उत्तर प्रदेश Switch to English
रंग, रसायन और हस्तशिल्प पर प्रदर्शनी
चर्चा में क्यों?
ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में हस्तशिल्प, रंग और रसायन तथा परिधान प्रौद्योगिकी पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- आयोजन के बारे में:
- इस प्रदर्शनी का आयोजन भारत टेक्स 2025 के तहत किया गया, जबकि वृहद् कार्यक्रम भारत मंडपम, नई दिल्ली में 14 से 17 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया।
- यह प्रदर्शनी उद्योगों को नए व्यापारिक अवसर, उत्कृष्टता प्रदर्शन, स्थायित्व और नवाचार के जरिये समग्र विकास और प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देती है।
- इसमें आयोजित कार्यक्रम चार प्रमुख विषयों पर केंद्रित थे:
- गारमेंट टेक्नोलॉजी एक्सपो (GTE) 2025 - अत्याधुनिक मशीनरी, प्रक्रियाओं और समाधानों का प्रदर्शन।
- डाईकेम वर्ल्ड भारत टेक्स 2025 - प्रकृति अनुकूल रंगों, रसायनों और कच्चे माल पर केंद्रित प्रदर्शनी।
- हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शनी - हस्तनिर्मित वस्त्रों की प्रदर्शनी।
- इंडिया सोर्सिंग कॉन्क्लेव (ISC) - सोर्सिंग कंसल्टेंट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मेलन।
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उत्तर प्रदेश Switch to English
महाकुंभ से सम्बंधित भ्रामक वीडियो पर कार्रवाई
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे भ्रामक वीडियो को लेकर सख्त कार्रवाई की है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
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पिछले एक महीने में 53 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
- इन अकाउंट्स् के माध्यम से महाकुंभ से जुड़ी गलत जानकारी और गुमराह करने वाले वीडियो पोस्ट किये गए थे।
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस और साइबर एजेंसियाँ इन गलत खबरों पर नज़र रख रही हैं, ताकि ऐसी भ्रामक जानकारी को फैलने से रोका जा सके।
-
- लोगों पर प्रभाव:
- इन घटनाओं में झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने की कोशिश की गई थी। इन गलत सूचनाओं का असर लोगों के मन में भ्रम और डर उत्पन्न करता है।
- साथ ही समाज में तनाव और असुरक्षा का वातावरण उत्पन्न होता है।
सोशल मीडिया और फेक न्यूज़ संबंधी नियम-कानून
- उल्लेखनीय है कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले से ही सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2008 के दायरे में आते हैं।
- हालांकि भारत में फेक न्यूज़ को रोकने के लिये कोई विशेष कानून नहीं है। परंतु भारत में अनेक संस्थाएँ हैं, जो इस संदर्भ में कार्य करती हैं।
- प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक ऐसी ही नियामक संस्था है जो समाचार पत्र, समाचार एजेंसी और उनके संपादकों को उस स्थिति में चेतावनी दे सकती है यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने पत्रकारिता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।
- न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) निजी टेलीविजन समाचार और करेंट अफेयर्स के प्रसारकों का प्रतिनिधित्व करता है एवं उनके विरुद्ध शिकायतों की जाँच करता है।
- ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल (BCCC) टीवी ब्रॉडकास्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टीवी कंटेंट और फर्ज़ी खबरों की शिकायत स्वीकार करती है और उनकी जाँच करती है।
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राजस्थान Switch to English
अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
18-19 फरवरी 2025 को राजस्थान के उदयपुर में दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु
- सम्मेलन के बारे में:
- यह सम्मलेन जल शक्ति मंत्रालय के तत्त्वाधान में आयोजित किया गया।
- यह सम्मेलन जल प्रबंधन के प्रभावी उपायों को अपनाने, जल क्षेत्र की जटिलताओं को संबोधित करने और जल सुरक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये अहम कदम है।
- विषय:
- इस सम्मेलन का विषय था "भारत@2047- जल सुरक्षित राष्ट्र", जो प्रधानमंत्री के विकसित, जल-सुरक्षित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- उद्देश्य:
- इसका मुख्य उद्देश्य टिकाऊ और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिये साझा दृष्टिकोण की दिशा में काम करते हुए राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ सहयोग को मज़बूत करना है।
- प्रमुख केंद्रित विषय:
- जल प्रशासन को सुदृढ़ बनाना
- जल भंडारण अवसंरचना और आपूर्ति में वृद्धि
- पेयजल पर ध्यान केंद्रितत करते हुए जल वितरण सेवाएँ
- सिंचाई और अन्य उपयोगों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जल वितरण सेवाएँ
- मांग प्रबंधन और जल उपयोग दक्षता
- एकीकृत नदी और तटीय प्रबंधन
जल जीवन मिशन:
- परिचय:
- वर्ष 2019 में शुरू किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
- जल जीवन मिशन पेयजल हेतु एक जन आंदोलन बनना चाहता है, जिससे यह हर किसी की प्राथमिकता बन जाए।
- यह जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- लक्ष्य:
- इस मिशन का लक्ष्य मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों एवं जल कनेक्शन, जल गुणवत्ता निगरानी और परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है।
- यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही यह पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, ग्रे जल उपचार और पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
- विशेषताएँ:
- जल जीवन मिशन स्थानीय स्तर पर जल की एकीकृत मांग और आपूर्ति पक्ष प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य तत्त्वों के रूप में सतत् उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण अन्य सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
- यह मिशन जल के लिये सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटकों के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।
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हरियाणा Switch to English
हरियाणा में शुरू होगी ई-लाइब्रेरी
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार डिजिटल शिक्षा में सुधार के लिये गुरुग्राम के सरकारी कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी शुरू कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- ई-लाइब्रेरी के लाभ:
- छात्रों को हज़ारों डिजिटल पुस्तकों, शोध पत्रों, पत्रिकाओं और व्याख्यानों तक पहुँच प्राप्त होगी।
- वे अपने फोन या लैपटॉप पर विशिष्ट लॉगिन क्रेडेंशियल का उपयोग करके अध्ययन सामग्री ब्राउज़ और डाउनलोड कर सकते हैं।
- यह पहल भौतिक पुस्तकों की सीमा को समाप्त करती है तथा एक ही समय में कई छात्रों को एक ही संसाधन का उपयोग करने की अनुमति देती है।
- गुरुग्राम विश्वविद्यालय में ई-लाइब्रेरी मॉडल की सफलता:
- गुरुग्राम विश्वविद्यालय (GU) ने पहले ही ई-लाइब्रेरी मॉडल को बड़ी सफलता के साथ लागू कर दिया है। GU के छात्रों के पास वर्तमान में निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध हैं:
- 17,000 ई-पुस्तकें
- 8,800 ई-पत्रिकाएँ
- 130,000 ई-व्याख्यान
- 748,000 थीसिस
- 2,200 रिपोर्ट
- 2,600 विशेषज्ञ वार्ता
- आधुनिक शिक्षा की ओर कदम:
- ज़िला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ई-लाइब्रेरी विद्यार्थियों को नवीनतम शैक्षणिक शोध और वैश्विक अध्ययन से अपडेट रहने में मदद करेगी।
- इस पहल को हरियाणा में उच्च शिक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया गया है।
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उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये पंद्रहवें वित्त आयोग (XV FC) का अनुदान जारी किया है।
- ये अनुदान पंचायती राज संस्थाओं (PRI) और ग्रामीण स्थानीय निकायों (RLB) को सहायता देकर ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र को मज़बूत करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- XV FC अनुदान:
- सरकार ने उत्तराखंड के लिये वित्त वर्ष 2024-25 के लिये अनटाइड अनुदान की पहली किस्त, 93.9643 करोड़ रुपए जारी कर दी है।
- सरकार ने पंजाब में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये 225.1707 करोड़ रुपए की अनटाइड अनुदान की पहली किस्त जारी कर दी है।
- सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिये वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 237.1393 करोड़ रुपए की अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त वितरित की है।
- अनुदान आवंटन की प्रक्रिया:
- पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये XV FC अनुदान की सिफारिश करते हैं।
- वित्त मंत्रालय इन अनुदानों को प्रति वित्तीय वर्ष दो किस्तों में जारी करता है।
- XV FC अनुदान का उपयोग:
- अप्रतिबंधित अनुदान:
- पंचायती राज संस्थाएँ और ग्रामीण स्थानीय निकाय इन अनुदानों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिये कर सकते हैं।
- इन अनुदानों का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों के लिये नहीं किया जा सकता।
- बंधे हुए अनुदान:
- इन निधियों का उपयोग बुनियादी सेवाओं के लिये किया जाना चाहिये, जिनमें शामिल हैं:
- स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्त (ODF) स्थिति का रखरखाव, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन और मल कीचड़ उपचार शामिल है।
- पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण।
- इन निधियों का उपयोग बुनियादी सेवाओं के लिये किया जाना चाहिये, जिनमें शामिल हैं:
वित्त आयोग
- यह एक संवैधानिक निकाय है, जो संवैधानिक व्यवस्था और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच कर आय के वितरण की विधि और नियम निर्धारित करता है।
- संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत भारत के राष्ट्रपति को पाँच वर्ष के अंतराल पर या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करना आवश्यक है।
- प्रथम वित्त आयोग की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और अब तक पंद्रह वित्त आयोग स्थापित हो चुके हैं।
15वाँ वित्त आयोग
- एन.के. सिंह की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा 27 नवंबर 2017 को योजना आयोग की समाप्ति और वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने की पृष्ठभूमि में किया गया था।
- नवंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिये अंतिम रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक प्रस्तुत करने के लिये इसके कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी थी।
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राजस्थान Switch to English
मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा
चर्चा में क्यों?
