विश्व हाथी दिवस | 17 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व ने विश्व हाथी दिवस मनाने के लिये जागरूकता अभियान चलाया।
प्रमुख बिंदु:
- कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व:
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित है। प्रोजेक्ट टाइगर को वर्ष 1973 में कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में लॉन्च किया गया था, जो कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936 में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिये हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी।
- इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान कोर एरिया बनाता है, जबकि बफर क्षेत्र में आरक्षित वन तथा सोनानदी वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- रिज़र्व का पूरा क्षेत्र पर्वतीय है और शिवालिक तथा बाह्य हिमालय भूगर्भीय क्षेत्रों में आता है।
- रामगंगा, सोनानदी, मंडल, पलैन और कोसी रिज़र्व से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।
- 500 वर्ग किलोमीटर में फैले कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में 230 बाघ हैं और यहाँ प्रति सौ वर्ग किमी० 14 बाघों के साथ विश्व में सबसे अधिक बाघ घनत्व है।
- वनस्पति:
- यहाँ सघन नम पर्णपाती वन पाए जाते हैं। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के अनुसार कॉर्बेट में वृक्ष, झाड़ियाँ, फ़र्न, घास, जड़ी-बूटियाँ, बाँस आदि की 600 प्रजातियाँ हैं। कॉर्बेट में पाए जाने वाले सबसे ज़्यादा वृक्ष साल, खैर और शीशम हैं।
- जीव-जंतु:
- बाघों के अलावा कॉर्बेट में तेंदुए भी हैं। अन्य स्तनधारी जानवर जैसे जंगली बिल्लियाँ, बार्किंग डियर, चित्तीदार हिरण, सांभर हिरण आदि भी यहाँ पाए जाते हैं।
- उत्तराखंड के अन्य प्रमुख संरक्षित क्षेत्र:
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान.
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान संयुक्त रूप से UNESCO विश्व धरोहर स्थल हैं।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- गोविंद राष्ट्रीय उद्यान
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित है। प्रोजेक्ट टाइगर को वर्ष 1973 में कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में लॉन्च किया गया था, जो कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है।
विश्व हाथी दिवस
- यह प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को वनों में एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की स्थिति के संबंध में जागरूकता लाने के लिये मनाया जाता है।
- विश्व हाथी दिवस 2024 का थीम है “Personifying prehistoric beauty, theological relevance, and environmental importance अर्थात् प्रागैतिहासिक सौंदर्य, धार्मिक प्रासंगिकता और पर्यावरणीय महत्त्व को मूर्त रूप देना”।
- वर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार अनुमानित 27,312 हाथियों और 138 पहचाने गए हाथी गलियारों के साथ भारत दुनिया की लगभग 60% एशियाई हाथियों की आबादी का आवास स्थान है।
- हाथियों की गर्भधारण अवधि लगभग 22 महीने होती है, जो किसी भी स्थलीय जीव की तुलना में सबसे लंबी होती है।
- एशियाई हाथियों (भारतीय) को आवास की कमी, मानव-हाथी संघर्ष और अवैध शिकार के कारण IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया है।