प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Feb 2024
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

रूस में भारतीय दूतावास में घुसपैठ करने वाला पाकिस्तानी गिरफ्तार

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने मॉस्को में नई दिल्ली के राजनयिक मिशन के सुरक्षा सहायक सतेंद्र सिवाल को गिरफ्तार किया है।

  • यह पता चला है कि पाकिस्तान की सैन्य जासूसी एजेंसी ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सहित रूस के साथ देश के संबंधों के विषय में वर्गीकृत जानकारी प्राप्त करने के लिये मास्को में भारतीय दूतावास में गुप्त सूचना दी थी।

मुख्य बिंदु:

  • वह हापुड़ के निवासी थे और विदेश मंत्रालय (MEA) में मल्टीटास्किंग स्टाफ में से एक थे, जो वर्ष 2021 से मास्को में भारतीय दूतावास में सुरक्षा सहायक के रूप में तैनात थे।
    • पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट के रूप में उनका एक्सपोज़र भारतीय विदेश सेवा (IFS) के ग्रेड बी अधिकारी माधुरी गुप्ता की गिरफ्तारी के लगभग 14 वर्ष बाद आया था, जो इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात थे और जासूसी के लिये पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी द्वारा इस्तेमाल किया गया था।
  • भारत द्वारा यूक्रेन में रूस के "विशेष सैन्य अभियानों" के खिलाफ आवाज़ उठाने से इंकार करने के बाद मॉस्को के साथ नई दिल्ली के संबंध भी संयुक्त राज्य अमेरिका और शेष पश्चिम की जाँच के दायरे में हैं तथा पूर्व सोवियत संघ राष्ट्र के साथ कच्चे तेल व सैन्य हार्डवेयर की खरीद जारी रखने के लिये अमेरिकी एवं यूरोपीय प्रतिबंधों की अवहेलना की।
  • नई दिल्ली के एक राजनयिक मिशन में ISI गुप्तचर का अंतिम सार्वजनिक प्रदर्शन तब हुआ था जब वर्ष 2008 में 26 से 28 नवंबर के बीच लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में 26/11 के नरसंहार को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।
    • माधुरी गुप्ता इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात थीं, जब उन्हें ISI एजेंटों ने लालच दिया था, जिन्होंने उनका इस्तेमाल पाकिस्तानी राजधानी में नई दिल्ली के राजनयिक मिशन से वर्गीकृत जानकारी हासिल करने के लिये किया था।
    • भारत की खुफिया एजेंसियों ने उसे जाँच के घेरे में ले लिया और यह पुष्टि हो गई कि वह ISI के लिये कार्य कर रही थी। उन्हें कुछ आधिकारिक कार्य के लिये नई दिल्ली बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया। वर्ष 2021 में उनका निधन हो गया।

उत्तर प्रदेश Switch to English

यूपी बजट 2024-25: मुख्य बिंदु और प्रमुख घोषणाएँ

चर्चा में क्यों?

5 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिये बजट पेश किया।

मुख्य बिंदु:

  • कुल व्यय 7,36,437.71 करोड़ रुपए अनुमानित है।
  • कुल व्यय में से 5,32,655.33 करोड़ रुपए राजस्व खाते के लिये और 2,03,782.38 करोड़ रुपए पूंजी खाते के लिये आवंटित किये गए हैं।
  • समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के बाद बजट में 15,103.89 करोड़ रुपए के घाटे का अनुमान है।
  • कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिये तीन योजनाएँ:
    • राज्य कृषि विकास योजना में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा।
    • विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीस योजना के लिये 200 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
    • प्रखंडों और पंचायतों में स्वचालित मौसम स्टेशन-स्वचालित वर्षामापी यंत्र की स्थापना के लिये 60 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
  • निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को देय राशि 500 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति माह करने की घोषणा की गई।
    • वर्ष 2023-2024 की तीसरी तिमाही तक कुल 31,28,000 निराश्रित महिलाओं को इस योजना से लाभ हुआ है।
  • महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
  • वर्ष 2023-2024 के लिये राज्य का बजट 6.90 लाख करोड़ रुपए था जिसमें नई योजनाओं के लिये 32,721 करोड़ रुपए का आवंटन शामिल था।

