प्रारंभिक परीक्षा
हाथी गलियारों में भूदृश्य पारिस्थितिकी
- 09 Apr 2024
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स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में केवल क्षेत्र विशेष पर निर्भर रहने के बजाय हाथी गलियारों को प्रभावी ढंग से पहचानने और पुनर्स्थापित करने के लिये भूदृश्य पारिस्थितिकी महत्त्वपूर्ण हो गई है।
- भूदृश्य पारिस्थितिकी एक परिदृश्य के अस्थायी (समय-संबंधित) और स्थानिक (अंतरिक्ष-संबंधित) पहलुओं तथा जीवों के मध्य परस्पर क्रिया का अध्ययन है।
- मुख्य क्षेत्रों एवं गलियारों का पता लगाने में प्रगति के साथ भूदृश्य पारिस्थितिकी अधिक सटीक हो गई है और अब यह तीन कारकों पर आधारित है: फील्ड डेटा का गहन उपयोग, भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographic Information Systems-GIC) में सुधार तथा भू-स्थानिक डेटा व अनुकूलित एल्गोरिदम की उपलब्धता।
हाथी गलियारे क्या हैं?
- परिचय:
- हाथी गलियारों को भूमि के एक खंड के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो हाथियों के दो अथवा दो से अधिक अनुकूल आवास स्थानों के बीच आवागमन में सुलभता प्रदान करता है।
- भारत में हाथी गलियारों की स्थिति:
- भारत के एलीफैंट कॉरिडोर से प्रमुख निष्कर्ष, 2023 रिपोर्ट:
- इस रिपोर्ट में 62 नए गलियारों की वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जो वर्ष 2010 के बाद से बने गलियारों में 40% की वृद्धि को दर्शाते हैं। वर्तमान में भारत में कुल 150 गलियारे मौजूद हैं।
- पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक हाथी गलियारे हैं, जिनकी कुल संख्या 26 है, जो कुल गलियारों का 17% है।
- पूर्वी-मध्य क्षेत्र 35% (52 गलियारे) का योगदान देता है तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र 32% (48 गलियारे) के साथ दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
- दक्षिणी भारत में 32 हाथी गलियारे पंजीकृत हैं, जो कुल गलियारों का 21% है, जबकि उत्तरी भारत में सबसे कम 18 गलियारे हैं, जो कि देश मों मौजूद कुल गलियारों का 12% हैं।
- हाथियों ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और कर्नाटक की सीमा से लगे दक्षिणी महाराष्ट्र में अपनी सीमा का विस्तार किया है।
- भारत के एलीफैंट कॉरिडोर से प्रमुख निष्कर्ष, 2023 रिपोर्ट:
हाथी:
- भारत में हाथी:
- भारत में हाथी को प्रमुख प्रजाति के साथ-साथ प्राकृतिक विरासत पशु होने का भी गौरव प्राप्त है।
- भारत में जंगली एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है। देश में हाथियों की कुल आबादी 30,000 से अधिक होने का अनुमान है।
- भारत में हाथियों की सबसे अधिक आबादी कर्नाटक में है।
- संरक्षण की स्थिति:
- प्रवासी प्रजातियों का सम्मेलन (CMS): परिशिष्टI
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूचीI
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट:
- एशियाई हाथी: लुप्तप्राय
- अफ्रीकी वन हाथी: गंभीर रूप से लुप्तप्राय
- अफ्रीकी सवाना हाथी: लुप्तप्राय
- संरक्षणात्मक प्रयास:
- भारत:
- विश्वस्तरीय कार्यक्रम:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय हाथियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (A) |