रैपिड फायर
हम्बोल्ट ग्लेशियर
- 22 May 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
वेनेज़ुएला विश्व का पहला ऐसा देश बन गया है, जहाँ जलवायु परिवर्तन के कारण सभी ग्लेशियर समाप्त हो गए हैं।
- शेष बचा हुआ ग्लेशियर, हम्बोल्ट काफी सिकुड़ गया है और अब इसे सामान्य बर्फ क्षेत्र के रूप में पुनः वर्गीकृत किया गया है।
- इससे पहले वेनेज़ुएला के सिएरा नेवादा डी मेरिडा पर्वत शृंखला में 6 ग्लेशियर (वर्ष 2011 तक पाँच ग्लेशियर समाप्त हो चुके थे), थे, जो सभी समुद्र तल से लगभग 5,000 मीटर की ऊँचाई पर एंडीज़ पर्वत शृंखला में अवस्थित थे।
- एंडीज़ स्थित पर्वतों के तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे ग्लेशियर पिघलने की गति में तेज़ी आई है।
- ये दक्षिण अमेरिका की पर्वत प्रणालियाँ हैं जिनकी औसत ऊँचाई 8,900 किलोमीटर है।
- यह दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे से लेकर कैरिबियन पर महाद्वीप के सबसे उत्तरी तट तक अर्जेंटीना, बोलीविया, चिली, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू और वेनेज़ुएला के कुछ हिस्सों को कवर करता है।
- हम्बोल्ट ग्लेशियर के पिघलने में अल नीनो के कारण तेज़ी आई, जिसका प्रभाव जुलाई 2023 में देखा गया।
- वेनेज़ुएला के समान दुनिया भर में कई ग्लेशियर अपेक्षा से अधिक तेज़ी से समाप्त हो रहे हैं, वर्ष 2023 के अध्ययन का अनुमान है कि मौजूदा जलवायु परिवर्तन दर के कारण वर्ष 2100 तक दुनिया के दो-तिहाई ग्लेशियर समाप्त हो सकते हैं।
- हिंदू-कुश हिमालय पर्वत शृंखला में ग्लेशियर अभूतपूर्व दर से पिघल रहे हैं और यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भारी कमी नहीं की गई तो संभवतः वर्ष 2100 में उनमें बर्फ की मात्रा 80% तक कम हो सकती है।
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