उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन में निवेश हेतु तैयार | 29 May 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार नागरिक उड्डयन क्षेत्र में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (16,000 करोड़ रुपए से अधिक) के निजी निवेश का लक्ष्य बना रही है।
- विमानन प्रशिक्षण, विमान रखरखाव और एयरो-स्पोर्ट्स जैसी सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा, प्रस्तावित निवेश का उपयोग मौजूदा हवाई पट्टियों को विकसित तथा उन्नत करने के लिये किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
- प्रमुख क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के तहत, तत्काल विकास के लिये चिह्नित 14 सरकारी हवाई पट्टियों के अलावा, राज्य 225 मार्गों को चालू करने के लिये कदम उठा रहा है।
- छह हवाई पट्टियों अर्थात् अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, श्रावस्ती, मुरादाबाद और सोनभद्र को RCS के तहत उड़ानों को संभालने के लिये उन्नत किया जा रहा है।
- राज्य ने हवाई पट्टियों के आधुनिकीकरण, भूमि अधिग्रहण और अन्य के लिये नागरिक उड्डयन बुनियादी ढाँचे हेतु चालू वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में लगभग 28,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
- उत्तर प्रदेश में वित्त वर्ष 24 में यात्रियों की संख्या में 20% की वृद्धि देखी गई, जो अवकाश और व्यावसायिक पर्यटन में विमानन विकास में तीव्र वृद्धि का संकेत है।
- रकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड के तहत प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्थलों में हेलीकॉप्टर टैक्सियों को भी बढ़ावा दे रही है।
- वर्ष 2023 में, UP टूरिज़्म ने आगरा और मथुरा के बीच 30 वर्षों के लिये हेलीपोर्ट संचालित करने हेतु राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- UP सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है, वर्ष 2023 में पर्यटकों की आमद में 50% की वृद्धि दर्ज करते हुए 480 मिलियन तक पहुँच गया है।
क्षेत्रीय संपर्क योजना
- परिचय:
- क्षेत्रीय हवाई अड्डे के विकास तथा क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिये नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) को लॉन्च किया गया था।
- यह राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (National Civil Aviation Policy), 2016 का हिस्सा है।
- यह योजना 10 वर्ष की अवधि के लिये लागू है।
- उद्देश्य:
- भारत के सुदूर क्षेत्रों और क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार करना।
- दूरस्थ क्षेत्रों का विकास और व्यापार एवं वाणिज्य तथा पर्यटन विस्तार को बढ़ाना।
- आम लोगों को सस्ती दरों पर हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराना।
- विमानन क्षेत्र में रोज़गार सृजन।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- इस योजना के तहत एयरलाइंस को कुल सीटों की 50% सीटों के लिये हवाई किराया 2,500 रुपए प्रति घंटे की उड़ान पर सीमित करना होगा।
- इस उद्देश्य को निम्नलिखित के आधार पर प्राप्त किया जाएगा
- केंद्र एवं राज्य सरकारों और हवाई अड्डों के संचालकों की ओर से रियायतों के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से।
- व्यवहार्यता अंतराल अनुदान (Viability Gap Funding- VGF)- संचालन की लागत और अपेक्षित राजस्व के बीच अंतर को कम करने के लिये एयरलाइंस को प्रदान किये जाने वाले सरकारी अनुदान के माध्यम से।
- योजना के तहत व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी अनुदान (Regional Connectivity Fund- RCF) प्रदान किया गया है।
- इस निवेश में सहभागी राज्य सरकारें (केंद्रशासित प्रदेश और NER राज्यों के अतिरिक्त जिनका योगदान 10% है) 20% की भागीदारी करेंगी।