अनुच्छेद 112

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, एक वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण (AFS) कहा जाता है।
  • यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण है (जो चालू वर्ष के 1 अप्रैल को शुरू होता है तथा अगले वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होता है)।

निराश्रित महिला पेंशन योजना

  • यह एक राज्य योजना है जिसके तहत 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की निराश्रित या परित्यक्त महिलाओं और विधवाओं को योजना के नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंडों के अनुसार पेंशन दी जाती है।
  • योजना का उद्देश्य उन महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है जो अपने संसाधनों से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं और उन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश बजट: नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये 1,150 करोड़ रुपय आवंटित

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में गौतमबुद्ध नगर में आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 1,150 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।

मुख्य बिंदु:

  • यह घोषणा यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष का बजट पेश करते हुए की।
  • नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास कार्य चल रहा है, जिसे वर्ष 2024 के अंत तक वाणिज्यिक संचालन के लिये खोलने की योजना है।
  • राज्य में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये केंद्र की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS-UDAN) और राज्य सरकार की नागरिक उड्डयन प्रोत्साहन नीति के तहत पहल की जा रही है।
  • हवाई कनेक्टिविटी के लिये अलीगढ, आज़मगढ़, मोरादाबाद, श्रावस्ती और चित्रकूट जैसे चुनिंदा हवाई अड्डों का विकास किया गया है। म्योरपुर (सोनभद्र) एवं सरसावा (सहारनपुर) हवाई अड्डों का विकास कार्य प्रगति पर है।

उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान- UDAN)

  • इसे वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) के रूप में लॉन्च किया गया था।
  • इसे राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (NCAP)-2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार किया गया और यह योजना 10 वर्ष की अवधि के लिये लागू की गई थी।
  • योजना के तहत व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु क्षेत्रीय कनेक्टिविटी अनुदान (Regional Connectivity Fund- RCF) की व्यवस्था की गई थी।
    • VGF का अर्थ बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये प्रदान किया जाने वाला एकमुश्त या स्थगित अनुदान है जो आर्थिक रूप से उचित है लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से कम है।

बिहार Switch to English

बिहार में ठंड और कोहरे का असर रबी फसलों पर

चर्चा में क्यों?

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बिहार के विभिन्न ज़िलों के प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि भीषण ठंड और कोहरे ने आलू तथा सरसों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचाया है, इसके बाद मसूर की फसल को नुकसान हुआ है। हालाँकि गेहूँ की फसल को कोई खास नुकसान होने की खबर नहीं है।

  • मुख्य बिंदु:
  • विभिन्न ज़िलों में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के वैज्ञानिकों ने कई दिनों तक चली शीत लहर और शीत दिवस की स्थिति के कारण रबी फसलों के नुकसान की पुष्टि की है।
    • उन्होंने विशेष रूप से बदलती जलवायु के साथ देर से बुआई से उपज और उत्पादन पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला।
    • देर से बोई गई आलू की फसल को 25 से 40% तक नुकसान हुआ, जबकि जल्दी बोई गई आलू की फसल को 15% नुकसान हुआ। सरसों की फसल को भी 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
  • किसानों के सामने चुनौती यह है कि वे दिसंबर तक धान की कटाई करते हैं और फिर दिसंबर के मध्य या जनवरी की शुरुआत में सरसों तथा आलू सहित रबी फसलों की बुआई शुरू करते हैं, जिससे उन्हें गंभीर ठंड की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
  • लंबे समय तक ठंड रहने और दिन में धूप कम होने से रबी की फसल प्रभावित हुई है। इन स्थितियों ने फसलों के विकास, फूल आने और उपज बनाने की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे आलू में झुलसा रोग की व्यापक रिपोर्टें सामने आई हैं। हालाँकि गेहूँ की फसलें काफी हद तक अप्रभावित हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)

