झारखंड Switch to English
प्रधानमंत्री आवास योजना: 4 लाख लोगों को मिलेगा आवास का लाभ
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत अब झारखंड के लोगों को अपना घर मिलने जा रहा है।
- शुरुआत में केंद्र सरकार ने प्रारंभ में राज्य में 1.13 लाख बेघर लोगों को आवास प्रदान करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इस संख्या को बढ़ाकर 4,19,947 कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY):
- परिचय:
- यह देश में गरीब और निम्न आय वर्ग को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख योजना है।
- यह योजना वर्ष 2015 में आरंभ की गई थी, जिसका प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी लोगों को आवास प्रदान करना है।
- हालाँकि, सरकार इस लक्ष्य से चूक गई और अगस्त 2022 में “सभी के लिये आवास” सुनिश्चित करने की समय सीमा दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने देश भर में लाखों नये घर बनाने की योजना बनाई है।
- यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी गरीबों के लिये महत्त्वपूर्ण रही है, क्योंकि कई लोगों के पास अपना घर नहीं था।
- यह विशेष रूप से अस्थायी आश्रयों या झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिये लाभदायक है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ:
- किफायती ऋण: PMAY के तहत गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को घर खरीदने के लिये किफायती ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के नाम से जाना जाता है।
- इसके तहत 2.5 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे घर खरीदने के लिये ऋण पर ब्याज दर में कमी आती है।
- महिलाओं, अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) को प्राथमिकता दी जाती है।
- सब्सिडी: यह योजना नकद सब्सिडी भी प्रदान करती है, जो घरों के निर्माण, मरम्मत या नवीनीकरण के लिये उपयोगी होती है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिये अलग-अलग योजनाएँ हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनाने या सुधारने के लिये 1.2 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 2.67 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है।
- मकानों की गुणवत्ता और डिज़ाइन: PMAY के तहत निर्मित मकानों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- इन घरों को स्थायी और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जाता है। साथ ही, घरों का डिज़ाइन इस तरह से बनाया जाता है कि वे सभी मौसम की स्थिति के अनुकूल हों और परिवार के सभी सदस्यों के लिये आरामदायक हों।
- किफायती ऋण: PMAY के तहत गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को घर खरीदने के लिये किफायती ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के नाम से जाना जाता है।
- परिचय:
ऋण लिंक्ड सब्सिडी:
- आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग ((MIG-I और MIG-II) के लोग घर खरीदने या बनाने के लिये क्रमशः 6 लाख रुपए, 9 लाख रुपए और 12 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर 6.5%, 4% और 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड में 14 फरवरी, 2025 तक चलने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के एथलीट उल्लेखनीय प्रभाव डाल रहे हैं।
- राज्य ने कुल चार स्वर्ण और तीन कांस्य पदक प्राप्त कर विभिन्न खेल विधाओं में अपनी बढ़ती हुई ताकत का प्रदर्शन किया है।
मुख्य बिंदु
- उपलब्धि की मुख्य विशेषताएँ:
- विजय कुमार ने पुरुषों के 55 किलोग्राम श्रेणी में इतिहास रच दिया, उन्होंने एक दशक में छत्तीसगढ़ के लिये पुरुष भारोत्तोलन में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- ज्ञानेश्वरी यादव ने महिला भारोत्तोलन में अपना दबदबा जारी रखते हुए 49 किलोग्राम श्रेणी में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
- भारोत्तोलन सफलता:
- उन्होंने गोवा में 37वें राष्ट्रीय खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता।
- कलारीपयट्टू: यह मानव शरीर के प्राचीन ज्ञान पर आधारित एक मार्शल आर्ट है। इसकी उत्पत्ति तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी के दौरान केरल में हुई थी।
- विवेक सिंह ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि रिशा नैन और अनीता ने कांस्य पदक हासिल किया।
- अन्य उपलब्धियाँ:
- छत्तीसगढ़ की महिला बीच हैंडबॉल टीम ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए असम को सीधे सेटों में हराकर राष्ट्रीय खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता।
