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क्षय रोग के अन्मूलन हेतु अभियान

  • 13 Dec 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने क्षय रोग के अदृश्य मामलों को खोजने और उनका उपचार करने के लिये, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समुदायों में तथा क्षय रोग से होने वाली मौतों को कम करने के लिये 100-दिवसीय गहन राष्ट्रव्यापी अभियान आरंभ किया है। इसे संपूर्ण देश में 347 ज़िलों में लागू किया जाएगा। 

  • अभियान: 100 दिवसीय अभियान राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
    • यह वर्ष 2030 के सतत् विकास लक्ष्य की समय-सीमा से पहले क्षय रोग उन्मूलन के व्यापक भारतीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।
    • नवीन दवा प्रतिरोधी टीबी उपचार पद्धति- BPALM के कार्यान्वयन हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किये गए, ताकि इस उन्नत उपचार को मानकीकृत और कारगर बनाया जा सके। 
      • BPALM दवा प्रतिरोधी टीबी से जूझ रहे रोगियों के लिये बेहतर परिणाम प्रदान करता है, जिसमें चार दवाओं का संयोजन शामिल है- बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन।  
    • देश भर में मरीज़ों का पता लगाने और उनका उपचार करने के लिये मोबाइल वैन “निक्षय वाहन” का भी शुभारंभ किया गया।
  • टीबी: टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह संक्रमित लोगों के खाँसने, छींकने या थूकने से हवा के माध्यम से फैलता है। 
    • भारत टीबी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, क्षय रोग (टीबी) के कारण मृत्यु दर वर्ष 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 28 से घटकर वर्ष 2022 में प्रति लाख जनसंख्या पर 23 हो जाएगी।
  • टीबी के विरुद्ध भारत की पहलें:

और पढ़ें: क्षय रोग, वैश्विक क्षय रोग रिपोर्ट 2024, भारत टीबी रिपोर्ट 2024

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