर देता है।
- यह कदम GeM प्रोटोकॉल का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करता है, त्रुटियों और दुरुपयोग की संभावना को कम करता है तथा एक मानकीकृत खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
- राज्य सरकार का अनुमान है कि GeM-आधारित खरीद की ओर इस परिवर्तन से सालाना 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो सकती है।
- यह प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और कुशल खरीद प्रक्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ने 18 अटल आवासीय विद्यालयों के लिये गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा सामग्री खरीदने के लिये पहले ही GeM का लाभ उठाया है। फर्नीचर और IT उपकरण सहित ये सामग्री शीघ्रता से और प्रतिस्पर्द्धी कीमतों पर उपलब्ध कराई गई, जिससे शैक्षिक सुविधाओं के लिये उच्च मानक सुनिश्चित हुए।
- GeM को पूर्ण रूप से अपनाने से उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता बढ़ने की आशा है।
- यह राज्य के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है, जो कि व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना तथा सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
- यह पहल राज्य के महत्वाकांक्षी आर्थिक लक्ष्यों का भी समर्थन करती है तथा 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के इसके लक्ष्य में योगदान देती है।
- पारदर्शी खरीद के प्रति उत्तर प्रदेश की प्रतिबद्धता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
- राज्य को कुल ऑर्डर मूल्य और उच्चतम सेवा खरीद सहित विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया गया है।
सरकारी ई मार्केटप्लेस (GeM)
- GeM एक 100% सरकारी स्वामित्व वाला और राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है जो विभिन्न सरकारी विभागों / संगठनों / सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
- यह पहल वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
- यह सरकारी उपयोगकर्त्ताओं की सुविधा के लिये ई-बोली, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है, जिससे उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त होता है और सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाया जाता है।
श्यामल मिश्रा को FMDA और GMDA का CEO नियुक्त किया गया | हरियाणा | 07 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन के तहत, हरियाणा कैडर के 1996 बैच के IAS अधिकारी श्यामल मिश्रा को फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (FMDA) और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) दोनों का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है।
- मुख्य बिंदु
- श्यामल मिश्रा वर्तमान में नई दिल्ली में हरियाणा व्यापार मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक के रूप में कार्यरत हैं, वह हरियाणा के नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव की भूमिका भी संभालेंगे।
- अपने विस्तारित पोर्टफोलियो के बावजूद, श्यामल मिश्रा व्यापार मेला प्राधिकरण में अपना कार्यभार जारी रखेंगे तथा हरियाणा के शहरी और विमानन बुनियादी ढाँचे को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- ये नियुक्तियाँ हरियाणा और हरियाणा के नौकरशाही नेतृत्व में रणनीतिक पुनर्गठन को दर्शाती हैं, जो राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को सुव्यवस्थित और दृढ़ बनाने के लिये चल रहे प्रयासों को दर्शाती हैं।
- इस फेरबदल का उद्देश्य शासन को बेहतर बनाना तथा विकास परियोजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
हरियाणा के आबकारी नीति पर विवाद | हरियाणा | 07 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थित बार और पबों में आधी रात को शराब की बिक्री को लेकर हरियाणा सरकार को कड़ी चेतावनी जारी की है।