- पुरुष बैडमिंटन टीम अरुणाचल प्रदेश को 5-0 से हराकर सेमीफाइनल में पहुँच गई।
- भूमि गुप्ता ने कड़ी प्रतिस्पर्द्धा के बीच सराहनीय प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 100 मीटर बटरफ्लाई फाइनल में पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया।
राष्ट्रीय खेल 2025
- 38वें राष्ट्रीय खेल, ओलंपिक से प्रेरित भारत का अपना बहु-खेल आयोजन है, जिसमें 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और सेवा खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) के एथलीट 32 विभिन्न खेलों में पदक के लिये प्रतिस्पर्द्धा करेंगे।
- 2025 के राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 26 जनवरी को ट्रायथलॉन स्पर्द्धाओं के साथ हुई।
- राष्ट्रीय खेलों के प्रत्येक संस्करण के समग्र विजेता को राजा भलिंद्र सिंह ट्रॉफी से सम्मानित किया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश ने भारत-जापान संबंधों को सशक्त किया
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने और भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2025 में जापानी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जापान की चार दिवसीय यात्रा (28-31 जनवरी 2025) पर हैं।
मुख्य बिंदु
- जापान के विदेश उप मंत्री के साथ बैठक:
- भारत-जापान संबंधों को सशक्त करने और राज्य स्तर पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।
- A&D मेडिकल्स के निदेशक के साथ चर्चा:
- मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन के मेडिकल और फार्मास्युटिकल पार्क में रियायती दरों पर 75 एकड़ जमीन की पेशकश की।
- A&D मेडिकल्स 2025 में मध्य प्रदेश में विनिर्माण सुविधा स्थापित करने में रुचि रखता है।
- पूर्वी जापान रेलवे कंपनी के अध्यक्ष के साथ बैठक:
- जापान और मध्य प्रदेश के बीच आर्थिक सहयोग पर चर्चा की गई।
- इसमें जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज भी शामिल हुए।
- टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत:
- मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश को टोयोटा के लिये निवेश स्थल के रूप में पेश किया।
- वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (GIS) 2025:
- 24-25 फरवरी, 2025 को भोपाल में होगा।
- उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
मध्य प्रदेश Switch to English
IIT इंदौर ने एग्रीहब का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2025 को, IIT इंदौर ने एग्रीहब लॉन्च किया गया, जो एक अत्याधुनिक उत्कृष्टता केंद्र (CoE) है, जो भारत में कृषि के सामने आने वाली महत्त्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और डीप लर्निंग (DL) के उपयोग पर केंद्रित है।
मुख्य बिंदु
- एग्रीहब का मिशन और विज़न:
- एग्रीहब का लक्ष्य शोधकर्त्ताओं, किसानों, प्रजनकों और नीति निर्माताओं के लिये एक सहयोगी मंच बनना है।
- इस पहल का उद्देश्य सतत् कृषि के लिये AI, ML और DL पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतर-विषयक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ावा देने में एग्रीहब की क्षमता को पहचानते हुए इसके प्रति प्रबल समर्थन व्यक्त किया है।
- महत्त्व:
- स्टार्टअप इनक्यूबेशन: एग्रीहब कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के विकास का समर्थन करेगा।
- रोज़गार सृजन: इससे सतत् खेती से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- पेटेंट और प्रकाशन: अनुसंधान परिणामों में नवाचार, पेटेंट और वैज्ञानिक प्रकाशन शामिल होंगे जो कृषि प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान देंगे।
- उद्योग सहयोग: एग्रीहब का लक्ष्य अपने अनुसंधान के व्यावहारिक अनुप्रयोगों के निर्माण के लिये उद्योगों के साथ साझेदारी करना है।
- उद्यमिता कार्यशालाएँ: छात्रों और उभरते पेशेवरों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के कार्यक्रमों पर मुख्य ध्यान दिया जाएगा।
- तकनीकी प्रगति: एग्रीहब कम कृषि उत्पादकता और जलवायु परिवर्तन (सूखा, बाढ़) के प्रभाव जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिये AI, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और बड़े डेटा का उपयोग करेगा।
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS), ड्रोन प्रौद्योगिकी और सटीक खेती के एकीकरण से संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने, फसलों की निगरानी करने और किसानों को डेटा-संचालित समाधान प्रदान करने में सहायता मिलेगी।