  • यह राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (National Agricultural Research System- NARS) का अभिन्न अंग है। पहला KVK वर्ष 1974 में पुद्दुचेरी में स्थापित किया गया था।
  • KVK का अधिदेश इसके अनुप्रयोग और क्षमता विकास के लिये प्रौद्योगिकी मूल्यांकन तथा प्रदर्शन है।
  • इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, शोधन और प्रदर्शनों के माध्यम से कृषि तथा संबद्ध उद्यमों में स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकी मॉड्यूल का मूल्यांकन करना है।
  • KVK भी गुणवत्तापूर्ण तकनीकी उत्पादों जैसे- बीज, रोपण सामग्री, पशुधन आदि का उत्पादन करते हैं और इसे किसानों को उपलब्ध कराते हैं।
  • KVK योजना भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित है और कृषि विश्वविद्यालयों, ICAR संस्थानों, संबंधित सरकारी विभागों तथा कृषि में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGO) द्वारा स्वीकृत हैं।

बिहार Switch to English

नीतीश डिवाइस

चर्चा में क्यों?

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Bihar State Disaster Management Authority) ने नीतीश (Novel Initiative Technological Intervention for Safety of HumanLives - NITISH) डिवाइस लॉन्च किया है।

  • एक अभिनव लॉकेट/पेंडेंट-आकार की तकनीक है जो किसानों और जनता को समय पर अलर्ट प्रदान करने के लिये अभिकल्पित है। यह तकनीक विशेष रूप से तड़ित (lightning), बाढ़, ग्रीष्म लहर (Heatwaves) और शीतलहर (Coldwaves) को लक्षित करती है।

मुख्य बिंदु:

  • यह पहल आकाशीय बिजली गिरने और फ्लैश फ्लड यानी अचानक आई बाढ़ के कारण होने वाली किसानों की मौतों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी, जिसमें जीवन बचाने में डिवाइस की भूमिका पर ज़ोर दिया गया था।
  • NITISH डिवाइस को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology- IIT), पटना के सहयोग से प्रस्तुत किया गया है।
  • यह उपकरण बिहार मौसम विज्ञान सेवा केंद्र (Bihar Meteorological Service Centre) से संबद्ध है, जो वास्तविक समय/रियल टाइम और सटीक मौसम संबंधी अलर्ट सुनिश्चित करता है।
  • पेंडेंट शरीर की ऊष्मा से चार्ज होगा। यह डिवाइस तीन तरह से अलर्ट जारी करेगा:
    • सबसे पहले यह ध्वनि संदेश भेजेगा।
    • इसका रंग हरे से लाल हो जाएगा।
    • यह डिवाइस तब तक गर्म होता रहेगा जब तक उसका उपयोगकर्त्ता इसे बंद नहीं कर देता।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

  • बिहार SDMA की स्थापना 6 नवंबर 2007 को संसद द्वारा पारित आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 14 (1) के तहत की गई थी।
  • इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिये एक समग्र, सक्रिय, बहु-आपदा और प्रौद्योगिकी-संचालित रणनीति विकसित करके एक सुरक्षित तथा आपदा प्रतिरोधी बिहार का निर्माण करना है।
  • इसे रोकथाम, शमन और तैयारी की संस्कृति के माध्यम से हासिल किया जाएगा।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा में निजी क्षेत्र के रोज़गार में आरक्षण के संबंध में केंद्र को सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस

चर्चा में क्यों?

सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से उत्तर मांगा, जिसमें राज्य के निवासियों को निजी क्षेत्र में रोज़गार में 75% आरक्षण प्रदान करने वाले कानून को 'असंवैधानिक' घोषित किया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • उच्च न्यायालय ने 15 जनवरी, 2022 से लागू हुए हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोज़गार अधिनियम, 2020 के खिलाफ कई याचिकाएँ स्वीकार की थीं और राज्य के उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र में रोज़गार में 75% आरक्षण प्रदान किया था।
    • इसमें अधिकतम सकल मासिक वेतन या 30,000 रुपए तक की मज़दूरी देने वाले रोज़गार शामिल थे।
  • पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की राय थी कि इस मुद्दे पर कानून बनाना तथा निजी नियोक्ताओं को 30,000 रुपए प्रति माह से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की श्रेणी के लिये खुले बाज़ार से भर्ती करने से रोकना राज्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
  • उच्च न्यायालय ने देखा था कि हरियाणा राज्य से संबंधित नहीं होने वाले नागरिकों के एक समूह को द्वितीयक दर्जा प्रदान करके और उनकी आजीविका के मौलिक अधिकारों में कटौती करके संवैधानिक नैतिकता की अवधारणा का उल्लंघन किया गया है।
  • इसमें यह भी कहा गया था कि संविधान के तहत नागरिकों के बीच उनके जन्म स्थान और निवास स्थान के आधार पर रोज़गार के मामलों में भेदभाव पर रोक है।

नोट:

  • आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित अन्य राज्यों में भी अधिवासियों के लिये रोज़गार आरक्षण विधेयक या कानून की घोषणा की गई है।
  • वर्ष 2019 में आंध्र प्रदेश विधानसभा में पारित रोज़गार कोटा विधेयक में स्थानीय लोगों के लिये तीन-चौथाई निजी पद भी आरक्षित किये गए।

अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोज़गार में अवसर की समानता)

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 किसी भी सार्वजनिक कार्यालय में रोज़गार या नियुक्ति के मामलों में सभी नागरिकों के लिये अवसर की समानता प्रदान करता है।
  • किसी भी पिछड़े वर्ग के लिये नियुक्तियों या पदों में आरक्षण के प्रावधान हैं जिनका राज्य सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड हाईकोर्ट को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिलीं

चर्चा में क्यों?

4 फरवरी को न्यायमूर्ति रितु बाहरी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

मुख्य बिंदु:

  • उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरुमीत सिंह ने जस्टिस बाहरी को पद की शपथ दिलाई।
    • उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से पहले, न्यायमूर्ति बहरी ने वर्ष 2010 से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
  • वह नागरिक, संवैधानिक, कराधान, श्रम और सेवा मामलों में विशेषज्ञ हैं।
  • अपनी 24 वर्ष की कानूनी प्रैक्टिस के दौरान, उन्होंने हरियाणा राज्य के लिये सहायक महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता और वरिष्ठ उप महाधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया।

महाधिवक्ता

  • भारत के संविधान के भाग VI (राज्य) में अध्याय 2 (कार्यपालिका) का अनुच्छेद 165 राज्यों के लिये महाधिवक्ता के कार्यालय का प्रावधान करता है।
  • उसकी नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है, जिसे उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिये योग्य होना चाहिये।
  • महाधिवक्ता अपने आधिकारिक कर्त्तव्यों के पालन में राज्य के भीतर किसी भी न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का अधिकारी है।
  • महाधिवक्ता को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का अधिकार है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड का मौसम: लुढ़का पारा, पहाड़ी जन जीवन स्थगित

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में बर्फबारी और वर्षा हुई, जिससे मौजूदा शुष्क दौर से राहत मिली और पूरे क्षेत्र में तापमान में गिरावट आई।

  • बादल छाये रहने के कारण मसूरी और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई।

मुख्य बिंदु:

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग के देहरादून स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, गढ़वाल हिमालय के ऊपरी इलाकों जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में पर्याप्त बर्फबारी हुई।
  • तलहटी में हल्की वर्षा हुई है जिससे दिन के तापमान में गिरावट आई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
    • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
  • यमुनोत्री धाम:
    • स्थान: ज़िला उत्तरकाशी
    • समर्पित: देवी यमुना
    • गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
  • गंगोत्री धाम:
    • स्थान: ज़िला उत्तरकाशी
    • समर्पित: देवी गंगा
    • गंगा नदी सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
  • केदारनाथ धाम:
  • बद्रीनाथ धाम:
    • स्थान: ज़िला चमोली
    • पवित्र बद्रीनारायण मंदिर
    • समर्पित: भगवान विष्णु
    • वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2