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने गुजरात और राजस्थान राज्यों में मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की समीक्षा की।
मुख्य बिंदु
- समीक्षा में परियोजना निगरानी समूह (PMG) द्वारा सुगम अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के माध्यम से मुद्दे के समाधान में तेज़ी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- जिनमें प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:
- DPIIT ने 14 महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं से संबंधित 21 मुद्दों की समीक्षा की।
- गुजरात में खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क की ट्रांसमिशन परियोजनाओं पर महत्त्वपूर्ण रूप से ज़ोर दिया गया, जिससे सालाना 81 बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की उम्मीद है।
- रिलायंस जियो की 5जी/4जी विस्तार परियोजना की भी समीक्षा की गई, जो तेज़ गति, कम विलंबता और व्यापक कवरेज जैसे लाभ प्रदान करती है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT)
- स्थापना:
- उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी तथा वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग को इसमें मिला दिया गया।
- यह अपने वर्तमान स्वरूप में 27 जनवरी 2019 को अस्तित्व में आया, जब पूर्ववर्ती औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग का नाम बदलकर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) कर दिया गया।
- उद्देश्य:
- यह विभाग राष्ट्रीय प्राथमिकताओं एवं सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये प्रोत्साहन एवं विकासात्मक उपायों के निर्माण एवं कार्यान्वयन के लिये जिम्मेदार है।
- यह देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और बढ़ाने के लिये भी ज़िम्मेदार है।
- यह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
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उत्तर प्रदेश Switch to English
NSSTA का 17वाँ स्थापना दिवस
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (NSSTA) ने 13 फरवरी, 2025 अपना 17वाँ स्थापना दिवस मनाया।
मुख्य बिंदु
- स्थान:
- यह दिवस महालनोबिस ऑडिटोरियम, NSSTA, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में मनाया गया।
- विषय:
- इसका विषय था: "सांख्यिकीय उत्कृष्टता के माध्यम से शासन को सशक्त बनाना- क्षमता विकास और सहयोग के 17 वर्ष"।
- उद्देश्य:
- सांख्यिकीविदों और क्षेत्र के अधिकारियों को उन्नत कार्यप्रणाली से युक्त करना, उच्च गुणवत्ता वाले डाटा संग्रह को सुनिश्चित करना, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का समर्थन करना।
राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (NSSTA):
परिचय:
- ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में स्थित यह संस्था सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन एक महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण संस्था है।
- इसकी स्थापना जनवरी 2009 में की गई थी।
उद्देश्य
- इसका प्रमुख उद्देश्य भारत में सांख्यिकीय प्रणाली को मज़बूत करना और सांख्यिकीय क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।
- इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, शोधकर्त्ताओं, शिक्षाविदों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
महत्त्व
- सरकारी अधिकारियों और सांख्यिकीविदों को डाटा संग्रहण और विश्लेषण में दक्ष बनाता है।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांख्यिकी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और विधियों से प्रशिक्षुओं को परिचित कराता है।
- सांख्यिकी विज्ञान से जुड़े नए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और सरकारी योजनाओं में आँकड़ों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने में सहायक।
- विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर सांख्यिकीय प्रशिक्षण और अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है।
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