क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिये बैठक | बिहार | 04 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने पटना में आयोजित एक बैठक के दौरान बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को कवर करने वाले पूर्वी क्षेत्र के आठ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के प्रदर्शन की समीक्षा की।
मुख्य बिंदु
- बैठक के केंद्रित क्षेत्र:
- व्यावसायिक प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी उन्नयन, तथा कृषि एवं सूक्ष्म उद्योग से संबंधित गतिविधियों में वृद्धि को बढ़ावा देना प्राथमिक केंद्र था।
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रायोजक बैंकों के सहयोग से मुद्रा (MUDRA) और पीएम विश्वकर्मा जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत ऋण वितरण बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
- कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिये निर्देश:
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को ज़मीनी स्तर पर कृषि ऋण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए, विशेष रूप से डेयरी, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों के लिये।
- उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मत्स्य पालन और मखाना (Foxnut) के लिये ऋण बढ़ाने का कार्य सौंपा गया ताकि उनकी क्षेत्रीय क्षमता का दोहन किया जा सके।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन पर ज़ोर:
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने RRB की दक्षता और सेवा वितरण में सुधार के लिये प्रौद्योगिकी संवर्द्धन में तेजी लाने पर बल दिया।
- वित्तीय मापदंडों में सुधार दिखा, पूंजी पर्याप्तता अनुपात 7.8% (वित्त वर्ष 2022) से बढ़कर 9.4% (वित्त वर्ष 2024) हो गया और इसी अवधि के दौरान सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 25% से घटकर 15% हो गईं।
- पूर्वी क्षेत्र के RRB ने वित्त वर्ष 2024 में 625 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में 690 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा होगा।
- वित्तीय समावेशन पहल:
- डिजिटल सेवाएँ और समय सीमा:
- स्वरोजगार और स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना:
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)
- RRB की स्थापना 26 सितंबर, 1975 को जारी अध्यादेश और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के अंतर्गत 1975 में की गई थी।
- ये वित्तीय संस्थाएँ हैं जो कृषि और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिये पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करती हैं।
- वे ग्रामीण समस्याओं की जानकारी के संदर्भ में एक सहकारी बैंक की विशेषताओं और व्यावसायिकता तथा वित्तीय संसाधन जुटाने की क्षमता के संदर्भ में एक वाणिज्यिक बैंक की विशेषताओं को एक साथ जोड़ते हैं।
- 1990 के दशक में सुधारों के बाद, सरकार ने वर्ष 2005-06 में एक समेकन कार्यक्रम शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 2005 में 196 से घटकर वित्त वर्ष 2021 में 43 हो गई।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- PMMY को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
- PMMY छोटे व्यवसाय उद्यमों के लिये 10 लाख रुपए तक का संपार्श्विक-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान करता है।
- यह सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं (MLI) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI)।