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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Apr 2025
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राजस्थान दिवस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान सरकार ने राजस्थान का स्थापना दिवस 30 मार्च के बजाए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाने की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु

  • वर्षों पुरानी मांग:
    • वर्ष 1992 में गठित नववर्ष समारोह समिति ने राजस्थान सरकार से वर्षों से यह मांग की थी कि राजस्थान स्थापना दिवस 30 मार्च की बजाय चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (नव संवत्सर) पर मनाया जाए। समिति ने तर्क दिया कि स्थापना दिवस का वास्तविक महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि राजस्थान की स्थापना इसी दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुभ समय पर हुई थी।
  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्त्व:
    • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा वर्ष का वह दिन होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक पूर्ण चक्र पूरा करती है, जिससे दिन और रात बराबर होते हैं। 

    • यह संतुलन और नई शुरुआत का प्रतीक है। 

  • राजस्थान की स्थापना 
    • 14 जनवरी, 1949 को उदयपुर की एक सार्वजनिक सभा में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर रियासतों के सैद्धांतिक रूप से विलय की घोषणा की थी।
    • सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जयपुर में 30 मार्च, 1949 को एक समारोह में वृहद् राजस्थान का उद्घाटन किया था, इसलिये राजस्थान दिवस हर वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है।
    • आज़ादी के वक्त राजस्थान में कुल 22 रियासतें थी। वर्तमान राजस्थान में तत्कालीन 19 देसी रियासतों में राजाओं का शासन हुआ करता था। जबकि, तीन रियासतों (नीमराना, लव और कुशालगढ़) में चीफशिप थी। यहाँ के अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का राज था।
    • भारत सरकार ने अफज़ल अली के नेतृत्व में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश शासित अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत का 1 नवंबर, 1956 को राजस्थान में विलय कर लिया।
    • इस दौरान ही मध्य प्रदेश की मंदसौर तहसील के गाँव सुनेलटप्पा को भी राजस्थान में शामिल किया गया। जबकि, राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के गाँव सिरोंज को मध्य प्रदेश में शामिल किया गया।
  • भारत सरकार की गठित राव समिति की सिफारिशों के आधार पर 7 सितंबर, 1949 को जयपुर को राजस्थान राज्य की राजधानी बनाया गया।
  • राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल तीन लाख 42 हज़ार 239 वर्ग किलोमीटर है। यह देश का 1/10 भूभाग है।


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राजस्थान को टीबी उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

24 मार्च, 2025 को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर राजस्थान को टीबी उन्मूलन की दिशा में किये गए विशेष प्रयासों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है

मुख्य बिंदु

  • मुद्दे के बारे में:
    • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राजस्थान को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर यह पुरस्कार प्रदान किया।
    • टीबी मुक्त भारत अभियान और टीबी मुक्त ग्राम पंचायत जैसी पहलों को साकार करने में राजस्थान ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
    • प्रमुख शासन सचिव ने जानकारी दी कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत वर्ष 2024 में राजस्थान की 3,355 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया, जबकि 2023 में यह संख्या 586 थी। 
    • इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राजस्थान में अब तक 19,000 से अधिक निक्षय मित्र (समुदाय समर्थक) जोड़े जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान:

  • परिचय:
  • उद्देश्य:
    • टीबी रोगियों के उपचार परिणामों में सुधार के लिये अतिरिक्त रोगी सहायता प्रदान करना।
    • 2025 तक टीबी को समाप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में समुदाय की भागीदारी बढ़ाना।
    • कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility-CSR) गतिविधियों का लाभ उठाना।
  • घटक: 
    • नि-क्षय मित्र पहल: यह टीबी के इलाज के लिये अतिरिक्त निदान, पोषण और व्यावसायिक सहायता सुनिश्चित करता है।
      • नि-क्षय मित्र (दाता) सरकारी प्रयासों के पूरक के लिये टीबी के खिलाफ प्रतिक्रिया में तेज़ी लाने हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये (व्यक्तिगत दाता के लिये), ब्लॉक/शहरी वार्डों/ज़िलों/राज्यों के स्तर पर सहायता करते हैं।
    • नि-क्षय डिजिटल पोर्टल: यह टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के लिये सामुदायिक सहायता के लिये एक मंच प्रदान करेगा।
  • ‘क्षय रोग’ (TB)
    • परिचय: टीबी या क्षय रोग ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस’ नामक जीवाणु के कारण होता है,
      • यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है।
      • यह एक इलाज योग्य और साध्य रोग है।
    • संचरण: टीबी रोग हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब ‘पल्मोनरी टीबी’ से पीड़ित कोई व्यक्ति खाँसता, छींकता या थूकता है, तो वह टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देता है।
    • लक्षण: ‘पल्मोनरी टीबी’ के सामान्य लक्षणों में बलगम, कई बार खून के साथ खाँसी और सीने में दर्द, कमज़ोरी, वज़न कम होना, बुखार और रात को पसीना आना शामिल है।
    • वैक्सीन: बैसिल कैलमेट-गुएरिन (BCG) टीबी रोग के लिये एक टीका है।


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