- हालाँकि, न्यायालय ने इस मामले में राज्य को कोई आधिकारिक निर्देश देने से बचने का निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु
- यह मुद्दा तब उठा जब जून में पेश की गई हरियाणा आबकारी नीति 2024-25 में पिछली नीति से उन प्रावधानों को हटा दिया गया, जिसके तहत अतिरिक्त शुल्क के भुगतान पर बार और पब को रात भर संचालित करने की अनुमति दी गई थी।
- संशोधित नीति के तहत, हरियाणा भर में सभी बार और पबों को मध्यरात्रि तक बंद करना अनिवार्य है, गुरुग्राम और फरीदाबाद को छोड़कर, जहाँ पुराने नियम लागू रहेंगे।
- नई नीति की घोषणा के बाद, पंचकूला के बार और पब मालिकों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर गुरुग्राम और फरीदाबाद के अपने समकक्षों के साथ समानता की मांग की।
- हालाँकि, न्यायमूर्तियों की एक पीठ ने उनकी याचिका खारिज करते हुए निर्णय दिया कि आबकारी नीति अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग मानदंड लागू करती है और याचिकाकर्त्ता एकरूपता की मांग नहीं कर सकते।
- न्यायालय ने आबकारी नीतियों के निर्माण में सांस्कृतिक संवेदनशीलता के महत्त्व को रेखांकित किया।
- इसमें कहा गया कि रात भर शराब की बिक्री की अनुमति देने से सामाजिक पतन हो सकता है तथा भारतीय समाज के सांस्कृतिक मूल्य कमज़ोर हो सकते हैं।
- पीठ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश में जिम्मेदारीपूर्वक शराब पीना अभी भी एक दूरगामी लक्ष्य हैतथा नीति निर्माताओं को अपने निर्णयों के व्यापक सामाजिक निहितार्थों पर विचार करना चाहिये।
हरियाणा आबकारी नीति 2024-25
- 12 जून से लागू होने वाली नई नीति में IMFL (भारत में निर्मित विदेशी शराब) और देशी शराब पर उत्पाद शुल्क में मामूली वृद्धि होगी।
- वर्ष 2024-25 के लिये IMFL का अधिकतम मूल कोटा 700 लाख प्रूफ लीटर (मापन इकाई) और देशी शराब के लिये 1,200 लाख प्रूफ लीटर होगा।
- IMFL और देशी शराब के लिये 2023-24 में शुरू की गई क्यूआर कोड-आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली को आयातित विदेशी शराब तक भी बढ़ाया जाएगा।
उत्तराखंड की नीति घाटी में बढ़ रहा ग्लेशियर | उत्तराखंड | 07 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक उल्लेखनीय खोज में वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड की नीति घाटी में तेज़ी से विस्तृत हो रहे ग्लेशियर की पहचान की है।
- "बहु-कालिक उपग्रह डेटा का उपयोग करते हुए मध्य हिमालय में ग्लेशियर वृद्धि की अभिव्यक्तियाँ" शीर्षक वाले अध्ययन में ग्लेशियर के तीव्र विकास को देखने के लिये उपग्रह चित्रों का उपयोग किया गया।
मुख्य बिंदु
- यह नया ग्लेशियर, जो लगभग 10 किलोमीटर लंबा और लगभग 48 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित है, भारत-तिब्बत सीमा के समीप, राज्य के सुदूर उत्तरी क्षेत्र में रैंडोल्फ और रेकाना ग्लेशियरों के निकट स्थित है।
- ग्लेशियर में वर्तमान में "उछाल" का अनुभव हो रहा है, अर्थात ग्लेशियर के आकार में अचानक और तीव्र वृद्धि, जो जल विज्ञान संबंधी असंतुलन के कारण हो सकती है।
- ये असंतुलन तब होता है जब पानी बर्फ की परतों में घुस जाता है, जिससे वे कमज़ोर हो जाती हैं और बर्फ नीचे की ओर खिसकने लगती है।
- इस तेजी से बढ़ते ग्लेशियर की खोज से क्षेत्र के पर्यावरण और जलवायु पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा ।
- हिमनदीय उछाल से हिमनदीय झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) का संकट बढ़ सकता है, जो निचले इलाकों के समुदायों और बुनियादी ढाँचे के लिये खतरा उत्पन्न करता है।
- प्रभावी शमन रणनीति विकसित करने के लिये ऐसे ग्लेशियरों की गतिशीलता को समझना महत्त्वपूर्ण है।
- जैसे-जैसे वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, इस क्षेत्र में ग्लेशियरों की गति अप्रत्याशित होती जा रही है, जिसके लिये निरंतर निगरानी और अध्ययन की आवश्यकता है।